बेंगलुरु : कर्नाटक के विजयनगर जिले में दूषित जल पीकर मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई है. वहीं, 150 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सरकार ने मृतकों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके साथ ही इस घटना की जांच के आदेश दिए.
जानकारी के मुताबिक, हुविना हडगली तालुका के मकरब्बी गांव में दूषित जल पीने से अब तक छह लोगों की मौत हो गई है. मुख्यमंत्री बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा कि दूषित जल पीने से लोगों के बीमार पड़ने के मामले को हमारी सरकार ने गंभीरता से लिया है. मैंने पहले ही कहा है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मुनीश मुद्गिल के नेतृत्व में इसकी जांच की जाएगी. उन्हें एक सप्ताह के रिपोर्ट सौंपनी होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नल के पानी में सीवेज का पानी कैसे मिल गया, इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी, फिर चाहे वे स्थानीय अधिकारी हों या इंजीनियर. त्रासदी पर दुख व्यक्त करते हुए बोम्मई ने कहा कि मृतकों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा.
गांव छोड़ने को मजबूर लोग
इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई है. मकरब्बी गांव के कुछ लोग आसपास के गांवों में चले गए हैं. वहीं, अन्य कुछ लोगों ने परिजनों के इलाज के लिए अपने पशुओं को बेच दिया है.
तालुक स्वास्थ्य निरीक्षक डॉ. विनोद ने बताया कि 26 अगस्त को सबसे पहले उल्टी और दस्त के नौ मामले सामने आए थे. उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो अब स्वस्थ हैं.
उन्होंने बताया कि अधिकारियों की एक टीम ने गांव का दौरा किया है और पानी के तीन नमूने लिये हैं. 23 सितंबर को फिर से उल्टी और दस्त के मामले सामने आए थे. जिला प्रशासन ने गांव में एक अस्थायी कैम्प लगाया है और आपात स्थिति में मरीजों को शिफ्ट करने के लिए दो एंबुलेंस तैनात कराए गए हैं. अब बोरवेल के पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है और गांव में टैंकर के पानी की आपूर्ति की जा रही है.