कोरबा : बिजली गिरने से पहले यदि इसकी जानकारी मिल जाए तो बड़े नुकसान से बचा जा सकता है. इसी तरह की तकनीक दामिनी एप में मौजूद है. जिसका इस्तेमाल करने की सलाह एसईसीएल मुख्यालय की ओर से सभी एरिया महाप्रबंधक को दी गई है. मानसून आते ही आकाशीय बिजली की वजह से संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को नुकसान पहुंचता है. इस नुकसान की कीमत लाखों, करोड़ों में है. नुकसान को देखते हुए पूना की आईआईटीएम और इएसएसओ ने दामिनी नाम से एक लाइटनिंग एप तैयार किया है. जो मोबाइल पर गूगल प्ले और एप्पल स्टोर पर बिना शुल्क के उपलब्ध है.
कितनी देर पहले मिल जाती है अलर्ट : बरसात के समय बिजली गिरना आम बात है. कई बार इसकी चपेट में आने से लोगों को जान चली जाती है. दामिनी एप की सहायता से इन परिस्थितियों को टाला जा सकता है. इसके लिए सिर्फ अपने मोबाइल फोन पर "दामिनी लाइटनिंग अलर्ट'' एप डाउनलोड करना होगा. ''दामिनी लाइटनिंग अलर्ट'' मौसम के खराब होने के साथ ही आकाशीय बिजली के संबंध में लगभग 30 से 45 मिनट पहले ही मोबाइल पर अलर्ट देना शुरू कर देता है, जिससे आसानी से डेंजर जोन में आने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सकता है.
कैसे करता है दामिनी एप काम : दामिनी एप का दूसरा भाग ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आंकड़ों को कम्प्यूटर पर भेज देता है. जिसकी मदद से मौसम और बिजली के गिरने और उसकी ताकत के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है. किसानों और आमजन के लिए भी यह बेहद उपयोगी है.
कैसे बचेगी जान : यदि आपके इलाके में बिजली गिरने वाली होगी तो दामिनी एप आपको पहले ही चेतावनी देकर सावधान कर देगा. ऐसे में बिजली से बचने के लिए खुले खेतों, पेड़ों के नीचे, पहाड़ी इलाकों, चट्टानों के आसपास बिल्कुल न रुकें. धातुओं के बर्तन धोने से बचें और नहाने तो बिल्कुल न जाएं, बारिश या पानी से बचें और जमीन पर जहां पानी जमा हो, वहां भी खड़े न रहें. छाते का भी इस्तेमाल न करें. बिजली के हाइटेंशन तारों और टावर से खुद को दूर लर लें. घर के भीतर ही हैं, तो अंदर ही रहे बाहर न जाए. कहीं बाहर हों और घर जाना संभव न हो तो खुली जगह पर ही कान बंद कर घुटनों के बल बैठ जाएं.
कैसे करें इस्तेमाल : एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्र ने एप को इस्तेमाल करने का तरीका भी बताया. सनीश ने कहा कि "इस ऐप को सभी एसईसीएल के अधिकारी कर्मचारियों को डाउनलोड करने को कहा गया है. यह काफी उपयोगी है, दामिनी एप जीपीएस सिस्टम की तकनीक पर काम करता है. मोबाइल की स्क्रीन पर लोकेशन दिखते ही एप एक्टिव हो जाता है. जो समय रहते आपको अलर्ट भेज देगा, इसलिए अधिक से अधिक लोग इसका उपयोग कर सकते हैं. मानसून के सीजन में आकाशीय बिजली से यह एप आपको सुरक्षित रख सकता है". सनीश चंद्र, पीआरओ, एसईसीएल
क्या है दामिनी एप की खासियत : इस एप की मदद से लाइटनिंग एक्टिविटी की मॉनिटरिंग की जा सकती है. उपयोगकर्ता के मोबाइल के जीपीएस लोकेशन के आधार पर यह एप मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान करता है. किसी भी गंभीर लाइटनिंग या थंडर स्टॉर्म के लगभग 30 से 45 मिनट पूर्व यह एप अलर्ट भेजना शुरु कर देता है. जिससे समय रहते सुरक्षा के आवश्यक कदम उठाने में मदद मिल जाती है. एसईसीएल के अधिकारियों के साथ ही इस ऐप का उपयोग अब कोई भी व्यक्ति कर सकता है. जिससे बिजली गिरने से होने वाले खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.