ETV Bharat / bharat

दलित युवक को फांसी पर लटकाने का मामलाः पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार, क्या है पूरा मामला, पढ़ें रिपोर्ट

हजारीबाग में दलित युवक हत्याकांड ( Dalit youth murder case in Hazaribag) में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, नौ आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. इन आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. एसडीपीओ अमित सिंह ने बताया कि सीटन की पत्नी ने 11 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है.

Dalit youth hanged by dabangs in Hazaribag
Dalit youth hanged by dabangs in Hazaribag
author img

By

Published : Oct 12, 2022, 8:40 AM IST

Updated : Oct 12, 2022, 8:32 PM IST

हजारीबागः जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के पचड़ा गांव में दलित युवक सीटन भुईयां की फांसी पर लटका कर हत्या कर दी ( Dalit youth murder case in Hazaribag) गई है. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है. बड़कागांव एसडीपीओ अमित सिंह ने बताया कि इस मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि, नौ आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

यह भी पढ़ेंः हजारीबाग में दलित युवक को दबंगों ने दी फांसी, 11 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज

सबसे खास बात है कि इस मामले को दलित बनाम दबंग का एंगल दिया जा रहा था, जो सच नहीं है. सीटन भुईयां हत्याकांड में भुईयां समाज के भी कई लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. दरअसल, इस विवाद की शुरूआत दशहरा के दिन हुई थी. 5 अक्टूबर को सीटन भुईयां ने अपने कुछ लोगों के साथ अपने भाई सिकंदर भुईयां, भाभी सीमा देवी और शंकर साव के साथ मारपीट की थी. यह घटना सिकंदर भुईयां के ही घर में घटी थी.

इस मारपीट में शंकर साव का सिर फट गया था. इसको लेकर केरेडारी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद सीटन भुईयां एसटी-एसी थाना चला गया था. इसके बाद 11 अक्टूबर की सुबह उसकी लाश बरामद की गई. एसडीपीओ अमित सिंह ने बताया सीटन की पत्नी ने जिन 11 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है, उनमें भुईयां समाज के भी कई लोगों का नाम है. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक अवैध संबंध को लेकर विवाद हुआ था. इसी बीच 11 अक्टूबर को सीटन भुईयां की फंदे से लटकता शव मिलने के बाद यह मामला गरमा गया है. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.

इस मामले में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरते हुए ट्विट किया 'झारखंड में अपराधियों का मनोबल देखिए, हजारीबाग के केरेडारी थाना के पचड़ा गांव में एक दलित युवक सीटन भुइयां को घर से अगवा कर हत्या कर दी और शव को बिजली के पोल से लटका दिया. कुछ दिन पूर्व सीटन के परिवार ने अपनी जान का खतरा बताते हुए थाने में शिकायत की थी, लेकिन मुंशी ने भगा दिया था.'

  • झारखंड में अपराधियों का मनोबल देखिए, हजारीबाग के केरेडारी थाना के पचड़ा गांव में एक दलित युवक सीटन भुइयां को घर से अगवा कर हत्या कर दी और शव को बिजली के पोल से लटका दिया।
    कुछ दिन पूर्व सीटन के परिवार ने अपनी जान का खतरा बताते हुए थाने में शिकायत की थी, लेकिन मुंशी ने भगा दिया था।

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) October 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा 'खुद को आदिवासी और दलित का हितैषी बताने वाली इस सरकार के कार्यकाल में कितने कितने आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार हुए हैं ये आज किसी से छिपा नहीं है. झारखंड पुलिस की असंवेदनशीलता और टालमटोल की नीति अपराध की आशंकाओं के बावजूद उसे रोक पाने में असफल रहती है' इन दोनों ट्वीट के जरिए बाबूलाल मरांडी ने सरकार और झारखंड में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

