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30 घंटे सितार बजाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले राजकुमार के संघर्ष की कहानी उन्हीं की जुबानी

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Published : Aug 26, 2021, 7:08 PM IST

दिल्ली के शिक्षक राजकुमार ने कोरोना महामारी से हार न मानते हुए 30 घंटे से भी अधिक समय तक सितार बजाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा लिया है.

शिक्षक राजकुमार
शिक्षक राजकुमार

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने बहुत कुछ देखा और बहुत कुछ खो दिया. किसी ने कोरोना की इस आपादा को अवसर में बदलने क प्रयास किया. कुछ लोगों ने घरों पर रहकर अपने हुनर को पहचान दिलाई. आज हम आपको दिल्ली के एक ऐसे युवक के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने न कोरोना को हराया, बल्कि अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज कराया. सितार वादक राजकुमार कोरोना की पहली लहर में बीमार हुए, लेकिन वह हारे नहीं और कोरोना का डटकर मुकाबला किया. इस दौरान उन्होंने अपने अकेलेपन में संगीत की साधना को जारी रखा और संगीत के जरिए कोरोना को मात दी.

सितार वादक राजकुमार ने कहा कि इसी दौरान सोशल मीडिया पर सितार को लेकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में भी देखा और फिर रिकॉर्ड को तोड़ने का भी ख्याल आया. कोरोना से ठीक होने के बाद दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात हुई तो उनसे भी प्रोत्साहन मिला और फिर 24 अगस्त को दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के शिक्षक राजकुमार ने 30 घंटे से भी अधिक समय तक सितार बजाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. बता दें कि इससे पहले यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भारत के ही राधाकृष्ण मनोहरण के नाम था, उन्होंने 29 घंटे 8 मिनट तक लगातार सितार बजाया था.

शिक्षक राजकुमार से खास बातचीत.

कोरोना के कारण हुए एक कमरे में कैद

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले सितार वादक व शिक्षक राजकुमार ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए बताया कि जब वह कोविड-19 का शिकार हुए तो उन्हें परिवार के साथ ही सभी से दूर होना पड़ा और एक कमरे में कैद होकर रह गया. उन्होंने बताया कि जिस कमरे में वह रह रहे थे, वहां सभी वाद्य यंत्र रख लिए और साधना नहीं छोड़ी. साथ ही कहा कि जब ठीक हो कर बाहर निकले तो उनका वजन 4 किलो बढ़ा हुआ था.

वहीं उन्होंने कहा कि उन दिनों कोविड-19 के मामले भी तेजी से बढ़ रहे थे और डर भी लग रहा था, लेकिन मन में यह ख्याल था कि जो अब कुछ समय बचा है तो इस समय का बेहतर उपयोग क्यों न किया जाए. उन्होंने बताया कि वह धीरे-धीरे रियाज का समय बढ़ाने लगे और एक दिन ऐसा आया कि लगातार बिना उठे 25 घंटे तक ही रियाज किया. वहीं उन्होंने कहा कि कभी यह सोचा नहीं था कि 30 घंटे लगातार बिना एक जगह से उठे इस तरह का रिकॉर्ड बन जाएगा.

मेडिटेशन और योगा से मिला आत्मविश्वास

राजकुमार ने कहा कि एक मुद्रा में बैठने के लिए मेडिटेशन और योगा काफी कारगर साबित हुआ है. उन्होंने बताया कि वह मेडिटेशन और योगा निरंतर करते हैं और आज जो यह कामयाबी मिली है उसमें मेडिटेशन और योगा ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जब 23 अगस्त को रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी तो बैठने के तीन ही घंटे बाद शरीर ने जवाब देना शुरू कर दिया था, लेकिन एकाएक संगीत की दुनिया में खोता गया और 9-10 घंटे बाद केवल 10 मिनट का ब्रेक लिया.

साथ ही कहा कि 20 घंटे जब पूरे हो गए तो हाथ पूरी तरह जाम हो गया उस दौरान ऐसा मन किया कि छोड़ दूं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और जब रिकॉर्ड बनाने के समीप पहुंचा तो तालियों की गड़गड़ाहट होने लगी तब जाकर पता चला कि कुछ अलग कर दिया है.

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी तारीफ

वहीं सितार वादक और शिक्षक राजकुमार ने बताया कि उनकी एक बार शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मेंटर टीचर विकास ने मुलाकात कराई थी. उन्होंने बताया कि इस दौरान शिक्षा मंत्री ने उनके हुनर की तारीफ की थी और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में सोचने के लिए कहा था. साथ ही कहा कि जब शिक्षा मंत्री खुद कुछ अलग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं तो यह उनके लिए बड़ी बात है और वह इसी में जुट गए थे, क्योंकि कोविड-19 के कारण मौका भी मिला हुआ था.

सितार वादक और शिक्षक का राजकुमार ने बताया कि उनके परिवार में संगीत में रुचि सभी की है, लेकिन संगीत से जुड़ा हुआ कोई नहीं है. उन्होंने बताया कि वह चार भाई हैं, पिता किसी तरीके से मजदूरी करके सभी का जीवन यापन कर रहे थे. साथ ही कहा कि वह परिवार में सबसे छोटे हैं और पढ़ाई में ज्यादा मन लगता था.

