नई दिल्ली : स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) ने देश भर में 'डार्क वेब' के जरिए संचालित किए जा रहे मादक पदार्थों की तस्करी के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने के साथ ही एलएसडी की अब तक की सबसे बड़ी खेप जब्त करने और छह लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. उसने बताया कि ये गिरफ्तार लोग छात्र और युवा हैं.
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#WATCH | Gyaneshwar Singh, Deputy Director General of NCB gives details about the darknet-based drug cartel busted by NCB, calling it the biggest-ever drug seizure made by the anti-drugs agency. https://t.co/hiX08VFoCA pic.twitter.com/MMmRud7Rba
— ANI (@ANI) June 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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एलएसडी या लिसर्जिक एसिड डाइथिलेमाइड वास्तव में सिंथेटिक रसायन आधारित एक मादक पदार्थ है तथा इसे मतिभ्रमकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि यह नेटवर्क पोलैंड, नीदरलैंड, अमेरिका और भारत में विभिन्न राज्यों में फैला है. यह नेटवर्क डार्कनेट के जरिए काम करता है और भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करता है. उन्होंने एलएसडी के 15,000 ब्लॉट्स जब्त किए जाने का दावा किया.
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हमने दो मामलों में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15,000 एलएसडी ड्रग की जब्ती की है, जो व्यावसायिक मात्रा का 2.5 गुना है। इसकी व्यावसायिक मात्रा .1 ग्राम है। यह एक सिंथेटिक दवा है और बहुत खतरनाक है। यह पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ी जब्ती है: ज्ञानेश्वर सिंह, उप महानिदेशक, NCB pic.twitter.com/JxUOkg3rjp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तरी रेंज) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि यह देश में एक अभियान में एलएसडी ब्लॉट्स की जब्त की गयी सबसे बड़ी खेप है. उन्होंने बताया कि अभी तक कर्नाटक पुलिस ने 2021 में एलएसडी के सबसे अधिक 5,000 ब्लॉट्स जब्त किए थे. उन्होंने बताया कि एलएसडी का सबसे अधिक दुरुपयोग युवा कर रहे हैं और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
'डार्क वेब' का मतलब इंटरनेट में गहराई में छिपे उन मंचों से है जिनका इस्तेमाल मादक पदार्थों को बेचने, पोर्नोग्राफी सामग्री के आदान-प्रदान और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. इंटरनेट पर संचार में गोपनीयता बनाए रखने के लिए ‘ऑनियन राउटर’ की मदद से इन गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन्हें पकड़ न पाएं.
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(पीटीआई-भाषा)