नई दिल्ली : इस साल का पहला चक्रवात मोचा (मोका) दस्तक देने को तैयार है. मौसम विभाग के अनुसार सात मई से 11 मई के बीच चक्रवात आ सकता है. प. बंगाल और ओडिशा दोनों राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार बहुत संभव है कि यह चक्रवात तूफान में बदल जाए. इस चक्रवात का असर बांग्लादेश और बर्मा तक बना रहेगा.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने मीडिया को बताया कि छह मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है. सात मई को लो-प्रेशर बेल्ट वाला एरिया बन सकता है. इसका परिणाम यह होगा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर प्रेशर केंद्रित हो जाएगा. अगले एक से दो दिनों में यानी आठ या नौ मई को यह चक्रवात तूफान में तब्दील हो सकता है.
इस चक्रवात का नाम मोचा क्यों रखा गया. इस नाम का सुझाव यमन ने दिया था. मोचा लालसागर तट पर एक बंदरगाह सिटी है. किसी भी तूफान या चक्रवात का नाम ऐसा रखा जाता है, जिस पर किसी भी सदस्य देश को आपत्ति न हो और यह किसी की भी भावना को आहत न करता हो. अधिकतम आठ अक्षर का नाम रखा जा सकता है. एक बार जिस नाम का प्रयोग हो गया, उसे दोबारा प्रयोग में नहीं लाया जाता है. हिंदमहासागर में अगर कोई चक्रवात आता है, तो 13 देशों के सदस्य क्रमानुसार इस पर निर्णय करते हैं. इसमें भारत के अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, ओमान, थाईलैंड, मालदीव, ईरान, यमन, कतर और यूएई फैसला करते हैं. नामकरण की प्रक्रिया 1953 से शुरू हुई थी. पूरी दुनिया में छह रिजनल स्पेशलाइज्ड वेदर साइंस सेंटर और पांच रिजनल उष्णकटिबंधीय साइक्लोन सेंटर हैं, जो समय-समय पर परामर्श जारी करते रहते हैं. भारत मौसम विभाग भी इसका सदस्य है.
चक्रवात और तूफान में क्या अंतर होता है- अगर हवा की गति 63 किमी. प्रति घंटा होती है, तो इसे तूफान कहा जाता है. 118 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार तक को गंभीर तूफान कहा जाता है. उससे ऊपर की गति होने पर चक्रवात कहा जाता है. 221 किमी प्रति घंटे से अधिक रफ्तार हो, तो उसे सुपर चक्रवात कहा जाता है.
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