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NCERT की किताबों से मुगल शासकों के महिमामंडन को हटाने वाली याचिका को Delhi HC ने किया खारिज - दपिंदर सिंह ने एनसीईआरटी को लीगल नोटिस भेजा

हाईकोर्ट ने क्याें कहा, कि हमारे पास मौजूदा सरकार की नीति को ठीक करने के लिए वक्त नहीं है और आप चाहते हैं कि हम चार सौ साल पुराने राजाओं की नीतियों की समीक्षा करें.

Delhi HC
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Published : Dec 15, 2021, 9:56 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने एनसीईआरटी (Delhi High Court NCERT book) की 12वीं की किताब में शाहजहां और औरंगजेब की ओर से मंदिरों के लिए दान दिए जाने का जिक्र करने के अंश को हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर (Delhi High Court dismissed petition seeking correction in book ) दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हमारे पास मौजूदा सरकार की नीति को ठीक करने के लिए वक्त नहीं है और आप चाहते हैं कि हम चार सौ साल पुराने राजाओं की नीतियों की समीक्षा करें.


सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट के लिए समय की बर्बादी है. याचिका संजीव विकल ने दायर (Sanjeev Vikal filed in Delhi High Court) की थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील हितेश बैसला ने कहा कि एनसीईआरटी की बारहवीं कक्षा के इतिहास की पुस्तक में थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 के पेज नंबर 234 में लिखा है कि युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहा दिया गया था. उन मंदिरों की मरम्मत के लिए शाहजहां और औरंगजेब ने अनुदान जारी किया था.

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याचिका में कहा गया था कि किताब में गलत जानकारी दी गई है जिसे हटाने का दिशानिर्देश जारी किया जाए. इससे पहले राजस्थान के एक समाजसेवी दपिंदर सिंह (Dapinder Singh sent notice to NCERT) ने एनसीईआरटी को लीगल नोटिस भेजा था. नोटिस में मुगलों की तारीफ में लिखी गई कथित भ्रामक बातों काे हटाने की मांग की गई है. दपिंदर ने एनसीईआरटी को एक आरटीआई भी भेजा था.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने एनसीईआरटी (Delhi High Court NCERT book) की 12वीं की किताब में शाहजहां और औरंगजेब की ओर से मंदिरों के लिए दान दिए जाने का जिक्र करने के अंश को हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर (Delhi High Court dismissed petition seeking correction in book ) दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हमारे पास मौजूदा सरकार की नीति को ठीक करने के लिए वक्त नहीं है और आप चाहते हैं कि हम चार सौ साल पुराने राजाओं की नीतियों की समीक्षा करें.


सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट के लिए समय की बर्बादी है. याचिका संजीव विकल ने दायर (Sanjeev Vikal filed in Delhi High Court) की थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील हितेश बैसला ने कहा कि एनसीईआरटी की बारहवीं कक्षा के इतिहास की पुस्तक में थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 के पेज नंबर 234 में लिखा है कि युद्ध के दौरान मंदिरों को ढहा दिया गया था. उन मंदिरों की मरम्मत के लिए शाहजहां और औरंगजेब ने अनुदान जारी किया था.

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याचिका में कहा गया था कि किताब में गलत जानकारी दी गई है जिसे हटाने का दिशानिर्देश जारी किया जाए. इससे पहले राजस्थान के एक समाजसेवी दपिंदर सिंह (Dapinder Singh sent notice to NCERT) ने एनसीईआरटी को लीगल नोटिस भेजा था. नोटिस में मुगलों की तारीफ में लिखी गई कथित भ्रामक बातों काे हटाने की मांग की गई है. दपिंदर ने एनसीईआरटी को एक आरटीआई भी भेजा था.

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