नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में गुरुवार को तिहाड़ जेल में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से दूसरे दौर की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. संघीय जांच एजेंसी ने इससे पहले सात मार्च को सिसोदिया से पांच घंटे पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए थे.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण एवं कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. यह नीति अब रद्द की जा चुकी है. सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। ईडी ने जेल की सेल नंबर एक में कैद पूर्व उपमुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए स्थानीय अदालत की इजाजत हासिल की थी.
जांच एजेंसी के सिसोदिया से उनके पास मौजूद सेलफोन को कथित रूप से बदलने एवं नष्ट करने और दिल्ली के आबकारी मंत्री के रूप में लिए गए नीतिगत फैसलों तथा उनके कार्यान्वयन के समय के बारे में पूछताछ किए जाने की संभावना है. आरोप है कि 2021-22 में शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने से संबंधित दिल्ली सरकार की आबकारी नीति ने शराब व्यापारियों को साठगांठ का अवसर प्रदान किया और कुछ कारोबारियों को फायदा पहुंचाया, जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी. हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
सिसोदिया को अलग वार्ड में रखा गया : आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों को 'निराधार' बताते हुए दिल्ली जेल अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को तिहाड़ की केंद्रीय जेल संख्या एक के वार्ड में रखा गया है, जहां कैदियों की न्यूनतम संख्या है और कोई गैंगस्टर नहीं है. 'आप' के सांसद संजय सिंह और विधायक सौरभ भारद्वाज के बयानों के बाद जेल प्रशासन ने यह प्रतिक्रिया जारी की. भारद्वाज ने बुधवार को आरोप लगाया कि सिसोदिया को जेल में अन्य कैदियों के साथ रखा जा रहा है और उन्हें 'विपश्यना' प्रकोष्ठ देने से इनकार कर दिया गया.
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जेल अधिकारियों ने अपनी प्रतिक्रिया में एक बयान जारी कर कहा कि मनीष सिसोदिया की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें अलग वार्ड में रखा गया है. उन्होंने कहा कि वार्ड में कैदियों की न्यूनतम संख्या है जो गैंगस्टर नहीं हैं और जेल के अंदर उनका आचरण अच्छा रहा है. जेल अधिकारियों के अनुसार, एक अलग प्रकोष्ठ उनके लिए बिना किसी परेशानी के ध्यान करने या ऐसी अन्य गतिविधियों को करने को संभव बनाता है.
(पीटीआई-भाषा)