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दरभंगा विस्फोट मामला : सलीम और कफील की एनआईए कोर्ट में पेशी आज

दरभंगा ब्लास्ट मामले में यूपी के शामली से गिरफ्तार सलीम और कफील को आज एनआईए की टीम पटना सिविल कोर्ट में पेश करेगी. बता दें 17 जून को दरभंगा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन से पार्सल उतारने के बाद ब्लास्ट हो गया था.

दरभंगा विस्फोट मामला
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Published : Jul 3, 2021, 12:41 PM IST

पटनाः दरभंगा पार्सल ब्लास्ट (Darbhanga Parcel Blast) मामले में यूपी के शामली से गिरफ्तार संदिग्ध सलीम और कफील को पटना लाया लाया गया. दोनों संदिग्धों के तार लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. एनआईए की टीम दोनों को अब से बस कुछ देर बाद ही सिविल कोर्ट में पेश करेगी. जहां टीम उसे रिमांड पर लेने की मांग की जाएगी.

सिविल कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम, देखें वीडियो

शुक्रवार को भी दो संदिग्धों की हुई थी पेशी
बता दें कि 30 जून को हैदराबाद से लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में रहे दो आरोपियों को एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया था. आरोपी मो. इमरान मलिक और नासिर मलिक को इसके बाद पटना लाया गया था. जिसे शुक्रवार को पटना एनआईए की विशेष जज गुरुमंदिर सिंह मल्होत्रा की अदालत में पेश किया गया था. कोर्ट में पेशी के बाद दोनों को 7 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया है.

दरभंगा विस्फोट मामला

पढ़ें- दरभंगा ब्लास्ट मामले में यूपी से गिरफ्तार 2 साजिशकर्ताओं को लाया जा रहा पटना

"दोनों संदिग्धों पर UAPA की 16 और 18 धारा लगी है. इसके लिए आवेदन दिया गया था. कोर्ट में सबूत पेश किए गए थे, जिसे देख जज ने UAPA की दोनों धाराओं को जोड़ने का आदेश दिया. दोनों को पहले ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है. एनआईए के अधिकारी बेऊर जेल जाएंगे और आगे की औपचारिकताओं को पूरा करेंगे."- मनोज कुमार, पीपीई, एनआईए स्पेशल कोर्ट

घर से मिले थे केमिकल
इमरान मलिक और नासिर मलिक की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को एनआईए की टीम ने हैदराबाद स्थित दोनों के ठिकाने पर छापेमारी की थी. इस दौरान ब्लास्ट में यूज किए गए केमिकल के अंश भी बरामद किए गए थे, साथ ही ब्लास्ट से जुड़े कई अहम सामान भी मिले थे. बताया जा रहा है कि दोनों सगे भाई हैं. पूर्व में सिमी (स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया)के लिए काम कर चुके हैं. इसके लिए करोड़ों की फंडिंग आईएसआईएस (ISIS) द्वारा की गई थी. इस मामले में शामली के कुछ नामी लेडीज सूट कारोबारी NIA के रडार पर हैं.

पढे़ंः दरभंगा स्टेशन पर अचानक से आने लगी तेज आवाज, मची अफरा-तफरी तो ACTION में आया बम निरोधक दस्ता

पुणे एफएसएल की टीम करेगी जांच
दरभंगा ब्लास्ट मामले में भेजे गए सैंपल की जांच अब कोलकाता एफएसएल में पुणे एफएसएल की टीम कर रही है. इधर, इस ब्लास्ट के तार जिन क्षेत्रों में जुड़ रहे हैं, उन सभी क्षेत्रों के संगठनों की हिस्ट्री खंगाली जा रही है. एनआईए के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दरभंगा ब्लास्ट मामले में एनआईए के द्वारा उच्चस्तर पर जांच शुरू कर दी गई थी.

