नई दिल्ली : रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSU) द्वारा 72 रक्षा वस्तुओं को स्वदेशीकरण इस साल दिसंबर की निर्धारित समय सीमा से पहले ही कर लिया गया है. इस बारे में रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि आयात रोकने के लिए प्रतिबंधित की गईं कुल 214 वस्तुओं में से 72 का समय सीमा से पहले ही स्वदेशीकरण कर लिया गया है. इनमें आकाश मिसाइलों, युद्धक टैंकों, हेलीकॉप्टरों और पनडुब्बियों के पुर्जे हैं. अब इन वस्तुओं की खरीद केवल भारतीय उद्योग से की जाएगी, जिससे एमएसएमई सहित घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी.
'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत रक्षा उत्पादन में 'आत्मनिर्भरता' की खोज के चलते सरकार ने दिसंबर, 2021 से अगस्त, 2022 के बीच 03 सकारात्मक सूचियां जारी करके 1,238 वस्तुओं का विदेशों से आयात कम करने के लिए प्रतिबंध लगाया है. पहली सूची में 351 आइटम, दूसरी में 107 और तीसरी सूची में स्वदेशीकरण के लिए 780 आइटम हैं. सभी वस्तुओं का स्वदेशीकरण करने के लिए समय सीमा भी तय की गई है. यह सशस्त्र बलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों की वस्तुएं आपूर्ति करने के लिए घरेलू उद्योग की क्षमताओं में सरकार के बढ़ते विश्वास को भी पुष्ट करता है.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी पहली और दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में उल्लिखित कुल 214 वस्तुओं में से 72 का समय सीमा से पहले ही फास्ट ट्रैक पर स्वदेशीकरण कर लिया गया है. सूची के मुताबिक इन वस्तुओं का स्वदेशीकरण करने के लिए रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) को दिसंबर 2023, दिसंबर 2024 और दिसंबर 2025 की समय सीमा तय की गई थी. शेष 142 वस्तुओं का दिसंबर, 2022 की समय सीमा के भीतर स्वदेशीकरण किया जा रहा है.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार स्वदेशीकरण की वस्तुओं में जहाजों के लिए मैगज़ीन फायर फाइटिंग सिस्टम, स्टीयरिंग गियर सिस्टम, फ्रिगेट्स, प्रेशराइज्ड कंटेनरों के नियंत्रण के साथ फिन स्टेबलाइजर्स शामिल हैं. इसी तरह आकाश मिसाइलों, कोंकर्स मिसाइलों और इलेक्ट्रिक मोटर के लिए, युद्धक टैंकों के लिए परिशोधन सेट और प्रिज्म ऑप्टिकल स्वदेशी उपकरण तैयार किए गए हैं. इनके अलावा हेलीकॉप्टर के लिए इंटरमीडिएट कास्टिंग, पनडुब्बियों के लिए पॉलीक्रोपिन रबर बैंड और जहाजों के लिए उच्च दबाव नियामक वाल्व का भी स्वदेशीकरण किया गया है.
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