नई दिल्ली : केंद्रीय पशुपालन, मतस्य पालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj singh) ने कहा कि हमारे देश में साल 2019-20 में 198.4 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ. केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से दुग्ध उत्पादन 6.3% प्रतिवर्ष की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है. गौर करने वाली बात है की विश्व दुग्ध उत्पादन 1.5% प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से ज्यादा डेयरी किसानों को आजीविका प्रदान कर रहा है. दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता साल 2013-14 में 307 ग्राम थी जो 2019-20 तक बढ़कर 406 ग्राम हो गयी. साल 2018-19 के दौरान दूध उत्पादन का मूल्य वर्तमान कीमतों पर 7.72 लाख करोड़ से भी ज्यादा है.
बता दें गिरिराज विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर वर्चुअल (virtual) माध्यम से अपने मंत्रालय के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.
विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) के अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार, गोपाल रत्न पुरस्कार शुरू करने का एलान किया. इसमें सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन इत्यादि जैसी श्रेणियां शामिल हैं. उन्होंने उमंग प्लेटफॉर्म के साथ ई गोपाला एप (E Gopala App) के एकीकरण की भी घोषणा की ताकी उमंग प्लेटफॉर्म के 3.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं ई गोपाला ऐप का फायदा ले पाएं.
बता दें डेयरी किसानों के लिए ई गोपाला ऐप है. इस एप के जरिए डेयरी किसानों को अपने स्मार्टफोन पर ही वीर्य, भ्रूण व पशु की उपलब्धता की जानकारी तथा उसे खरीदने की जानकारी मिलेगी. आयुर्वेद पशु चिकित्सा, कम लागत के औषधि उपचारों की जानकारी मिलेगी. स्थानीय आहार संसाधनों से संतुलित राशन तैयार करने की सूचना मिल जाएगी. नया पशुओं का रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं.
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जहां तक उमंग एप की बात है, तो यह केंद्र सरकार की एप है जिसमें एक ही जगह पर कई तरह की सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है. सरकारी सेवाएं लोगों तक आसानी से पहुंचे उसी मकसद से उमंग एप (Umang App) की शुरुआत हुई. इस ऐप में एजुकेशन, फाइनेंस, हेल्थ, किसान, राशनकार्ड, ट्रांसपोर्ट, पुलिस इत्यादि सहित कई तरह के कैटगरी हैं.
ऐसे शुरू हुआ दुग्ध दिवस
बता दें दूध के महत्व को समझने व इसे व्यर्थ न जाने देने के लिए, इसके फायदे के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल एक जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत 2001 में हुई थी. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन विभाग द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी.
इस साल विश्व दुग्ध दिवस का थीम 'पर्यावरण, पोषण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के साथ साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता' पर केंद्रित है. बता दें दूध उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में नंबर एक पर है. भारत हर साल पूरी दुनिया के दूध उत्पादन में 22 फीसदी योगदान देता है.