शिक्षक राजकुमार ने बताया कि वह कानून की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. कुछ दिनों बाद संगीत की साधना में जुट गए और आज वह बतौर संगीत शिक्षक के तौर पर दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में काम कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-संगीत शिक्षक राजकुमार ने बनाया विश्व कीर्तिमान, गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने बहुत कुछ देखा और बहुत कुछ खो दिया. किसी ने कोरोना की इस आपादा को अवसर में बदलने क प्रयास किया. कुछ लोगों ने घरों पर रहकर अपने हुनर को पहचान दिलाई. आज हम आपको दिल्ली के एक ऐसे युवक के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने न कोरोना को हराया, बल्कि अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज कराया. सितार वादक राजकुमार कोरोना की पहली लहर में बीमार हुए, लेकिन वह हारे नहीं और कोरोना का डटकर मुकाबला किया. इस दौरान उन्होंने अपने अकेलेपन में संगीत की साधना को जारी रखा और संगीत के जरिए कोरोना को मात दी.

सितार वादक राजकुमार ने कहा कि इसी दौरान सोशल मीडिया पर सितार को लेकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में भी देखा और फिर रिकॉर्ड को तोड़ने का भी ख्याल आया. कोरोना से ठीक होने के बाद दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात हुई तो उनसे भी प्रोत्साहन मिला और फिर 24 अगस्त को दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के शिक्षक राजकुमार ने 30 घंटे से भी अधिक समय तक सितार बजाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. बता दें कि इससे पहले यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भारत के ही राधाकृष्ण मनोहरण के नाम था, उन्होंने 29 घंटे 8 मिनट तक लगातार सितार बजाया था.

शिक्षक राजकुमार से खास बातचीत.

कोरोना के कारण हुए एक कमरे में कैद

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले सितार वादक व शिक्षक राजकुमार ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए बताया कि जब वह कोविड-19 का शिकार हुए तो उन्हें परिवार के साथ ही सभी से दूर होना पड़ा और एक कमरे में कैद होकर रह गया. उन्होंने बताया कि जिस कमरे में वह रह रहे थे, वहां सभी वाद्य यंत्र रख लिए और साधना नहीं छोड़ी. साथ ही कहा कि जब ठीक हो कर बाहर निकले तो उनका वजन 4 किलो बढ़ा हुआ था.

वहीं उन्होंने कहा कि उन दिनों कोविड-19 के मामले भी तेजी से बढ़ रहे थे और डर भी लग रहा था, लेकिन मन में यह ख्याल था कि जो अब कुछ समय बचा है तो इस समय का बेहतर उपयोग क्यों न किया जाए. उन्होंने बताया कि वह धीरे-धीरे रियाज का समय बढ़ाने लगे और एक दिन ऐसा आया कि लगातार बिना उठे 25 घंटे तक ही रियाज किया. वहीं उन्होंने कहा कि कभी यह सोचा नहीं था कि 30 घंटे लगातार बिना एक जगह से उठे इस तरह का रिकॉर्ड बन जाएगा.

मेडिटेशन और योगा से मिला आत्मविश्वास

राजकुमार ने कहा कि एक मुद्रा में बैठने के लिए मेडिटेशन और योगा काफी कारगर साबित हुआ है. उन्होंने बताया कि वह मेडिटेशन और योगा निरंतर करते हैं और आज जो यह कामयाबी मिली है उसमें मेडिटेशन और योगा ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जब 23 अगस्त को रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी तो बैठने के तीन ही घंटे बाद शरीर ने जवाब देना शुरू कर दिया था, लेकिन एकाएक संगीत की दुनिया में खोता गया और 9-10 घंटे बाद केवल 10 मिनट का ब्रेक लिया.

साथ ही कहा कि 20 घंटे जब पूरे हो गए तो हाथ पूरी तरह जाम हो गया उस दौरान ऐसा मन किया कि छोड़ दूं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और जब रिकॉर्ड बनाने के समीप पहुंचा तो तालियों की गड़गड़ाहट होने लगी तब जाकर पता चला कि कुछ अलग कर दिया है.

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी तारीफ

वहीं सितार वादक और शिक्षक राजकुमार ने बताया कि उनकी एक बार शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मेंटर टीचर विकास ने मुलाकात कराई थी. उन्होंने बताया कि इस दौरान शिक्षा मंत्री ने उनके हुनर की तारीफ की थी और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में सोचने के लिए कहा था. साथ ही कहा कि जब शिक्षा मंत्री खुद कुछ अलग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं तो यह उनके लिए बड़ी बात है और वह इसी में जुट गए थे, क्योंकि कोविड-19 के कारण मौका भी मिला हुआ था.

सितार वादक और शिक्षक का राजकुमार ने बताया कि उनके परिवार में संगीत में रुचि सभी की है, लेकिन संगीत से जुड़ा हुआ कोई नहीं है. उन्होंने बताया कि वह चार भाई हैं, पिता किसी तरीके से मजदूरी करके सभी का जीवन यापन कर रहे थे. साथ ही कहा कि वह परिवार में सबसे छोटे हैं और पढ़ाई में ज्यादा मन लगता था.

शिक्षक राजकुमार ने बताया कि वह कानून की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. कुछ दिनों बाद संगीत की साधना में जुट गए और आज वह बतौर संगीत शिक्षक के तौर पर दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में काम कर रहे हैं.

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