ETV Bharat / bharat

बिलासपुर खाप पंचायत का तुगलकी फरमान: आदिवासी परिवार का किया दाना-पानी बंद - बिलासपुर खाप पंचायत का फरमान

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के एक सरपंच ने आदिवासी परिवार से पचास हजार रुपए मांग की. जब आदिवासी परिवार पैसे नहीं दे पाया तो उसे गांव से बाहर का रास्ता दिखा दिया. पीड़ित परिवार ने पुलिस थाने में इस मामले की शिकायत की है.

decree of bilaspur khap panchayat
बिलासपुर खाप पंचायत का फरमान
author img

By

Published : Mar 30, 2022, 1:22 PM IST

बिलासपुर: सलका में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां सरपंच ने आदिवासी परिवार से पचास हजार रुपए मांग की. जब मजदूरी करने वाला आदिवासी परिवार पैसे नहीं दे सका तो उसे गांव से बाहर निकाल दिया गया. अब पीड़ित परिवार दर-दर भटक रहा है. यह मामला कोटा थाना के सलका गांव का है. आदिवासी विधवा महिला ने बताया कि, सरपंच ने पैसे की मांग की. पैसा नहीं देने पर गांव से बाहर निकल जाने का आदेश देते हुए हमारा हुक्का पानी बंद कर दिया है. आदिवासी महिला अब अपने बच्चों के साथ कहां जाए उसे समझ नहीं आ रहा है.

उसने बताया कि, बड़ा बेटा तोरण खुसरो गांव के राधे नायक का बकरा ले आया था. गांव वालों को लगा कि बकरा चोरी करके लाया है. तब वे महिला चन्द्रमती और उसके परिवार से विवाद करने लगे. इसके बाद पूरे गांव में कह दिया कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य को कोई भी राशन साम्रगी नहीं देगा. गांव वालों ने तब पीड़ित परिवार के बेटे द्वारा लाया गया बकरा को वापस कर दिया.

लेकिन बकरा वापस करने के बाद भी विवाद बना रहा. इस मामले में सरपंच भुवन सिंह जगत ने चन्द्रमती से मामले को रफा-दफा करवाने की बात कहकर 50 हजार रुपए की मांग की. जब पीड़ित परिवार ने रुपये नहीं दिए तो पूरे गांव में कह दिया गया कि इन लोगों का दाना पानी रोक दो. और तो और, इस आदिवासी परिवार को गांव से निकल जाने को भी कहा गया. सरपंच भुवन सिंह जगत के आदेश के बाद पीड़ित को राशन पानी नहीं दिया जा रहा है और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें-चरित्र का शक, मधेपुरा में पंचायत के फरमान पर महिला को अर्धनग्न कर पीटा

कोटा थाने में महिला ने की शिकायत: मामले की शिकायत पीड़ित महिला चन्द्रमती ने कोटा थाने में की है. लेकिन कोटा थाने के टीआई ने कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की है. मामले की जांच की बात कही है. टीआई ने बताया कि उन्होंने गांव में जांच के लिए स्टाफ भेजे थे लेकिन पीड़ित परिवार नहीं मिला और वे लोग गांव से कहीं चले गए हैं. पीड़ित परिवार के आने के बाद ही मामले की सही जानकारी हो पाएगी.

बिलासपुर: सलका में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां सरपंच ने आदिवासी परिवार से पचास हजार रुपए मांग की. जब मजदूरी करने वाला आदिवासी परिवार पैसे नहीं दे सका तो उसे गांव से बाहर निकाल दिया गया. अब पीड़ित परिवार दर-दर भटक रहा है. यह मामला कोटा थाना के सलका गांव का है. आदिवासी विधवा महिला ने बताया कि, सरपंच ने पैसे की मांग की. पैसा नहीं देने पर गांव से बाहर निकल जाने का आदेश देते हुए हमारा हुक्का पानी बंद कर दिया है. आदिवासी महिला अब अपने बच्चों के साथ कहां जाए उसे समझ नहीं आ रहा है.

उसने बताया कि, बड़ा बेटा तोरण खुसरो गांव के राधे नायक का बकरा ले आया था. गांव वालों को लगा कि बकरा चोरी करके लाया है. तब वे महिला चन्द्रमती और उसके परिवार से विवाद करने लगे. इसके बाद पूरे गांव में कह दिया कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य को कोई भी राशन साम्रगी नहीं देगा. गांव वालों ने तब पीड़ित परिवार के बेटे द्वारा लाया गया बकरा को वापस कर दिया.

लेकिन बकरा वापस करने के बाद भी विवाद बना रहा. इस मामले में सरपंच भुवन सिंह जगत ने चन्द्रमती से मामले को रफा-दफा करवाने की बात कहकर 50 हजार रुपए की मांग की. जब पीड़ित परिवार ने रुपये नहीं दिए तो पूरे गांव में कह दिया गया कि इन लोगों का दाना पानी रोक दो. और तो और, इस आदिवासी परिवार को गांव से निकल जाने को भी कहा गया. सरपंच भुवन सिंह जगत के आदेश के बाद पीड़ित को राशन पानी नहीं दिया जा रहा है और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें-चरित्र का शक, मधेपुरा में पंचायत के फरमान पर महिला को अर्धनग्न कर पीटा

कोटा थाने में महिला ने की शिकायत: मामले की शिकायत पीड़ित महिला चन्द्रमती ने कोटा थाने में की है. लेकिन कोटा थाने के टीआई ने कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की है. मामले की जांच की बात कही है. टीआई ने बताया कि उन्होंने गांव में जांच के लिए स्टाफ भेजे थे लेकिन पीड़ित परिवार नहीं मिला और वे लोग गांव से कहीं चले गए हैं. पीड़ित परिवार के आने के बाद ही मामले की सही जानकारी हो पाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.