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डार्कनेट पर मादक पदार्थ गिरोह का भंडाफोड़, छह लोग गिरफ्तार

एनसीबी (Narcotics Control Bureau) ने मादक पदार्थों की तस्करी के एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करता है. इसका नेटवर्क भारत के अलावा पोलैंड, नीदरलैंड और अमेरिका में फैला हुआ है.

Gyaneshwar Singh, Dy DG (NR), NCB
एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तरी रेंज) ज्ञानेश्वर सिंह
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Published : Jun 6, 2023, 2:49 PM IST

Updated : Jun 6, 2023, 3:01 PM IST

नई दिल्ली : स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) ने देश भर में 'डार्क वेब' के जरिए संचालित किए जा रहे मादक पदार्थों की तस्करी के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने के साथ ही एलएसडी की अब तक की सबसे बड़ी खेप जब्त करने और छह लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. उसने बताया कि ये गिरफ्तार लोग छात्र और युवा हैं.

एलएसडी या लिसर्जिक एसिड डाइथिलेमाइड वास्तव में सिंथेटिक रसायन आधारित एक मादक पदार्थ है तथा इसे मतिभ्रमकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि यह नेटवर्क पोलैंड, नीदरलैंड, अमेरिका और भारत में विभिन्न राज्यों में फैला है. यह नेटवर्क डार्कनेट के जरिए काम करता है और भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करता है. उन्होंने एलएसडी के 15,000 ब्लॉट्स जब्त किए जाने का दावा किया.

  • हमने दो मामलों में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15,000 एलएसडी ड्रग की जब्ती की है, जो व्यावसायिक मात्रा का 2.5 गुना है। इसकी व्यावसायिक मात्रा .1 ग्राम है। यह एक सिंथेटिक दवा है और बहुत खतरनाक है। यह पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ी जब्ती है: ज्ञानेश्वर सिंह, उप महानिदेशक, NCB pic.twitter.com/JxUOkg3rjp

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तरी रेंज) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि यह देश में एक अभियान में एलएसडी ब्लॉट्स की जब्त की गयी सबसे बड़ी खेप है. उन्होंने बताया कि अभी तक कर्नाटक पुलिस ने 2021 में एलएसडी के सबसे अधिक 5,000 ब्लॉट्स जब्त किए थे. उन्होंने बताया कि एलएसडी का सबसे अधिक दुरुपयोग युवा कर रहे हैं और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

'डार्क वेब' का मतलब इंटरनेट में गहराई में छिपे उन मंचों से है जिनका इस्तेमाल मादक पदार्थों को बेचने, पोर्नोग्राफी सामग्री के आदान-प्रदान और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. इंटरनेट पर संचार में गोपनीयता बनाए रखने के लिए ‘ऑनियन राउटर’ की मदद से इन गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन्हें पकड़ न पाएं.

ये भी पढ़ें - Aryan Khan Case: सैम डिसूजा ने एनसीबी अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह पर 9 लाख लेने का आरोप लगाया

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) ने देश भर में 'डार्क वेब' के जरिए संचालित किए जा रहे मादक पदार्थों की तस्करी के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने के साथ ही एलएसडी की अब तक की सबसे बड़ी खेप जब्त करने और छह लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. उसने बताया कि ये गिरफ्तार लोग छात्र और युवा हैं.

एलएसडी या लिसर्जिक एसिड डाइथिलेमाइड वास्तव में सिंथेटिक रसायन आधारित एक मादक पदार्थ है तथा इसे मतिभ्रमकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि यह नेटवर्क पोलैंड, नीदरलैंड, अमेरिका और भारत में विभिन्न राज्यों में फैला है. यह नेटवर्क डार्कनेट के जरिए काम करता है और भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करता है. उन्होंने एलएसडी के 15,000 ब्लॉट्स जब्त किए जाने का दावा किया.

  • हमने दो मामलों में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15,000 एलएसडी ड्रग की जब्ती की है, जो व्यावसायिक मात्रा का 2.5 गुना है। इसकी व्यावसायिक मात्रा .1 ग्राम है। यह एक सिंथेटिक दवा है और बहुत खतरनाक है। यह पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ी जब्ती है: ज्ञानेश्वर सिंह, उप महानिदेशक, NCB pic.twitter.com/JxUOkg3rjp

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तरी रेंज) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि यह देश में एक अभियान में एलएसडी ब्लॉट्स की जब्त की गयी सबसे बड़ी खेप है. उन्होंने बताया कि अभी तक कर्नाटक पुलिस ने 2021 में एलएसडी के सबसे अधिक 5,000 ब्लॉट्स जब्त किए थे. उन्होंने बताया कि एलएसडी का सबसे अधिक दुरुपयोग युवा कर रहे हैं और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

'डार्क वेब' का मतलब इंटरनेट में गहराई में छिपे उन मंचों से है जिनका इस्तेमाल मादक पदार्थों को बेचने, पोर्नोग्राफी सामग्री के आदान-प्रदान और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. इंटरनेट पर संचार में गोपनीयता बनाए रखने के लिए ‘ऑनियन राउटर’ की मदद से इन गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन्हें पकड़ न पाएं.

ये भी पढ़ें - Aryan Khan Case: सैम डिसूजा ने एनसीबी अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह पर 9 लाख लेने का आरोप लगाया

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 6, 2023, 3:01 PM IST
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