नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने अभिनेत्री जूही चावला (Actress Juhi Chawla) से बुधवार को कहा कि वह देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क (5G Wireless Network) स्थापित करने के खिलाफ दायर अपनी याचिका पर एक संक्षिप्त नोट दाखिल करें.
चावला ने देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को उच्च न्यायालय (High Court) में याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर इस प्रौद्योगिकी के विकिरण के प्रभाव संबंधी मुद्दों को उठाया था.
चार अर्जियों पर होगा विचार
जस्टिस जेआर मिढ़ा (J R Midha) ने कहा कि वादी अपराह्न ढाई बजे तक दो पन्नों का नोट दाखिल करें और अदालत अपराह्न तीन बजे मामले की सुनवाई करेगी. अदालत ने कहा कि वह याचिका की सुनवाई शुरू करने समेत चावला और दो अन्य याचिकाकर्ताओं की चार अर्जियों पर विचार करेगी.
अदालत ने दूरसंचार विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमित महाजन (Amit Mahajan) को डेढ़ पन्नों का नोट दाखिल करने की अनुमति दी, ताकि यह पता किया जा सके कि उस पर सुनवाई की आवश्यकता है या नहीं.
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न्यायाधीश ने कहा कि बचावकर्ता मेरे नोटिस जारी करने तक सुनवाई के अधिकार का दावा नहीं कर सकते. मैं देखूंगा कि क्या उन्हें अधिकार है. वकील दीपक खोसला (Deepak Khosla) के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि इन 5जी योजनाओं (5G Scheme) से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है.
सभी प्राणियों पर होगा असर
चावला, वीरेश मलिक (Viresh Mallick) और टीना वचानी (Tina Vachani) ने याचिका दायर करके कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, जानवर, पक्षी, कीट और अन्य कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा.
याचिका में प्राधिकारियों को यह प्रमाणित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी (5G Technology) किस तरह से मानव जाति, पुरुषों, महिलाओं, वयस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है.
- भाषा