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गोल्डन रिट्रीवर के नाम पर ठगी करने वाला इंटरनेशनल ठग बेंगलुरु से गिरफ्तार, ऐसे करता था ठगी

मूल रूप से अफ्रीका महाद्वीप के निवासी आरोपी बॉबी इब्राहिम ने देहरादून की एक महिला से कुत्ता बेचने के नाम पर 66 लाख रुपये ठग लिये थे. STF ने आरोपी कैमरून निवासी बॉबी इब्राहिम को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है.

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Published : Aug 24, 2021, 8:49 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड में साइबर फ्रॉड के तार अन्य राज्यों के साथ जुड़े होने की खबरें लगातार आ रही हैं. अब विदेशी ठगों का एंगल भी राज्य के साइबर क्राइम जगत में जुड़ गया है. उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स ने बेंगलुरु से गोल्डन रिट्रीवर डॉग के नाम पर 66 लाख की ठगी करने वाले कैमरून के साइबर ठग बॉबी इब्राहिम को गिरफ्तार किया है.

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक आरोपी ने कुत्ता बेचने के नाम पर देहरादून में एक महिला से 66 लाख रुपये ठग लिए थे. जिसके बाद से ही उत्तराखंड एसटीएफ आरोपी की तलाश में जुटी थी. एसटीएफ के मुताबिक आरोपी ने Golden Retriever dog बेचने के नाम पर देशभर में ठगी का जाल फैला रखा था. एसटीएफ की गिरफ्त में आए गिरोह के इंटरनेशनल मास्टरमाइंड बॉबी अब्राहिम अपने नेटवर्क के जरिए मध्यमवर्ग से लेकर हाई प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाकर ठगे गए रुपए विदेश भेजता था.

गरीब लड़कियों के सहारे ठगी

एसटीएफ के मुताबिक आरोपी इस काम के लिए असम, त्रिपुरा, झारखंड की गरीब महिलाओं और लड़कियों के साथ-साथ ट्रक चालकों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करता था. बैंक अकाउंट इस्तेमाल करने के बदले गिरोह के लोग इन लोगों को कमीशन देते थे. इस खुलासे के बाद देश में विदेशी डॉग के नाम पर होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ी के कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ इस ग्रुप के देशभर में फैले नेटवर्क से जुड़े लोगों की छानबीन कर धरपकड़ में जुटी है.

इंटरनेशनल ठग बेंगलुरु से गिरफ्तार

डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने जानकारी देते हुए बताया कि बॉबी इब्राहिम द्वारा 13 बैंक अकाउंट देशभर में इस्तेमाल किए जाते थे. जिनका पैसा विदेशी बैंकों में भी ट्रांसफर किया जाता रहा है. इतना ही नहीं देशभर के ट्रक चालकों को भी अपने गैंग में मिलाकर उनके मोबाइल सिम का इस्तेमाल कर साइबर फ्रॉड किया जा रहा था.

नहीं आती हिंदी

STF के मुताबिक आरोपी बॉबी इब्राहिम को हिंदी नहीं आती है. इसके बावजूद वह पूरे देश से अनपढ़ एवं गरीब तबके के लोगों को अपने नेटवर्क में शामिल कर पूरे संयोजित तरीके से मध्यमवर्ग से लेकर हाईप्रोफाइल लोगों को ठगता था. उत्तराखंड STF अब बेंगलुरु से गिरफ्तार इस अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधी से पूछताछ कर रही है. आरोपी के इस नेटवर्क के संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है. STF के डीआईजी भरणे का कहना है कि साइबर क्राइम एक नए स्तर पर पहुंच गया है. हर राज्य की पुलिस के लिए साइबर ठगी सबसे बड़ी चुनौती है. इसके बावजूद उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस और एसटीएफ लगातार ऐसे इंटरनेशनल गिरोह पर शिकंजा कसने में देशभर जुटी है. इसी का नतीजा है कि पिछले दिनों तीन नाइजीरियन और अब पहली बार रिपब्लिकन ऑफ कैमरून मूल के इस अपराधी को बेंगलुरु से पकड़ा गया है.

ऐसे करता था ठगी

एसटीएफ को जांच में पता चला है कि आरोपी ने Just Dial वेबसाइट पर फर्जी जानकारियां डाल रखी थीं. साथ ही उसने विदेशी नस्ल के कुत्तों के पिक्चर भी अपलोड किये थे. खुद को कंपनी का कर्मचारी बताकर आरोपी विदेशी नस्ल के अलग-अलग कुत्तों की पिक्चर ऑनलाइन लोगों को दिखाता था और कुत्ते के इंश्योरेंस, ट्रांसपोर्टेशन, रजिस्ट्रेशन जैसी तमाम औपचारिकताओं के नाम अपने अलग-अलग बैंक अकाउंट में कस्टमर से रकम ट्रांसफर कराता था.

