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CGIT में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने पर ये अधिकारी तलब - श्रम मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी तलब

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और एक न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं करने पर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के सेक्रेटरी और केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल के सेक्रेटरी को तलब किया है.

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Published : Oct 25, 2021, 7:52 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल (Central Government Industrial Tribunal) में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी पर असंतोष जताया है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के सेक्रेटरी और केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल के सेक्रेटरी को तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.

कोर्ट ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने ट्रिब्युनल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए जरूरी लाइसेंस और हाई स्पीड इंटरनेट की व्यवस्था नहीं की है. कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में ये कहीं नहीं बताया गया है कि उसने हाई स्पीड इंटरनेट और वीडियो कांफ्रेंसिंग के प्लेटफार्म के लाइसेंस के लिए फंड स्वीकृत किया है.

दरअसल, हाई कोर्ट ने 28 जुलाई को दिल्ली के राऊज एवेन्यू स्थित केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल में इंफ्रास्ट्रक्चर और एक न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति का आदेश दिया था.

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल एक महत्वपूर्ण ट्रिब्युनल है और उसका लगातार काम करना जरूरी है, ताकि श्रमिकों को न्याय मिल सके. सुनवाई के दौरान श्रम न्यायालयों में पेश होने वाले वकीलों ने हाई कोर्ट से कहा कि राऊज एवेन्यू कोर्ट परिसर में दो केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल्स हैं, लेकिन एक ट्रिब्युनल में पीठासीन अधिकारी का पद खाली है. हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है.

पढ़ेंः टेरर फंडिंग मामले में NIA कोर्ट ने किया सजा का एलान

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल (Central Government Industrial Tribunal) में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी पर असंतोष जताया है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के सेक्रेटरी और केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल के सेक्रेटरी को तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.

कोर्ट ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने ट्रिब्युनल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए जरूरी लाइसेंस और हाई स्पीड इंटरनेट की व्यवस्था नहीं की है. कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में ये कहीं नहीं बताया गया है कि उसने हाई स्पीड इंटरनेट और वीडियो कांफ्रेंसिंग के प्लेटफार्म के लाइसेंस के लिए फंड स्वीकृत किया है.

दरअसल, हाई कोर्ट ने 28 जुलाई को दिल्ली के राऊज एवेन्यू स्थित केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल में इंफ्रास्ट्रक्चर और एक न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति का आदेश दिया था.

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल एक महत्वपूर्ण ट्रिब्युनल है और उसका लगातार काम करना जरूरी है, ताकि श्रमिकों को न्याय मिल सके. सुनवाई के दौरान श्रम न्यायालयों में पेश होने वाले वकीलों ने हाई कोर्ट से कहा कि राऊज एवेन्यू कोर्ट परिसर में दो केंद्र सरकार औद्योगिक ट्रिब्युनल्स हैं, लेकिन एक ट्रिब्युनल में पीठासीन अधिकारी का पद खाली है. हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है.

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