मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया की मानहानि की एक शिकायत की सुनवाई में भाग न लेने के लिए शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट शुक्रवार को रद्द कर दिया. राउत अदालत में पेश हुए, जिसके बाद वारंट रद्द कर दिया गया.
इससे पहले जब मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो राउत के वकील ने राज्यसभा सदस्य को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने का आग्रह किया, लेकिन शिवड़ी के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने याचिका खारिज कर दी और पहले आदेश दिए जाने के बावजूद अदालत में पेश न होने के लिए राउत के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
अदालत ने मामले में शुक्रवार को शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करने शुरू किए. राउत दोपहर के भोजनावकाश के बाद अदालत में पेश हुए, जिसके बाद अदालत ने वारंट रद्द कर दिया. मामले पर अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी.
सोमैया ने यह दावा करते हुए अदालत का रुख किया था कि राउत ने निराधार और अपमानजनक आरोप लगाए कि उन्होंने और उनके पति ने मुंबई के समीप मीरा भायंदर इलाके में सार्वजनिक शौचालय के निर्माण और देखरेख में 100 करोड़ रुपये का घोटाला किया.
सोमैया ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट से ताल्लुक रखने वाले राउत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (आपराधिक मानहानि) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है.
मेधा का भी कहना है कि राउत ने बार-बार उनके और उनके पति के खिलाफ खासकर '100 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले' में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में सार्वजनिक रूप से मानहानिकारक बयान दिए.
पूर्व भाजपा सांसद की पत्नी का इस मामले में कहना है कि वह खबरों को देखकर हैरान थीं, जिनमें राउत ने उन पर और उनके पति पर कुछ सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव में 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था.
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(PTI)