17 जून को हुआ था धमाका
बता दें कि 17 जून को दरभंगा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन से पार्सल उतारने के बाद ब्लास्ट हो गया था. इसके बाद से ही हमले के आतंकी कनेक्शन को खंगाले जाने लगे थे. अब तक इस मामले में यूपी एटीएस ने शामली से दो संदिग्ध को गिरफ्तार किया था. वहीं, आईएसआईएस के लिए काम करने वाले दो शख्स को तेलंगाना एटीएस ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

पढे़ंः Darbhanga Blast: अब तक का सबसे बड़ा खुलासा, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का है हाथ!

पटनाः दरभंगा पार्सल ब्लास्ट (Darbhanga Parcel Blast) मामले में यूपी के शामली से गिरफ्तार संदिग्ध सलीम और कफील को पटना लाया लाया गया. दोनों संदिग्धों के तार लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. एनआईए की टीम दोनों को अब से बस कुछ देर बाद ही सिविल कोर्ट में पेश करेगी. जहां टीम उसे रिमांड पर लेने की मांग की जाएगी.

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शुक्रवार को भी दो संदिग्धों की हुई थी पेशी
बता दें कि 30 जून को हैदराबाद से लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में रहे दो आरोपियों को एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया था. आरोपी मो. इमरान मलिक और नासिर मलिक को इसके बाद पटना लाया गया था. जिसे शुक्रवार को पटना एनआईए की विशेष जज गुरुमंदिर सिंह मल्होत्रा की अदालत में पेश किया गया था. कोर्ट में पेशी के बाद दोनों को 7 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया है.

दरभंगा विस्फोट मामला

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"दोनों संदिग्धों पर UAPA की 16 और 18 धारा लगी है. इसके लिए आवेदन दिया गया था. कोर्ट में सबूत पेश किए गए थे, जिसे देख जज ने UAPA की दोनों धाराओं को जोड़ने का आदेश दिया. दोनों को पहले ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है. एनआईए के अधिकारी बेऊर जेल जाएंगे और आगे की औपचारिकताओं को पूरा करेंगे."- मनोज कुमार, पीपीई, एनआईए स्पेशल कोर्ट

घर से मिले थे केमिकल
इमरान मलिक और नासिर मलिक की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को एनआईए की टीम ने हैदराबाद स्थित दोनों के ठिकाने पर छापेमारी की थी. इस दौरान ब्लास्ट में यूज किए गए केमिकल के अंश भी बरामद किए गए थे, साथ ही ब्लास्ट से जुड़े कई अहम सामान भी मिले थे. बताया जा रहा है कि दोनों सगे भाई हैं. पूर्व में सिमी (स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया)के लिए काम कर चुके हैं. इसके लिए करोड़ों की फंडिंग आईएसआईएस (ISIS) द्वारा की गई थी. इस मामले में शामली के कुछ नामी लेडीज सूट कारोबारी NIA के रडार पर हैं.

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पुणे एफएसएल की टीम करेगी जांच
दरभंगा ब्लास्ट मामले में भेजे गए सैंपल की जांच अब कोलकाता एफएसएल में पुणे एफएसएल की टीम कर रही है. इधर, इस ब्लास्ट के तार जिन क्षेत्रों में जुड़ रहे हैं, उन सभी क्षेत्रों के संगठनों की हिस्ट्री खंगाली जा रही है. एनआईए के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दरभंगा ब्लास्ट मामले में एनआईए के द्वारा उच्चस्तर पर जांच शुरू कर दी गई थी.

17 जून को हुआ था धमाका
बता दें कि 17 जून को दरभंगा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन से पार्सल उतारने के बाद ब्लास्ट हो गया था. इसके बाद से ही हमले के आतंकी कनेक्शन को खंगाले जाने लगे थे. अब तक इस मामले में यूपी एटीएस ने शामली से दो संदिग्ध को गिरफ्तार किया था. वहीं, आईएसआईएस के लिए काम करने वाले दो शख्स को तेलंगाना एटीएस ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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