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राजस्थान : 180 फीट गहरे कुएं में गिरे लड़के की मौत, फूट-फूट कर रोए परिजन - 21 Days of Rescue Operation

राजस्थान के पाली (Pali Rajasthan) जिले के बोरनाड़ी गांव में 180 फीट गहरे कुएं में गिरे युवक नरेन्द्र को निकालने के लिए 21 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन (21 Days of Rescue Operation) चलाया गया, लेकिन अफसोस की बात यह है कि उसे फिर भी बचाया नहीं जा सका. हालांकि 21 दिन की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने शव को बाहर निकाल लिया. इसे अब तक का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जा रहा है.

180 फीट गहरे कुएं में गिरा 15 वर्षीय किशोर
180 फीट गहरे कुएं में गिरा 15 वर्षीय किशोर
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Published : Jul 13, 2021, 2:23 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 1:26 AM IST

सोजत सिटी (पाली) : राजस्थान के पाली (Pali Rajasthan) जिले के बोरनाड़ी गांव में 180 फीट गहरे कुएं में गिरे युवक नरेन्द्र को निकालने के लिए 21 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन (21 Days of Rescue Operation) चलाया गया, लेकिन अफसोस की बात यह है कि उसे फिर भी बचाया नहीं जा सका. हालांकि 21 दिन की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने शव को बाहर निकाल लिया. इसे अब तक का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जा रहा है.

निकाला गया शव

पूरे 21 दिन तक पानी और मलबे में रहने की वजह से नरेंद्र का शव पूरी तरह से गल गया, जिससे शव निकालने में रेस्क्यू टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. देर रात करीब दो से ढाई घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने नरेंद्र के शव को कुएं से बाहर निकाला. वहीं आज सुबह नरेंद्र के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद उसके परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा.

मिट्टी ढहने से हुआ हादसा

गौरतलब है कि 21 दिन पहले बोरनाडी गांव में नरेंद्र (मृतक) व उसका एक सहयोगी मरम्मत का कार्य कर रहे थे. इसी दौरान कुएं की मिट्टी ढहने की वजह से नरेंद्र व उसका सहयोगी कुएं में गिर गए. नरेंद्र के सहयोगी की पकड़ में लोहे का पाइप आ जाने की वजह से उसकी जान बच गई. लेकिन नरेंद्र 180 फीट गहरे कुएं में गिर गया और उसके ऊपर मिट्टी गिरने गिर गई. इस मिट्टी में वो दब गया.

21 चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया शव

मिली जानकारी के अनुसार कुआं करीब 180 फीट गहरा और आठ फीट चौड़ा है. कुआं 50 वर्ष से भी ज्यादा पुराना बताया जा रहा है. जिसकी दरारें भरने के लिए 21 जून को किशोर नरेन्द्र और एक अन्य मजदूर 40 फीट की गहराई पर काम कर रहे थे. इसी दौरान कुएं की दीवार का एक हिस्सा ढह गया. इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. स्थानीय लोगों और प्रशासन ने करीब 4 रातें और तीन दिन तक प्रयास किया. लेकिन चौथे दिन उन्हें सेना की मदद लेनी पड़ी.

2 करोड़ रुपये का खर्च

बताया जा रहा कि इस रेस्क्यू के लिए 80 सदस्यीय टीम बनाई गई थी. जिसमें सेना के 10 जवान, 2 सबमर्सिबल मशीनें (submersible machine), 3 ग्राइडिंग मशीनें और मलबा उठाने के लिए 5 जेसीबी की मदद ली गई थी. इस पूरे बचाव मिशन पर लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च हुए.

