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दिल्ली सरकार ने न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया - वकील दायन कृष्णन

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बीच केजरीवाल सरकार ने न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया है. बताया गया कि पूर्व में दिल्ली के न्यायिक अधिकारी फंड इकट्ठा कर खुद ही कोविड सेंटर स्थापित कर रहे थे. साथ ही कहा गया है कि अगर लोगों को पर्याप्त वैक्सीन मिल जाती है, तो कोरोना की तीसरी लहर से बचा जा सकता है.

दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : May 27, 2021, 3:21 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में घोषित किया है. आज दिल्ली हाई कोर्ट को इसकी सूचना दी गई. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया गया कि इसके लिए दिल्ली सरकार ने विधि सचिव को नोडल अफसर नियुक्त किया है.

न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर किया घोषित

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता दिल्ली ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से वकील दायन कृष्णन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इसे लेकर बैठक की है, जिसके सकारात्मक नतीजे निकले हैं. उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को केवल वैक्सीन लगाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया गया है. तब दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को जो सुविधाएं मिल रही हैं, वह न्यायिक अधिकारियों के लिए भी हैं.

पढ़ेंः व्हॉट्सएप यूजर्स डरे नहीं, सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकेंगे नए नियम : रविशंकर प्रसाद

पर्याप्त वैक्सीन से तीसरी लहर में बचा जा सकता है

पिछले 19 मई को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि क्या निचली अदालतों के न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जा सकता है. याचिका दिल्ली ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील दायन कृष्णन ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों के लिए कोरोना के संबंध में सरकार की ओर से कोई उपाय नहीं किए गए हैं. दिल्ली के न्यायिक अधिकारी फंड इकट्ठा कर खुद ही कोविड सेंटर स्थापित कर रहे हैं.

इस पर राहुल मेहरा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 3 महीने में पूरी दिल्ली को वैक्सीन लगा दिया जाए. अगर पर्याप्त वैक्सीन मिल जाती है, तो संभावित तीसरी लहर से संक्रमित होने के खतरे से बचा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि अगर एक भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है, तो हम में से कोई भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हो या निचली अदालत का कोई व्यक्ति, न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े हुए व्यक्तियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में घोषित किया है. आज दिल्ली हाई कोर्ट को इसकी सूचना दी गई. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया गया कि इसके लिए दिल्ली सरकार ने विधि सचिव को नोडल अफसर नियुक्त किया है.

न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर किया घोषित

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता दिल्ली ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से वकील दायन कृष्णन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इसे लेकर बैठक की है, जिसके सकारात्मक नतीजे निकले हैं. उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को केवल वैक्सीन लगाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया गया है. तब दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को जो सुविधाएं मिल रही हैं, वह न्यायिक अधिकारियों के लिए भी हैं.

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पर्याप्त वैक्सीन से तीसरी लहर में बचा जा सकता है

पिछले 19 मई को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि क्या निचली अदालतों के न्यायिक अधिकारियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जा सकता है. याचिका दिल्ली ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील दायन कृष्णन ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों के लिए कोरोना के संबंध में सरकार की ओर से कोई उपाय नहीं किए गए हैं. दिल्ली के न्यायिक अधिकारी फंड इकट्ठा कर खुद ही कोविड सेंटर स्थापित कर रहे हैं.

इस पर राहुल मेहरा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 3 महीने में पूरी दिल्ली को वैक्सीन लगा दिया जाए. अगर पर्याप्त वैक्सीन मिल जाती है, तो संभावित तीसरी लहर से संक्रमित होने के खतरे से बचा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि अगर एक भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है, तो हम में से कोई भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हो या निचली अदालत का कोई व्यक्ति, न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े हुए व्यक्तियों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाना चाहिए.

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