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बिहार : अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे तो बेटी ने गड्ढा खोदकर मां को किया दफन

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Published : May 8, 2021, 3:02 PM IST

बिहार के अररिया में कोरोना संक्रमण की वजह से मौत का सिलसिला जारी है. अब रानीगंज के बिशनपुर पंचायत में दो मौतें हुईं. पति चार दिन पहले गुजरे. पत्नी चार दिन बाद. पीछे छोड़ गए तीन बच्चे. इनमें से सबसे बड़ी बेटी ने पीपीई किट पहनकर कोरोना पॉजिटिव अपनी मां को दफन किया.

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अररिया : रानीगंज में एक पुत्री ने पीपीई किट पहन कर कोरोना पॉजिटिव अपनी मां को दफन किया. चार दिन पहले ही पिता की मौत कोरोना के कारण हुई थी. दोनों की बड़ी पुत्री सोनी कुमारी ने अपने हाथों से मां की लाश को गड्ढे में डाला. दूर से देख रहे गांव वालों के आंसू नहीं थम रहे थे.

बता दें कि पिता और मां के इलाज में खर्च हो जाने के कारण बच्चों के पास विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे. कोरोना संक्रमित होने की वजह से एक पति-पत्नी की मौत चार दिनों के अंतराल में हो गई. रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के बिशनपुर पंचायत की यह घटना है. इसको लेकर बिशनपुर के लोगों के बीच दहशत का माहौल है. पति पत्नी की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है. इसकी पुष्टि रानीगंज के पीएचसी प्रभारी और बिशनपुर पंचायत के मुखिया ने भी की है.

28 अप्रैल को हुई थी दोनों की जांच

बिशनपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड 7 के लगभग 40 साल के बीरेंद्र मेहता और उनकी 32 वर्षीय पत्नी प्रियंका देवी की जांच 28 अप्रैल को फारबिसगंज में हुई थी. जांच के बाद दोनों पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद दोनों का पूर्णिया के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. इस बीच बीते सोमवार को इलाज के दौरान ही बीरेंद्र मेहता की पूर्णिया में मौत हो गयी. जिसका अंतिम संस्कार पूर्णिया में ही किया गया. जबकि पत्नी प्रियंका देवी की स्थिति गंभीर बनी हुई थी.

हालात बिगड़ने पर प्रियंका आई घर
पति की मौत के बाद पत्नी प्रियंका देवी की हालत ऐसे ही खराब थी. दोनों के इलाज में अच्छे खासे पैसे खर्च हो गए थे. आर्थिक हालात खराब होने की वजह से परिजन प्रियंका देवी को लेकर बुधवार को घर आ गए. गुरुवार की देर रात प्रियंका देवी की हालत बिगड़ने लगी. आनन-फानन में परिजन उसे पहले रानीगंज रेफरल अस्पताल ले गए. जहां से उसे फारबिसगंज कोविड केयर अस्पताल ले गए. जहां उनकी स्थिति क्रिटिकल होने की वजह से चिकित्सक ने मधेपुरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया.

पिपरा के समीप तोड़ दम
मधेपुरा मेडिकल कॉलेज ले जाने के दौरान शुक्रवार अहले सुबह पिपरा के समीप प्रियंका कुमारी ने भी दम तोड़ दिया. बिशनपुर पंचायत के मुखिया सरोज कुमार मेहता ने बताया कि बिशनपुर पंचायत के मधुलता गांव वार्ड 07 निवासी पति बीरेंद्र मेहता व पत्नी प्रियंका देवी 28 अप्रैल को एक साथ बीमार हुए थे.

पीपीई किट पहनकर मां को दफनाया
शुक्रवार को प्रियंका के शव को गांव लाया गया. कोरोना संक्रमण की वजह से मौत होने के बाद गांव और समाज के लोग भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए. ऐसी स्थिति में मां और बाप का साया सिर पर से उठ जाने के बाद तीन बच्चों ने मिलकर मां का अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया. प्रियंका की बड़ी पुत्री सोनी कुमारी ने किसी तरह गड्ढा खोदा. खुद पीपीई किट पहनकर मां के शव को दफनाकर अंतिम संस्कार किया.

यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार का वैक्सीन बजट ₹35 हजार करोड़, खर्च मात्र ₹4,744 करोड़

गांववालों को सता रही है चिंता
प्रियंका की दो बेटियां व एक बेटे के सिर से मां व पिता का साया हमेशा के लिए छिन गया. अब किसके सहारे रहेंगे, इसकी चिंता गांव वालों को सताने लगी है. जिसकी चर्चा गांव में हर जगह हो रही है. बिशनपुर गांव में आधा दर्जन से अधिक पॉजिटिव केस हैं. इसका खुलासा जांच के बाद हुआ. इसकी जानकारी मुखिया सरोज मेहता ने भी दी है.

अररिया : रानीगंज में एक पुत्री ने पीपीई किट पहन कर कोरोना पॉजिटिव अपनी मां को दफन किया. चार दिन पहले ही पिता की मौत कोरोना के कारण हुई थी. दोनों की बड़ी पुत्री सोनी कुमारी ने अपने हाथों से मां की लाश को गड्ढे में डाला. दूर से देख रहे गांव वालों के आंसू नहीं थम रहे थे.

बता दें कि पिता और मां के इलाज में खर्च हो जाने के कारण बच्चों के पास विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे. कोरोना संक्रमित होने की वजह से एक पति-पत्नी की मौत चार दिनों के अंतराल में हो गई. रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के बिशनपुर पंचायत की यह घटना है. इसको लेकर बिशनपुर के लोगों के बीच दहशत का माहौल है. पति पत्नी की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है. इसकी पुष्टि रानीगंज के पीएचसी प्रभारी और बिशनपुर पंचायत के मुखिया ने भी की है.

28 अप्रैल को हुई थी दोनों की जांच

बिशनपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड 7 के लगभग 40 साल के बीरेंद्र मेहता और उनकी 32 वर्षीय पत्नी प्रियंका देवी की जांच 28 अप्रैल को फारबिसगंज में हुई थी. जांच के बाद दोनों पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद दोनों का पूर्णिया के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. इस बीच बीते सोमवार को इलाज के दौरान ही बीरेंद्र मेहता की पूर्णिया में मौत हो गयी. जिसका अंतिम संस्कार पूर्णिया में ही किया गया. जबकि पत्नी प्रियंका देवी की स्थिति गंभीर बनी हुई थी.

हालात बिगड़ने पर प्रियंका आई घर
पति की मौत के बाद पत्नी प्रियंका देवी की हालत ऐसे ही खराब थी. दोनों के इलाज में अच्छे खासे पैसे खर्च हो गए थे. आर्थिक हालात खराब होने की वजह से परिजन प्रियंका देवी को लेकर बुधवार को घर आ गए. गुरुवार की देर रात प्रियंका देवी की हालत बिगड़ने लगी. आनन-फानन में परिजन उसे पहले रानीगंज रेफरल अस्पताल ले गए. जहां से उसे फारबिसगंज कोविड केयर अस्पताल ले गए. जहां उनकी स्थिति क्रिटिकल होने की वजह से चिकित्सक ने मधेपुरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया.

पिपरा के समीप तोड़ दम
मधेपुरा मेडिकल कॉलेज ले जाने के दौरान शुक्रवार अहले सुबह पिपरा के समीप प्रियंका कुमारी ने भी दम तोड़ दिया. बिशनपुर पंचायत के मुखिया सरोज कुमार मेहता ने बताया कि बिशनपुर पंचायत के मधुलता गांव वार्ड 07 निवासी पति बीरेंद्र मेहता व पत्नी प्रियंका देवी 28 अप्रैल को एक साथ बीमार हुए थे.

पीपीई किट पहनकर मां को दफनाया
शुक्रवार को प्रियंका के शव को गांव लाया गया. कोरोना संक्रमण की वजह से मौत होने के बाद गांव और समाज के लोग भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए. ऐसी स्थिति में मां और बाप का साया सिर पर से उठ जाने के बाद तीन बच्चों ने मिलकर मां का अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया. प्रियंका की बड़ी पुत्री सोनी कुमारी ने किसी तरह गड्ढा खोदा. खुद पीपीई किट पहनकर मां के शव को दफनाकर अंतिम संस्कार किया.

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गांववालों को सता रही है चिंता
प्रियंका की दो बेटियां व एक बेटे के सिर से मां व पिता का साया हमेशा के लिए छिन गया. अब किसके सहारे रहेंगे, इसकी चिंता गांव वालों को सताने लगी है. जिसकी चर्चा गांव में हर जगह हो रही है. बिशनपुर गांव में आधा दर्जन से अधिक पॉजिटिव केस हैं. इसका खुलासा जांच के बाद हुआ. इसकी जानकारी मुखिया सरोज मेहता ने भी दी है.

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