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G20 Summit Uttarakhand: देवभूमि पहुंचा 46 प्रतिनिधियों का दल, टोपी-टीके से हुआ स्वागत

तीसरी G-20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में 46 प्रतिनिधिमंडल के सदस्य उत्तराखंड पहुंच चुके हैं. अन्य प्रतिनिधिमंडल के सदस्य 26 जून को उत्तराखंड पहुंचेंगे. उत्तराखंड पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पारंपरिक और स्थानीय संस्कृति के साथ स्वागत किया गया.

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देवभूमि पहुंचा 46 प्रतिनिधियों का दल
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Published : Jun 25, 2023, 10:50 PM IST

देवभूमि पहुंचा 46 प्रतिनिधियों का दल

देहरादून(उत्तराखंड): भारत की अध्यक्षता में हो रही तीसरी G-20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक 26 से 28 जून तक उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में होने जा रही है. बैठक को लेकर रविवार 25 जून को सभी गेस्ट को सुबह उत्तराखंड पहुंचना था. लेकिन खराब मौसम और बारिश के कारण कुछ गेस्टों की फ्लाइट समय पर देहरादून जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाई.

दरअसल, रविवार को 4 देशों के 4 सदस्य दल को दिल्ली से इंडिगों की फ्लाइट से सुबह 7:45 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचना था. लेकिन खराब मौसम और भारी बारिश होने के कारण जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी कम हो गई. इस कारण इंडिगो की फ्लाइट आसमान से ही लखनऊ के लिए रवाना हो गई. हालांकि, मौसम ठीक होने पर दोपहर 12 बजे के आसपास चार सदस्य दल दोबारा जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा, जहां से सभी नरेंद्र नगर के लिए रवाना हुए.

46 प्रतिनिधि मंडल के सदस्य पहुंचे उत्तराखंड: G-20 सम्मेलन में 46 प्रतिनिधि मंडल के सदस्य रविवार को देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे. जहां विदेशी मेहमानों का स्थानीय संस्कृति और लोक परंपराओं व ढोल दमाऊ के साथ जोरदार स्वागत किया. इस दौरान विदेशी मेहमान उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू हुए और स्थानीय गीतों पर जमकर थिरके. जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर विदेशी मेहमानों का स्वागत डीएम सोनिका, डीआईजी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने किया.
ये भी पढ़ेंः जी 20 की IWG बैठक के लिए उत्तराखंड पहुंचे विदेशी मेहमान, हुआ ग्रैंड WELCOME

जानिए जी20 की खात बातें: G-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कुल 63 प्रतिनिधि भारतीय जी-20 प्रेसीडेंसी के तहत 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा पर चर्चा को आगे बढ़ाने और मार्च 2023 में विशाखापत्तनम में आयोजित दूसरी आईडब्ल्यूजी बैठक के दौरान हुई चर्चाओं की पश्चातवर्ती कार्रवाई के लिए बैठक में भाग लेंगे. G-20 इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य समूह बुनियादी ढांचे के निवेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करता है, जिसमें बुनियादी ढांचे को एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में विकसित करना, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ावा देना और बुनियादी ढांचे के निवेश के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए नवीन उपकरणों की पहचान करना भी शामिल है. आधारभूत कार्य समूह के नतीजे G-20 फाइनेंस ट्रैक प्राथमिकताओं में शामिल होते हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देते हैं.
ये भी पढ़ेंः जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड हुई G20 डेलीगेट्स की फ्लाइट, सुबह लौटी थी वापस

ठोस प्रगति पर चर्चा: तीसरी आईडब्ल्यूजी बैठक में 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा की विभिन्न कार्य धाराओं की दिशा में ठोस प्रगति पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में अन्य प्राथमिकताओं के साथ-साथ ‘कल के शहरों का वित्त पोषण, समावेशी, लचीला और टिकाऊ’ पर की जाने वाली चर्चा सर्वोच्च प्राथमिकता है. 3 दिवसीय बैठक के दौरान औपचारिक चर्चाओं के आलावा प्रतिनिधियों के लिए विभिन्न आधिकारिक बैठकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है. प्रतिनिधियों को ऋषिकेश की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक छटा का अनुभव भी करवाया जाएगा. प्रेसीडेंसी ने 28 जून की दोपहर 2 बजे प्रतिनिधियों के लिए एक भ्रमण की भी व्यवस्था की है.

विभिन्न चुनौतियों पर होगा डिस्कशन: आईडब्ल्यूजी बैठकों के मौके पर दो सेमीनारों का आयोजन भी किया जा रहा है. 26 जून को एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के साथ साझेदारी में 'टिकाऊ शहरों के रोडमैप पर उच्च स्तरीय सेमीनार' का भी आयोजन किया जा रहा है. तीन सत्रों में होने वाली चर्चा से G-20 के निर्णय निर्माताओं को तीव्र शहरीकरण और समावेशिता, प्रौद्योगिकी, इंफ्राटेक और डिजिटलीकरण की भूमिका की खोज के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से लेकर बुनियादी ढांचे के लचीलेपन तक की प्रमुख चुनौतियों को भी सुनने का अवसर मिलेगा. प्रतिनिधि इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी शहरों में से एक नए शहर नुसंतारा के विकास को लॉन्च करने के अद्वितीय दृष्टिकोण से भी सीखेंगे. अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी चर्चा में शामिल हो रहे हैं.

