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जम्मू कश्मीर : हाउसबोट के मालिक ने शिकारा को एंबुलेंस में बदला

श्रीनगर में डल झील में एक हाउसबोट के मालिक तारिक अहमद पाटलो ने अपने शिकारे को कोविड एंबुलेंस में तब्दील कर दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए पाटलो ने कहा कि शिकारा को एम्बुलेंस में बदलने का विचार उनके दिमाग में पिछले साल आया था, जब वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे और कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा था.

शिकारा को एंबुलेंस में बदला
शिकारा को एंबुलेंस में बदला
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Published : May 6, 2021, 11:02 PM IST

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के श्रीनगर स्थित डल झील के पास रहने वाले एक शख्स ने अपने शिकारे को एक अस्थायी एम्बुलेंस में बदल दिया. यह शख्स कोविड -19 संक्रमित रोगियों को पानी के रास्ते अस्पताल पहुंचने में मदद क रहा है.

श्रीनगर में डल झील में एक हाउसबोट के मालिक तारिक अहमद पाटलो ने अपने शिकारे का नवीनीकरण किया और शिकारा पर सफेद और लाल रंग का क्रॉस लगाकर इसे कोविड रोगियों को लाने- लेजाने में इस्तेमाल करने लगा. इसके अलावा वो लोगों में कोरोना संबधित एसओपी के बारे में भी जागरूकता बढ़ा रहा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए पाटलो ने कहा कि शिकारा को एम्बुलेंस में बदलने का विचार उनके दिमाग में पिछले साल आया था, जब वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे और कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा था.

उन्होंने कहा कि जब मैं पिछले साल खुद को पीड़ित था, तो कोई भी मुझे अस्पताल पहुंचाने के लिए आगे नहीं आया, तब मैंने अन्य असहाय मरीजों के बारे में सोचा और फिर मुझे लगा कि मरीजों को किनारे तक पहुंचाने के लिए शिकारा को उपयोग एम्बुलेंस के रूप में किया जा सकता है. इसके बाद वो अस्पताल जा सकते हैं.

शिकारा को एंबुलेंस में बदला

पाटलो ने कहा कि शिकारा एम्बुलेंस में बिस्तर, स्ट्रेचर और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा की गई है, ताकि जब नाव दल के माध्यम से एक मरीज को ले जाया जाए तो कोई असुविधा न हो.

उन्होंने कहा कि शिकारा एंबुलेंस से उन्होंने अब तक कई मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है.

पढ़ें - दिल्ली में दूध की आपूर्ति पूरी करेगी स्पेशल मिल्क ट्रेन

बता दें कश्मीर में कोविड-19 मामलों में काफी बढ़ोतरी हो रही है, जिससे प्रदेश में ऑक्सीजन की आवश्यकता अधिक महसूस हो रही है.

पाटलो का कहना है कि वह गंभीर रोगियों के लिए एम्बुलेंस में एक ऑक्सीजन सांद्रता स्थापित करेंगे.

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के श्रीनगर स्थित डल झील के पास रहने वाले एक शख्स ने अपने शिकारे को एक अस्थायी एम्बुलेंस में बदल दिया. यह शख्स कोविड -19 संक्रमित रोगियों को पानी के रास्ते अस्पताल पहुंचने में मदद क रहा है.

श्रीनगर में डल झील में एक हाउसबोट के मालिक तारिक अहमद पाटलो ने अपने शिकारे का नवीनीकरण किया और शिकारा पर सफेद और लाल रंग का क्रॉस लगाकर इसे कोविड रोगियों को लाने- लेजाने में इस्तेमाल करने लगा. इसके अलावा वो लोगों में कोरोना संबधित एसओपी के बारे में भी जागरूकता बढ़ा रहा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए पाटलो ने कहा कि शिकारा को एम्बुलेंस में बदलने का विचार उनके दिमाग में पिछले साल आया था, जब वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे और कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा था.

उन्होंने कहा कि जब मैं पिछले साल खुद को पीड़ित था, तो कोई भी मुझे अस्पताल पहुंचाने के लिए आगे नहीं आया, तब मैंने अन्य असहाय मरीजों के बारे में सोचा और फिर मुझे लगा कि मरीजों को किनारे तक पहुंचाने के लिए शिकारा को उपयोग एम्बुलेंस के रूप में किया जा सकता है. इसके बाद वो अस्पताल जा सकते हैं.

शिकारा को एंबुलेंस में बदला

पाटलो ने कहा कि शिकारा एम्बुलेंस में बिस्तर, स्ट्रेचर और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा की गई है, ताकि जब नाव दल के माध्यम से एक मरीज को ले जाया जाए तो कोई असुविधा न हो.

उन्होंने कहा कि शिकारा एंबुलेंस से उन्होंने अब तक कई मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है.

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बता दें कश्मीर में कोविड-19 मामलों में काफी बढ़ोतरी हो रही है, जिससे प्रदेश में ऑक्सीजन की आवश्यकता अधिक महसूस हो रही है.

पाटलो का कहना है कि वह गंभीर रोगियों के लिए एम्बुलेंस में एक ऑक्सीजन सांद्रता स्थापित करेंगे.

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