नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अनुब्रत मंडल की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. याचिका में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कोर्ट ने उन्हें डिफॉल्ट जमानत देने से इनकार किया था. पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशियों की तस्करी के मामले की जांच ED कर रही है. इसमें मंडल आरोपी है.
24 जनवरी को खारिज हुई थी जमानत अर्जीः राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रघुबीर सिंह ने 24 जनवरी को मंडल की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. कहा था कि राहत देने का कोई आधार नहीं है. इस आदेश के खिलाफ मंडल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मामले में जल्द सुनवाई की मांग करते हुए मंडल के वकील ने बुधवार को न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ के समक्ष अर्जी दाखिल की.
4 महीने पर मिलती है तारीखः अर्जी में तर्क दिया कि हमें प्रवर्तन निदेशालय से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है. यह धारा 167 का आवेदन है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी कहता है कि 15 दिन के अंदर इसका निस्तारण कर देना चाहिए. इसके बाद भी केस में चार महीने की तारीख दी जाती है. ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने कहा कि केस में कोई भी सुविधाजनक तारीख दी जा सकती है. दोनों पक्षों के तर्कों पर ध्यान देते हुए न्यायमूर्ति शर्मा ने मामले को एक जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
दिसंबर में ED ने किया गिरफ्तारः ईडी के विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने पहले कहा था कि मंडल की जमानत अर्जी निराधार है. ED ने मंडल को सीमा सुरक्षा बल के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार के खिलाफ कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया था. 21 दिसंबर 2022 को मंडल ने ईडी के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा पेशी वारंट जारी करने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था. 19 दिसंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को उन्हें दिल्ली लाने की अनुमति दी थी.
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