एमआरओ हब बनाने पर सम्मेलन: 27 जून को भारत को एमआरओ हब बनाने पर एक सम्मेलन भी आयोजित किया गया है, जिसमें एमआरओ क्षेत्र में भारत द्वारा पेश किए जाने वाले अवसरों पर चर्चा करने का एजेंडा शामिल है. प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आनंद लेने और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करने के लिए रात्रि भोज पर संवाद की भी मेजबानी की जाएगी. प्रेसीडेंसी ने प्रतिनिधियों के अनुभव के लिए 26 जून 2023 को 'योग रिट्रीट' की भी योजना बनाई है.

ये भी पढ़ेंः G20 की तीसरी बैठक के लिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे ब्राजील के मेहमान, हुआ भव्य स्वागत

देवभूमि पहुंचा 46 प्रतिनिधियों का दल

देहरादून(उत्तराखंड): भारत की अध्यक्षता में हो रही तीसरी G-20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक 26 से 28 जून तक उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में होने जा रही है. बैठक को लेकर रविवार 25 जून को सभी गेस्ट को सुबह उत्तराखंड पहुंचना था. लेकिन खराब मौसम और बारिश के कारण कुछ गेस्टों की फ्लाइट समय पर देहरादून जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाई.

दरअसल, रविवार को 4 देशों के 4 सदस्य दल को दिल्ली से इंडिगों की फ्लाइट से सुबह 7:45 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचना था. लेकिन खराब मौसम और भारी बारिश होने के कारण जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी कम हो गई. इस कारण इंडिगो की फ्लाइट आसमान से ही लखनऊ के लिए रवाना हो गई. हालांकि, मौसम ठीक होने पर दोपहर 12 बजे के आसपास चार सदस्य दल दोबारा जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा, जहां से सभी नरेंद्र नगर के लिए रवाना हुए.

46 प्रतिनिधि मंडल के सदस्य पहुंचे उत्तराखंड: G-20 सम्मेलन में 46 प्रतिनिधि मंडल के सदस्य रविवार को देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे. जहां विदेशी मेहमानों का स्थानीय संस्कृति और लोक परंपराओं व ढोल दमाऊ के साथ जोरदार स्वागत किया. इस दौरान विदेशी मेहमान उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू हुए और स्थानीय गीतों पर जमकर थिरके. जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर विदेशी मेहमानों का स्वागत डीएम सोनिका, डीआईजी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने किया.
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जानिए जी20 की खात बातें: G-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कुल 63 प्रतिनिधि भारतीय जी-20 प्रेसीडेंसी के तहत 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा पर चर्चा को आगे बढ़ाने और मार्च 2023 में विशाखापत्तनम में आयोजित दूसरी आईडब्ल्यूजी बैठक के दौरान हुई चर्चाओं की पश्चातवर्ती कार्रवाई के लिए बैठक में भाग लेंगे. G-20 इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य समूह बुनियादी ढांचे के निवेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करता है, जिसमें बुनियादी ढांचे को एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में विकसित करना, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ावा देना और बुनियादी ढांचे के निवेश के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए नवीन उपकरणों की पहचान करना भी शामिल है. आधारभूत कार्य समूह के नतीजे G-20 फाइनेंस ट्रैक प्राथमिकताओं में शामिल होते हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देते हैं.
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ठोस प्रगति पर चर्चा: तीसरी आईडब्ल्यूजी बैठक में 2023 इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा की विभिन्न कार्य धाराओं की दिशा में ठोस प्रगति पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में अन्य प्राथमिकताओं के साथ-साथ ‘कल के शहरों का वित्त पोषण, समावेशी, लचीला और टिकाऊ’ पर की जाने वाली चर्चा सर्वोच्च प्राथमिकता है. 3 दिवसीय बैठक के दौरान औपचारिक चर्चाओं के आलावा प्रतिनिधियों के लिए विभिन्न आधिकारिक बैठकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है. प्रतिनिधियों को ऋषिकेश की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक छटा का अनुभव भी करवाया जाएगा. प्रेसीडेंसी ने 28 जून की दोपहर 2 बजे प्रतिनिधियों के लिए एक भ्रमण की भी व्यवस्था की है.

विभिन्न चुनौतियों पर होगा डिस्कशन: आईडब्ल्यूजी बैठकों के मौके पर दो सेमीनारों का आयोजन भी किया जा रहा है. 26 जून को एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के साथ साझेदारी में 'टिकाऊ शहरों के रोडमैप पर उच्च स्तरीय सेमीनार' का भी आयोजन किया जा रहा है. तीन सत्रों में होने वाली चर्चा से G-20 के निर्णय निर्माताओं को तीव्र शहरीकरण और समावेशिता, प्रौद्योगिकी, इंफ्राटेक और डिजिटलीकरण की भूमिका की खोज के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से लेकर बुनियादी ढांचे के लचीलेपन तक की प्रमुख चुनौतियों को भी सुनने का अवसर मिलेगा. प्रतिनिधि इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी शहरों में से एक नए शहर नुसंतारा के विकास को लॉन्च करने के अद्वितीय दृष्टिकोण से भी सीखेंगे. अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी चर्चा में शामिल हो रहे हैं.

एमआरओ हब बनाने पर सम्मेलन: 27 जून को भारत को एमआरओ हब बनाने पर एक सम्मेलन भी आयोजित किया गया है, जिसमें एमआरओ क्षेत्र में भारत द्वारा पेश किए जाने वाले अवसरों पर चर्चा करने का एजेंडा शामिल है. प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आनंद लेने और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करने के लिए रात्रि भोज पर संवाद की भी मेजबानी की जाएगी. प्रेसीडेंसी ने प्रतिनिधियों के अनुभव के लिए 26 जून 2023 को 'योग रिट्रीट' की भी योजना बनाई है.

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