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सैन्य बलिदानी परिवार सम्मान समारोह में बोले राजनाथ सिंह, साहसी नेतृत्व होता तो नहीं होता POK विवाद - Soldiers were honored in Bhadoli of Himachal

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज हिमाचल प्रदेश के भड़ोली में बलिदानी परिवारों के सदस्‍यों को सम्‍मानित किया. इस दौरान राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पूर्व नेतृत्व को POK विवाद (Rajnath Singh POK controversy) के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि साहसी नेतृत्व होता तो आज पीओके विवाद ही न होता. तब सही नेतृत्‍व की कमी के कारण ही आज पीओके विवाद है. पढ़ें पूरी खबर..

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.
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Published : Sep 26, 2022, 6:48 PM IST

हमीरपुर: सैन्य बलिदानी परिवार सम्मान समारोह में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense minister Rajnath Singh) ने सोमवार को सैंकड़ों पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को सम्मानित (Soldiers were honored in Bhadoli of Himachal) किया. इस समारोह का आयोजन कांगड़ा हमीरपुर (Rajnath Singh in Himachal) जिले की सीमा पर नादौन के समीप भड़ोली में अमृत महोत्सव समारोह समिति हिमाचल प्रदेश के तत्वाधान में किया गया. इस दौरान अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश ने पिछले आठ वर्षों में अभूतपूर्व तरक्की की है.

साहसी नेतृत्व होता तो नहीं होता POK विवाद: उन्होंने कहा कि कहा भारत ने हमेशा विश्व शांति का संदेश दिया है. देश के स्वाभिमान को ललकारने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. रक्षा मंत्री ने कहा साहसी नेतृत्व होता तो आज पीओके विवाद (Rajnath Singh POK controversy) ही न होता. तब सही नेतृत्‍व की कमी के कारण ही आज पीओके विवाद है. युद्धपोतों पर महिला की तैनाती की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में आठ साल में भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदला है.

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.

शास्त्रों से भी जीत होती है हासिल: उन्होंने कहा कि देश का नेतृत्व करने वाले कभी कबूतर छोड़ते थे, अब चीते छोड़ने का जमाना आ गया है. देश की शौर्य, समर्पण की संस्कृति है. देश की सेना धर्म व कर्म वाली है. देश की रक्षा में हिमाचल का योगदान अनुकरणीय है. उन्होंने कहा कि हमें जीतने के लिए किसी शस्त्र की जरूरत नहीं है. शास्त्रों से भी जीत हासिल की जा सकती है. अपने आत्म सम्मान के लिए शस्त्र उठाना भी जरूरी है. देव भूमि है, यहां के लोग मेहनती हैं.

आगामी 25 सालों के लिए विकास का रोडमैप तय: उन्होंने कहा कि भारत के लोग शांति के मार्ग पर चलते हैं. भारत गुरु बनेगा व विश्व शांति के मार्ग पर चलेगा. इस दौरान उन्होंने मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन बिक्रम बत्रा सहित हिमाचल के कई बलिदानियों को भी याद किया. उन्होंने कहा कि आने वाले 25 सालों के लिए भारत के विकास का रोडमैप तय है. आने वाले एक दशक के भीतर भारत 311 सैन्य उपकरणों का आयात बंद करेगा. सभी 311 रक्षा उपकरण भारत की धरती पर बनाए जाएंगे. रक्षा मंत्री ने राज्य सरकार की पीठ भी थपथपाई.

रक्षा निर्यातक बना भारत: उन्होंने कहा कि पहले भारत रक्षा आयात करने के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब भारत रक्षा निर्यातक बन चुका है. वर्ष 2047 तक 2 लाख करोड़ का रक्षा निर्यात करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राजनाथ सिंह ने बताया कि रक्षा क्षेत्र में 311 आइटम को चिह्नित किया गया है. जिनका आने वाले सालों में मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही निर्माण होगा. सेना के दरवाजे पूरी तरह से महिलाओं के लिए खोल दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली से 2 साल बाद शिमला की उड़ानें शुरू, सीएम जयराम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया शुभारंभ

हमीरपुर: सैन्य बलिदानी परिवार सम्मान समारोह में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense minister Rajnath Singh) ने सोमवार को सैंकड़ों पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को सम्मानित (Soldiers were honored in Bhadoli of Himachal) किया. इस समारोह का आयोजन कांगड़ा हमीरपुर (Rajnath Singh in Himachal) जिले की सीमा पर नादौन के समीप भड़ोली में अमृत महोत्सव समारोह समिति हिमाचल प्रदेश के तत्वाधान में किया गया. इस दौरान अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश ने पिछले आठ वर्षों में अभूतपूर्व तरक्की की है.

साहसी नेतृत्व होता तो नहीं होता POK विवाद: उन्होंने कहा कि कहा भारत ने हमेशा विश्व शांति का संदेश दिया है. देश के स्वाभिमान को ललकारने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. रक्षा मंत्री ने कहा साहसी नेतृत्व होता तो आज पीओके विवाद (Rajnath Singh POK controversy) ही न होता. तब सही नेतृत्‍व की कमी के कारण ही आज पीओके विवाद है. युद्धपोतों पर महिला की तैनाती की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में आठ साल में भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदला है.

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.

शास्त्रों से भी जीत होती है हासिल: उन्होंने कहा कि देश का नेतृत्व करने वाले कभी कबूतर छोड़ते थे, अब चीते छोड़ने का जमाना आ गया है. देश की शौर्य, समर्पण की संस्कृति है. देश की सेना धर्म व कर्म वाली है. देश की रक्षा में हिमाचल का योगदान अनुकरणीय है. उन्होंने कहा कि हमें जीतने के लिए किसी शस्त्र की जरूरत नहीं है. शास्त्रों से भी जीत हासिल की जा सकती है. अपने आत्म सम्मान के लिए शस्त्र उठाना भी जरूरी है. देव भूमि है, यहां के लोग मेहनती हैं.

आगामी 25 सालों के लिए विकास का रोडमैप तय: उन्होंने कहा कि भारत के लोग शांति के मार्ग पर चलते हैं. भारत गुरु बनेगा व विश्व शांति के मार्ग पर चलेगा. इस दौरान उन्होंने मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन बिक्रम बत्रा सहित हिमाचल के कई बलिदानियों को भी याद किया. उन्होंने कहा कि आने वाले 25 सालों के लिए भारत के विकास का रोडमैप तय है. आने वाले एक दशक के भीतर भारत 311 सैन्य उपकरणों का आयात बंद करेगा. सभी 311 रक्षा उपकरण भारत की धरती पर बनाए जाएंगे. रक्षा मंत्री ने राज्य सरकार की पीठ भी थपथपाई.

रक्षा निर्यातक बना भारत: उन्होंने कहा कि पहले भारत रक्षा आयात करने के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब भारत रक्षा निर्यातक बन चुका है. वर्ष 2047 तक 2 लाख करोड़ का रक्षा निर्यात करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राजनाथ सिंह ने बताया कि रक्षा क्षेत्र में 311 आइटम को चिह्नित किया गया है. जिनका आने वाले सालों में मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही निर्माण होगा. सेना के दरवाजे पूरी तरह से महिलाओं के लिए खोल दिए गए हैं.

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