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ईपीएस-95 के तहत पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर PM मोदी से मिले पेंशनर - PM Modi

ईपीएस-95 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से मिला.

पेंशनर
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Published : Aug 7, 2021, 8:14 PM IST

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है.

कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस)-95 के अंतर्गत पेंशनभोगियों के लिये पेंशन बढ़ाने और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन चला रही राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी.

उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री ने इस मामले में कदम उठाने का आश्वासन दिया है. एक बयान में राउत ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी की अगुवाई में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री से मिलकर ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के तहत आने वाले पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन महंगाई भत्ते के साथ 7,500 रुपये मासिक करने समेत चार सूत्री मांगें उनके समक्ष रखीं.'

बयान के अनुसार, 'हमने प्रधानमंत्री को ईपीएस पेंशनभोगियों को मिलने वाली बहुत कम पेंशन राशि और उसके कारण उनकी दुर्दशा के बारे में अवगत कराया.'

राउत ने दावा किया, 'तीस - तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं. इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर - बसर करना कठिन है.'

भविष्य निधि में जाता है 12 प्रतिशत हिस्सा

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी पेंशन योजना-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है. इसके लिये 15,000 रुपये मासिक वेतन की सीमा नियत है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है.

उन्होंने कहा, 'हमने महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के विकल्प की सुविधा, चिकित्सा सुविधा और गैर-ईपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों का योजना में समावेश कर 5,000 रुपये मासिक पेंशन किये जाने की मांग रखी है.'

पढ़ें- पेंशन नियमों में बदलाव पर पूर्व कर्मचारियों ने पीएम मोदी को पत्र लिख जताई चिंता

बयान के अनुसार यह दूसरा मौका है जब एनएसी ने इस मामले में प्रधानमंत्री से मुलाकात की है. उन्होंने कहा, 'ईपीएफओ के पास पर्याप्त कोष है और जिस प्रकार से सरकार ने अन्य पेंशन योजनाओं में अपना अशंदान बढ़ाया है, उसी प्रकार से ईपीएस-95 की पेंशन योजना में सरकार अपना अंशदान बढ़ाए व देश के बुजुर्ग पेंशनभोगियो को सम्मान देते हुए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करे.' प्रतिनिधिमंडल में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह राजावत और राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार डॉ. पीएन पाटिल भी शामिल थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है.

कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस)-95 के अंतर्गत पेंशनभोगियों के लिये पेंशन बढ़ाने और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन चला रही राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी.

उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री ने इस मामले में कदम उठाने का आश्वासन दिया है. एक बयान में राउत ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी की अगुवाई में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री से मिलकर ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के तहत आने वाले पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन महंगाई भत्ते के साथ 7,500 रुपये मासिक करने समेत चार सूत्री मांगें उनके समक्ष रखीं.'

बयान के अनुसार, 'हमने प्रधानमंत्री को ईपीएस पेंशनभोगियों को मिलने वाली बहुत कम पेंशन राशि और उसके कारण उनकी दुर्दशा के बारे में अवगत कराया.'

राउत ने दावा किया, 'तीस - तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं. इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर - बसर करना कठिन है.'

भविष्य निधि में जाता है 12 प्रतिशत हिस्सा

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी पेंशन योजना-95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है. इसके लिये 15,000 रुपये मासिक वेतन की सीमा नियत है. इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है.

उन्होंने कहा, 'हमने महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के विकल्प की सुविधा, चिकित्सा सुविधा और गैर-ईपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों का योजना में समावेश कर 5,000 रुपये मासिक पेंशन किये जाने की मांग रखी है.'

पढ़ें- पेंशन नियमों में बदलाव पर पूर्व कर्मचारियों ने पीएम मोदी को पत्र लिख जताई चिंता

बयान के अनुसार यह दूसरा मौका है जब एनएसी ने इस मामले में प्रधानमंत्री से मुलाकात की है. उन्होंने कहा, 'ईपीएफओ के पास पर्याप्त कोष है और जिस प्रकार से सरकार ने अन्य पेंशन योजनाओं में अपना अशंदान बढ़ाया है, उसी प्रकार से ईपीएस-95 की पेंशन योजना में सरकार अपना अंशदान बढ़ाए व देश के बुजुर्ग पेंशनभोगियो को सम्मान देते हुए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करे.' प्रतिनिधिमंडल में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह राजावत और राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार डॉ. पीएन पाटिल भी शामिल थे.

(पीटीआई-भाषा)

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