पढ़ें : आगरा में बोरवेल से निकाला गया बच्चा

21 जून को हुए इस हादसे के बाद प्रशासन की ओर से निकालने को लेकर लगातार रेस्क्यू किया गया, लेकिन कुएं के आसपास बालू रेत होने के चलते मिट्टी लगातार ढहती गई. जब स्थानीय प्रशासन शव नहीं निकाल सका तो सेना की मदद ली गई. सेना के सहयोग से जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने करीब 21 दिन बाद शव बाहर निकाला. वहीं नरेंद्र के शव को निकाले जाने के बाद उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बताया जा रहा है कि मृतक नरेन्द्र 8 बहनों के बीच इकलौता भाई था. उसकी मौत के बाद से पूरा परिवार स्तब्ध है.

सोजत सिटी (पाली) : राजस्थान के पाली (Pali Rajasthan) जिले के बोरनाड़ी गांव में 180 फीट गहरे कुएं में गिरे युवक नरेन्द्र को निकालने के लिए 21 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन (21 Days of Rescue Operation) चलाया गया, लेकिन अफसोस की बात यह है कि उसे फिर भी बचाया नहीं जा सका. हालांकि 21 दिन की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने शव को बाहर निकाल लिया. इसे अब तक का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जा रहा है.

निकाला गया शव

पूरे 21 दिन तक पानी और मलबे में रहने की वजह से नरेंद्र का शव पूरी तरह से गल गया, जिससे शव निकालने में रेस्क्यू टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. देर रात करीब दो से ढाई घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने नरेंद्र के शव को कुएं से बाहर निकाला. वहीं आज सुबह नरेंद्र के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद उसके परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा.

मिट्टी ढहने से हुआ हादसा

गौरतलब है कि 21 दिन पहले बोरनाडी गांव में नरेंद्र (मृतक) व उसका एक सहयोगी मरम्मत का कार्य कर रहे थे. इसी दौरान कुएं की मिट्टी ढहने की वजह से नरेंद्र व उसका सहयोगी कुएं में गिर गए. नरेंद्र के सहयोगी की पकड़ में लोहे का पाइप आ जाने की वजह से उसकी जान बच गई. लेकिन नरेंद्र 180 फीट गहरे कुएं में गिर गया और उसके ऊपर मिट्टी गिरने गिर गई. इस मिट्टी में वो दब गया.

21 चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया शव

मिली जानकारी के अनुसार कुआं करीब 180 फीट गहरा और आठ फीट चौड़ा है. कुआं 50 वर्ष से भी ज्यादा पुराना बताया जा रहा है. जिसकी दरारें भरने के लिए 21 जून को किशोर नरेन्द्र और एक अन्य मजदूर 40 फीट की गहराई पर काम कर रहे थे. इसी दौरान कुएं की दीवार का एक हिस्सा ढह गया. इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. स्थानीय लोगों और प्रशासन ने करीब 4 रातें और तीन दिन तक प्रयास किया. लेकिन चौथे दिन उन्हें सेना की मदद लेनी पड़ी.

2 करोड़ रुपये का खर्च

बताया जा रहा कि इस रेस्क्यू के लिए 80 सदस्यीय टीम बनाई गई थी. जिसमें सेना के 10 जवान, 2 सबमर्सिबल मशीनें (submersible machine), 3 ग्राइडिंग मशीनें और मलबा उठाने के लिए 5 जेसीबी की मदद ली गई थी. इस पूरे बचाव मिशन पर लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च हुए.

पढ़ें : आगरा में बोरवेल से निकाला गया बच्चा

21 जून को हुए इस हादसे के बाद प्रशासन की ओर से निकालने को लेकर लगातार रेस्क्यू किया गया, लेकिन कुएं के आसपास बालू रेत होने के चलते मिट्टी लगातार ढहती गई. जब स्थानीय प्रशासन शव नहीं निकाल सका तो सेना की मदद ली गई. सेना के सहयोग से जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने करीब 21 दिन बाद शव बाहर निकाला. वहीं नरेंद्र के शव को निकाले जाने के बाद उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बताया जा रहा है कि मृतक नरेन्द्र 8 बहनों के बीच इकलौता भाई था. उसकी मौत के बाद से पूरा परिवार स्तब्ध है.

Last Updated : Jul 14, 2021, 1:26 AM IST
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