  • खुद को आदिवासी और दलित का हितैषी बताने वाली इस सरकार के कार्यकाल में कितने कितने आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार हुए है ये आज किसी से छिपा नहीं है।@JharkhandPolice की असंवेदनशीलता और टालमटोल की नीति अपराध की आशंकाओं के बावजूद उसे रोक पाने में असफल रहती है।@NCSC_GoI

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) October 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


हजारीबागः जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के पचड़ा गांव में दलित युवक सीटन भुईयां की फांसी पर लटका कर हत्या कर दी ( Dalit youth murder case in Hazaribag) गई है. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है. बड़कागांव एसडीपीओ अमित सिंह ने बताया कि इस मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि, नौ आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

यह भी पढ़ेंः हजारीबाग में दलित युवक को दबंगों ने दी फांसी, 11 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज

सबसे खास बात है कि इस मामले को दलित बनाम दबंग का एंगल दिया जा रहा था, जो सच नहीं है. सीटन भुईयां हत्याकांड में भुईयां समाज के भी कई लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. दरअसल, इस विवाद की शुरूआत दशहरा के दिन हुई थी. 5 अक्टूबर को सीटन भुईयां ने अपने कुछ लोगों के साथ अपने भाई सिकंदर भुईयां, भाभी सीमा देवी और शंकर साव के साथ मारपीट की थी. यह घटना सिकंदर भुईयां के ही घर में घटी थी.

इस मारपीट में शंकर साव का सिर फट गया था. इसको लेकर केरेडारी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद सीटन भुईयां एसटी-एसी थाना चला गया था. इसके बाद 11 अक्टूबर की सुबह उसकी लाश बरामद की गई. एसडीपीओ अमित सिंह ने बताया सीटन की पत्नी ने जिन 11 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है, उनमें भुईयां समाज के भी कई लोगों का नाम है. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक अवैध संबंध को लेकर विवाद हुआ था. इसी बीच 11 अक्टूबर को सीटन भुईयां की फंदे से लटकता शव मिलने के बाद यह मामला गरमा गया है. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.

इस मामले में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरते हुए ट्विट किया 'झारखंड में अपराधियों का मनोबल देखिए, हजारीबाग के केरेडारी थाना के पचड़ा गांव में एक दलित युवक सीटन भुइयां को घर से अगवा कर हत्या कर दी और शव को बिजली के पोल से लटका दिया. कुछ दिन पूर्व सीटन के परिवार ने अपनी जान का खतरा बताते हुए थाने में शिकायत की थी, लेकिन मुंशी ने भगा दिया था.'

  • झारखंड में अपराधियों का मनोबल देखिए, हजारीबाग के केरेडारी थाना के पचड़ा गांव में एक दलित युवक सीटन भुइयां को घर से अगवा कर हत्या कर दी और शव को बिजली के पोल से लटका दिया।
    कुछ दिन पूर्व सीटन के परिवार ने अपनी जान का खतरा बताते हुए थाने में शिकायत की थी, लेकिन मुंशी ने भगा दिया था।

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) October 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा 'खुद को आदिवासी और दलित का हितैषी बताने वाली इस सरकार के कार्यकाल में कितने कितने आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार हुए हैं ये आज किसी से छिपा नहीं है. झारखंड पुलिस की असंवेदनशीलता और टालमटोल की नीति अपराध की आशंकाओं के बावजूद उसे रोक पाने में असफल रहती है' इन दोनों ट्वीट के जरिए बाबूलाल मरांडी ने सरकार और झारखंड में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

  • खुद को आदिवासी और दलित का हितैषी बताने वाली इस सरकार के कार्यकाल में कितने कितने आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार हुए है ये आज किसी से छिपा नहीं है।@JharkhandPolice की असंवेदनशीलता और टालमटोल की नीति अपराध की आशंकाओं के बावजूद उसे रोक पाने में असफल रहती है।@NCSC_GoI

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) October 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


Last Updated : Oct 12, 2022, 8:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.