मुंबई: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक शख्स ने दावा किया है कि उसकी बेटी की मौत कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट से हुई है. बेटी की मौत को लेकर वो बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) भी पहुंच गया है और 1000 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग कर दी है.
औरंगाबाद निवासी ने बॉम्बे हाई कोर्ट के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार, केंद्र और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ( (Serum Institute of India) से 1000 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है. शख्स की ओर से कोर्ट के सामने दावा किया गया है कि उसकी बेटी जो कि एक मेडिकल छात्रा थी कोविशिल्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण मर गई. वैक्सीन उसे पिछले साल जनवरी में दी गई थी.
पढ़ें: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: SC का अहम फैसला, सरकार को भी शर्तों से हटने की अनुमति नहीं
याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत, जिन्होंने पिछले हफ्ते हाई कोर्ट की प्रमुख पीठ के समक्ष याचिका दायर की है. दिलीप ने दावा किया कि उनकी बेटी स्नेहल, नासिक में एक मेडिकल छात्र थी जिसको फ्रंट लाइन वर्करों के टीकाकरण करने के लिए राज्य सरकार की पहल के तहत टीके की दोनों खुराक दी गई थी.
याचिका में कहा गया है कि स्नेहल को आश्वस्त किया गया था कि कोविशील्ड वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, और इससे शरीर को कोई खतरा या खतरा नहीं है. याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उसे कॉले में वैक्सीन लेने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि वह एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता थी. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने 28 जनवरी, 2021 को टीका लिया और कुछ सप्ताह बाद 1 मार्च को उन टीकों के दुष्प्रभावों के कारण उसकी मृत्यु हो गई.
लूनावत की याचिका में दावा किया गया कि केंद्र सरकार (Government Of India) की एईएफआई समिति ने 2 अक्टूबर, 2021 को स्वीकार किया कि उनकी बेटी की मौत कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण हुई थी. याचिका में कहा गया है, यह याचिका मेरी बेटी को न्याय दिलाने और कई और लोगों की जान बचाने के लिए दायर की जा रही है. हालांकि, अभी तक कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की है.