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भारत को सुरक्षित रखने में जवानों की भूमिका का वर्णन करना मुश्किल: राजनाथ सिंह

पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत को सुरक्षित रखने में हमारे जवानों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया उनका वर्णन करना मुश्किल है.

Defence Minister Rajnath Singh at CSR Conclave
भारत को सुरक्षित रखने में जवानों की भूमिका का वर्णन करना मुश्किल: राजनाथ सिंह
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Published : Nov 29, 2022, 12:44 PM IST

Updated : Nov 29, 2022, 12:56 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत को सुरक्षित रखने में हमारे जवानों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया उनका वर्णन करना मुश्किल है. चाहे भारत की अखंडता हो, संप्रभुता हो, हमारे द्वारा लड़े गए सभी युद्धों को जीतने की बात हो या सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों का सामना करना हो, सशस्त्र बलों ने चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया.

कई बहादुरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया और कई सैनिक शारीरिक रूप से अक्षम हो गए. उनमें से कई अपने परिवार के अकेले कमाने वाले हैं. परिवार के मुखिया की मृत्यु या उनकी शारीरिक अक्षमता के मामले में परिवारों की स्थिति की कल्पना करना मुश्किल है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

ये भी पढ़ें- भारत और इंडोनेशिया एशिया में शांति, समृद्धि की संभावनाओं को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं: डोभाल

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि ‘सशस्त्र बल ध्वज दिवस कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) कॉन्क्लेव’ के चौथे संस्करण में राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि थे. बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम का लक्ष्य पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग द्वारा पूर्व-सैनिकों, सैनिकों की विधवाओं और उन पर निर्भर लोगों के पुनर्वास आदि की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में बताना और इन प्रयासों में मदद के लिए सीएसआर समर्थन जुटाना है.

नई दिल्ली: पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत को सुरक्षित रखने में हमारे जवानों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया उनका वर्णन करना मुश्किल है. चाहे भारत की अखंडता हो, संप्रभुता हो, हमारे द्वारा लड़े गए सभी युद्धों को जीतने की बात हो या सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों का सामना करना हो, सशस्त्र बलों ने चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया.

कई बहादुरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया और कई सैनिक शारीरिक रूप से अक्षम हो गए. उनमें से कई अपने परिवार के अकेले कमाने वाले हैं. परिवार के मुखिया की मृत्यु या उनकी शारीरिक अक्षमता के मामले में परिवारों की स्थिति की कल्पना करना मुश्किल है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि ‘सशस्त्र बल ध्वज दिवस कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) कॉन्क्लेव’ के चौथे संस्करण में राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि थे. बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम का लक्ष्य पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग द्वारा पूर्व-सैनिकों, सैनिकों की विधवाओं और उन पर निर्भर लोगों के पुनर्वास आदि की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में बताना और इन प्रयासों में मदद के लिए सीएसआर समर्थन जुटाना है.

Last Updated : Nov 29, 2022, 12:56 PM IST
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