नई दिल्ली : टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की रविवार को मुंबई के पास एक सड़क हादसे में हुई मृत्यु ने देशभर में ऐसी दुर्घटनाओं में हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने से जुड़े आंकड़ों की ओर फिर से ध्यान आकृष्ट किया है (death in road accidents). हाल में जारी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई. इसका मतलब है कि प्रतिदिन औसतन 426 लोगों की, या हर घंटे 18 लोगों की मौत हुई. यह किसी एक वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौत के अब तक के सर्वाधिक मामले हैं.
मिस्त्री (54) की मुंबई के पास पालघर में रविवार को एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब मिस्त्री की कार एक डिवाइडर से टकरा गई. उस समय मिस्त्री मर्सिडीज कार में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे. एनसीआरबी के 'भारत में दुर्घटनाओं में मृत्यु तथा आत्महत्या के मामले-2021' शीर्षक के तहत आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल पूरे देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 3.71 लाख लोग घायल हो गए.'
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कामकाज करने वाले एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौत के सर्वाधिक मामले आए थे, वहीं सड़क दुर्घटनाओं और घायल हुए लोगों की संख्या इससे पहले के सालों के मुकाबले कम हुई है.
आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में प्रति हजार वाहनों पर मृत्यु के मामलों की दर 0.53 थी, जो 2020 के 0.45 तथा 2019 के 0.52 की दर से अधिक थी, लेकिन 2018 की 0.56 तथा 2017 की 0.59 दर से कम थी. देश में 2020 में ज्यादातर समय कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लगा रहा था और उस साल देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 3.54 लाख रही, जिनमें 1.33 लाख लोगों की मौत हो गयी, जबकि 3.35 लाख लोग घायल हुए.
एनसीआरबी की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है, 'आमतौर पर सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामलों से ज्यादा लोगों के घायल होने के मामले आते हैं, लेकिन मिजोरम, पंजाब, झारखंड और उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में लोगों के घायल होने से ज्यादा मामले मौत होने के आए.'
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(पीटीआई-भाषा)