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कोविड टीका : प्रमाणपत्र में गलत तारीख और जगह, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

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Published : Sep 23, 2021, 4:56 PM IST

केरल उच्च न्यायालय ने कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र में टीके की दूसरी खुराक की तारीख और स्थान गलत लिखे होने के कारण एर्नाकुलम के जिला चिकित्सा अधिकारी को जांच करने के निर्देश दिए है.

केरल उच्च न्यायालय
केरल उच्च न्यायालय

कोच्चि : कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र में टीके की दूसरी खुराक की तारीख और स्थान गलत लिखे होने के कारण केरल उच्च न्यायालय ने यह पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए कि क्या यह सचमुच हुई गलती थी या जानबूझकर ऐसा किया गया है. न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने कहा कि अगर प्रमाणपत्र में गलत जानकारियां जानबूझकर दी गई हैं तो इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है.

अदालत ने एर्नाकुलम के जिला चिकित्सा अधिकारी को इसकी जांच करने के निर्देश दिए कि क्या प्रमाणपत्र के अनुसार, टीके की दूसरी खुराक लेने वाली जगह कोई टीकाकरण केंद्र था. कोर्ट ने कहा कि अगर यह गलती थी तो इसे यह समझा जा सकता है और सुधार के साथ एक नया प्रमाणपत्र जारी किया जा सकता है. अदालत ने कहा लेकिन अगर कोई शरारत की गई है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. अदालत ने मामले पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है.

उच्च न्यायालय के पी जॉन नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें टीकाकरण प्रमाणपत्र में गलत जानकारियां देने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने वकील सी दिलीप और अनुष्का विजयकुमार के जरिए याचिका दायर की.

इसे भी पढे़ं-पीएम केयर्स फंड सरकारी फंड नहीं; पारदर्शिता के साथ कार्य करता है : पीएमओ

विजयकुमार ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल ने मार्च में टीके की पहली खुराक ली और अप्रैल में दूसरी दोनों बार टीकाकरण केंद्र अलुवा में था और वह टीका लगवाने के लिए कभी एर्नाकुलम नहीं गई लेकिन, जब जुलाई में टीका प्रमाणपत्र मिला था तो उसमें दिखाया कि दूसरी खुराक जुलाई में लगाई गई और वह भी एर्नाकुलम के एक टीकाकरण केंद्र में लगाई दी.

याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि उन्होंने प्रमाणपत्र में संशोधन के लिए एर्नाकुलम के जिला चिकित्सा अधिकारी को एक पत्र भेजा और वहां एक अस्पताल को कानूनी नोटिस भेजा जहां टीकाकरण केंद्र स्थित था लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है. साथ ही याचिकाकर्ता ने सही टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी करने के लिए भी अनुरोध किया है.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र में टीके की दूसरी खुराक की तारीख और स्थान गलत लिखे होने के कारण केरल उच्च न्यायालय ने यह पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए कि क्या यह सचमुच हुई गलती थी या जानबूझकर ऐसा किया गया है. न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने कहा कि अगर प्रमाणपत्र में गलत जानकारियां जानबूझकर दी गई हैं तो इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है.

अदालत ने एर्नाकुलम के जिला चिकित्सा अधिकारी को इसकी जांच करने के निर्देश दिए कि क्या प्रमाणपत्र के अनुसार, टीके की दूसरी खुराक लेने वाली जगह कोई टीकाकरण केंद्र था. कोर्ट ने कहा कि अगर यह गलती थी तो इसे यह समझा जा सकता है और सुधार के साथ एक नया प्रमाणपत्र जारी किया जा सकता है. अदालत ने कहा लेकिन अगर कोई शरारत की गई है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. अदालत ने मामले पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है.

उच्च न्यायालय के पी जॉन नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें टीकाकरण प्रमाणपत्र में गलत जानकारियां देने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने वकील सी दिलीप और अनुष्का विजयकुमार के जरिए याचिका दायर की.

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विजयकुमार ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल ने मार्च में टीके की पहली खुराक ली और अप्रैल में दूसरी दोनों बार टीकाकरण केंद्र अलुवा में था और वह टीका लगवाने के लिए कभी एर्नाकुलम नहीं गई लेकिन, जब जुलाई में टीका प्रमाणपत्र मिला था तो उसमें दिखाया कि दूसरी खुराक जुलाई में लगाई गई और वह भी एर्नाकुलम के एक टीकाकरण केंद्र में लगाई दी.

याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि उन्होंने प्रमाणपत्र में संशोधन के लिए एर्नाकुलम के जिला चिकित्सा अधिकारी को एक पत्र भेजा और वहां एक अस्पताल को कानूनी नोटिस भेजा जहां टीकाकरण केंद्र स्थित था लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है. साथ ही याचिकाकर्ता ने सही टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी करने के लिए भी अनुरोध किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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