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उच्च न्यायालय ने चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा - Chitra Ramakrishna

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण द्वारा दायर की गई जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है.

Delhi High Court
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Published : May 20, 2022, 2:57 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने को-लोकेशन मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण की ओर से दायर जमानत याचिका पर शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन (Justice Sudhir Kumar Jain) ने जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को 31 मई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

निचली अदालत ने 12 मई को एनएसई की पूर्व प्रमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि अभी जमानत दिए जाने का कोई आधार नहीं है. सीबीआई एनएसई के कंप्यूटर सर्वर से बड़ी संख्या में शेयर ब्रोकर को सूचना के कथित अनुचित प्रसार की जांच कर रही है. देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में अनियमितताओं से जुड़े खुलासों के बीच मई 2018 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

अदालत द्वारा रामकृष्ण की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के एक दिन बाद छह मार्च को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था. निचली अदालत ने सात दिन की सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद 14 मार्च को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए नोबेल विजेता बॉब डायलन के साथ ही फ्रैंकेनस्टीन मॉन्स्टर (प्रख्यात उपन्यास 'फ्रैंकेनस्टीन' का काल्पनिक किरदार) का हवाला दिया था.

अदालत ने कहा था कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) समेत पूरी वित्तीय दुनिया एनएसई के खुद को मजबूत करने का इंतजार कर रही है.....ताकि वे बड़ी संख्या में निवेश के लिए भारत आ सकें, जो वर्तमान में निवेश के लिए शानदार स्थान है. विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल (trial court Judge Sanjeev Aggarwal) ने कहा था, 'ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी रामकृष्ण प्रथम दृष्टया एनएसई के मामलों को एक 'निजी क्लब' की तरह चला रही थीं. जैसा कि गायक, लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता बॉब डायलन ने एक बार कहा था 'मनी डज नॉट टॉक, इट स्वेअर्स.'

ये भी पढ़ें - सीबीआई कोलकाता त्रिपुरा हाउस परिसर में निर्माण की जांच करे : कलकत्ता हाई कोर्ट

उन्होंने कहा, 'यह 1964 में प्रदर्शित संगीत एल्बम 'इट्स ऑलराइट मा आई एम ओनली ब्लीडिंग' का एक गाना है, जिसका मतलब है कि पैसे का न केवल प्रभाव होता है, बल्कि इसका लोगों पर भी प्रतिकूल असर भी पड़ता है.' इससे पहले, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एनएसई, रामकृष्ण और रवि नारायण समेत दो अन्य अधिकारियों पर वरिष्ठ स्तर पर भर्ती में खामियों को लेकर जुर्माना लगाया था.

नारायण 1994 से मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे, जबकि रामकृष्ण ने अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई का प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद संभाला था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने को-लोकेशन मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण की ओर से दायर जमानत याचिका पर शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन (Justice Sudhir Kumar Jain) ने जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को 31 मई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

निचली अदालत ने 12 मई को एनएसई की पूर्व प्रमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि अभी जमानत दिए जाने का कोई आधार नहीं है. सीबीआई एनएसई के कंप्यूटर सर्वर से बड़ी संख्या में शेयर ब्रोकर को सूचना के कथित अनुचित प्रसार की जांच कर रही है. देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में अनियमितताओं से जुड़े खुलासों के बीच मई 2018 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

अदालत द्वारा रामकृष्ण की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के एक दिन बाद छह मार्च को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था. निचली अदालत ने सात दिन की सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद 14 मार्च को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए नोबेल विजेता बॉब डायलन के साथ ही फ्रैंकेनस्टीन मॉन्स्टर (प्रख्यात उपन्यास 'फ्रैंकेनस्टीन' का काल्पनिक किरदार) का हवाला दिया था.

अदालत ने कहा था कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) समेत पूरी वित्तीय दुनिया एनएसई के खुद को मजबूत करने का इंतजार कर रही है.....ताकि वे बड़ी संख्या में निवेश के लिए भारत आ सकें, जो वर्तमान में निवेश के लिए शानदार स्थान है. विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल (trial court Judge Sanjeev Aggarwal) ने कहा था, 'ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी रामकृष्ण प्रथम दृष्टया एनएसई के मामलों को एक 'निजी क्लब' की तरह चला रही थीं. जैसा कि गायक, लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता बॉब डायलन ने एक बार कहा था 'मनी डज नॉट टॉक, इट स्वेअर्स.'

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उन्होंने कहा, 'यह 1964 में प्रदर्शित संगीत एल्बम 'इट्स ऑलराइट मा आई एम ओनली ब्लीडिंग' का एक गाना है, जिसका मतलब है कि पैसे का न केवल प्रभाव होता है, बल्कि इसका लोगों पर भी प्रतिकूल असर भी पड़ता है.' इससे पहले, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एनएसई, रामकृष्ण और रवि नारायण समेत दो अन्य अधिकारियों पर वरिष्ठ स्तर पर भर्ती में खामियों को लेकर जुर्माना लगाया था.

नारायण 1994 से मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे, जबकि रामकृष्ण ने अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई का प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद संभाला था.

(पीटीआई-भाषा)

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