उज्जैन। शहर के कोठी रोड स्थित विक्रम विश्वविद्यालय को हाल ही में नैक की एक रिपोर्ट में ग्रेड A से B++ किया गया, यानी एक पायदान कम. जिससे विश्वविद्यालय की छवि दागदार हुई और आलोचना का विषय बन गई, लेकिन विक्रम विश्वविद्यालय ने अपनी छवि को बरकार रखने के लिए एक और सराहनीय काम कर फिर सुर्खियां बटोरना शुरू कर दिया है. (decision of ujjain vikram university) (martyrs wife get permission to re exam in ujjain)
दरअसल विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने वर्ष 2022 अप्रैल कुपवाड़ा में शहीद लांस नायक को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए एक लेटर उनकी पत्नी जो कि विश्वविद्यालय की ही बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं, उनके नाम जारी किया, जिसमें कहा गया कि जिन विषयों की पति के शहीद होने के समय परीक्षा नहीं दे पाई और आपको उसमें पूरक दी गई है, उन सभी विषयों की वे दोबारा परीक्षा दे सकती हैं, जो कि पूरक नहीं कहलायेगी. विक्रम विश्वविद्यालय का यह लेटर अब वायरल हो रहा है. हर कोई विश्वविद्यालय की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पा रहा है.
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क्या है मामला: दरअसल आगर जिले के कांनड़ निवासी शहीद अरुण शर्मा उम्र 24 वर्ष सेना में लांस नायक रहे. जो की कुपवाड़ा में पदस्थ थे और 16अप्रैल 2022 को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए. शहीद अरुण की शादी 4 माह पूर्व आगर जिले के 15 किमी दूर देवी कराड़िया गांव की युवती दीक्षा से हुई थी. शाहीद की पत्नी दीक्षा विक्रम विश्वविद्याल की छात्रा हैं और बीए द्वितीय वर्ष में अध्यनरत हैं. दोनो की शादी के 4 माह बाद ही यह दुःखद घटना घटी. दीक्षा भी इसके चलते परीक्षा नहीं दे पाई और उसे राजनीतिक विज्ञान के दो व कंप्यूटर साइंस विषय में पूरक आ गई. दीक्षा ने विक्रम विश्वविद्यालय से अपने छूटे हुए पेपर देने की इच्छा जताई. जिस पर पहले तो विश्वविद्यालय ने मना कर दिया, लेकिन हाल ही में हुई कार्य परिषद की बैठक के दौरान निर्णय में दीक्षा को इसकी अनुमति दी गई और यह भी कहा गया कि पूरक नहीं कहलाएगी, आप परीक्षा दे सकते हैं. इसके लिए कार्य परिषद विशेष अनुमति जारी करता है.
सूचना देने घर पहुंचे विश्वविद्यालय के जिम्मेदार: दीक्षा को परीक्षा की सूचना देने विक्रम विश्वविद्यालय से परीक्षा कंट्रोलर एमएल जैन दीक्षा के घर परीक्षा की अधिसूचना देने पहुंचे. अधिसूचना देखते ही दीक्षा के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली. अब दीक्षा की यह परीक्षा दिसंबर माह में देंगी. वहीं बता दे अब तक यह सुविधा सिर्फ विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी, एनसीसी कैडेट या किसी कलाकार को ही दी जाती थी. विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहली बार है कि शहीद की पत्नी को परीक्षा में शामिल होने की विशेष अनुमति दी जा रही है. (decision of ujjain vikram university) (martyrs wife get permission to re exam in ujjain) (vikram university issued letter video viral )