क्या है मामला

जुलाई महीने में देहरादून के मोथरोवाला निवासी एक महिला ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि वो अपनी बेटी के जन्मदिन पर गोल्डन रिट्रीवर ब्रीड का डॉगी उसे गिफ्ट करना चाहती थीं. गिफ्ट देने के लिए 20 जून को उसने Just Dial नंबर पर संपर्क कर कुत्ते के बच्चे को खरीदने का ऑर्डर दिया. मोबाइल से ऑर्डर देने के दौरान सामने वाले अज्ञात व्यक्ति ने कुत्ते की बच्चे की कीमत ₹15,000 बताई और पांच हजार रुपये एडवांस मांगे. बाकी रुपये डिलीवरी के बाद देने के लिए कहा गया. इस पर महिला ने पांच हजार रुपये खाते में जमा करा दिए.

अगले दिन उनको एक मेल आया, जिसमें एक लाख तीन हजार रुपये जमा कराने के लिए कहा गया. ये बताया गया कि मांगी गई रकम रिफंडेबल होगी. अगले दिन फिर एक लाख रुपये के लिए कहा गया, वो भी जमा करा दी गई. यही होते-होते महिला को ऑनलाइन पेमेंट के झांसे में लेकर कुत्ते के बच्चे का एडवांस भुगतान और शिपिंग चार्जेस के नाम पर 66 लाख 39 हजार 600 रुपए अलग-अलग बैंक खाते में ट्रांसफर कर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया.

महिला को झांसे का पता तब चला जब बीती 3 जुलाई को मेल आया कि डॉगी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया गया है और डिलीवरी से पहले 25 लाख रुपये जमा कराने के लिए कहा गया. गड़बड़ी भांपकर महिला ने साइबर थाने में तहरीर दी थी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की.

पढ़ेंः उत्तराखंड STF ने नाइजीरियन को दिल्ली में दबोचा, 60 लाख की ठगी का आरोप

देहरादून : उत्तराखंड में साइबर फ्रॉड के तार अन्य राज्यों के साथ जुड़े होने की खबरें लगातार आ रही हैं. अब विदेशी ठगों का एंगल भी राज्य के साइबर क्राइम जगत में जुड़ गया है. उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स ने बेंगलुरु से गोल्डन रिट्रीवर डॉग के नाम पर 66 लाख की ठगी करने वाले कैमरून के साइबर ठग बॉबी इब्राहिम को गिरफ्तार किया है.

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक आरोपी ने कुत्ता बेचने के नाम पर देहरादून में एक महिला से 66 लाख रुपये ठग लिए थे. जिसके बाद से ही उत्तराखंड एसटीएफ आरोपी की तलाश में जुटी थी. एसटीएफ के मुताबिक आरोपी ने Golden Retriever dog बेचने के नाम पर देशभर में ठगी का जाल फैला रखा था. एसटीएफ की गिरफ्त में आए गिरोह के इंटरनेशनल मास्टरमाइंड बॉबी अब्राहिम अपने नेटवर्क के जरिए मध्यमवर्ग से लेकर हाई प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाकर ठगे गए रुपए विदेश भेजता था.

गरीब लड़कियों के सहारे ठगी

एसटीएफ के मुताबिक आरोपी इस काम के लिए असम, त्रिपुरा, झारखंड की गरीब महिलाओं और लड़कियों के साथ-साथ ट्रक चालकों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करता था. बैंक अकाउंट इस्तेमाल करने के बदले गिरोह के लोग इन लोगों को कमीशन देते थे. इस खुलासे के बाद देश में विदेशी डॉग के नाम पर होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ी के कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ इस ग्रुप के देशभर में फैले नेटवर्क से जुड़े लोगों की छानबीन कर धरपकड़ में जुटी है.

इंटरनेशनल ठग बेंगलुरु से गिरफ्तार

डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने जानकारी देते हुए बताया कि बॉबी इब्राहिम द्वारा 13 बैंक अकाउंट देशभर में इस्तेमाल किए जाते थे. जिनका पैसा विदेशी बैंकों में भी ट्रांसफर किया जाता रहा है. इतना ही नहीं देशभर के ट्रक चालकों को भी अपने गैंग में मिलाकर उनके मोबाइल सिम का इस्तेमाल कर साइबर फ्रॉड किया जा रहा था.

नहीं आती हिंदी

STF के मुताबिक आरोपी बॉबी इब्राहिम को हिंदी नहीं आती है. इसके बावजूद वह पूरे देश से अनपढ़ एवं गरीब तबके के लोगों को अपने नेटवर्क में शामिल कर पूरे संयोजित तरीके से मध्यमवर्ग से लेकर हाईप्रोफाइल लोगों को ठगता था. उत्तराखंड STF अब बेंगलुरु से गिरफ्तार इस अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधी से पूछताछ कर रही है. आरोपी के इस नेटवर्क के संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है. STF के डीआईजी भरणे का कहना है कि साइबर क्राइम एक नए स्तर पर पहुंच गया है. हर राज्य की पुलिस के लिए साइबर ठगी सबसे बड़ी चुनौती है. इसके बावजूद उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस और एसटीएफ लगातार ऐसे इंटरनेशनल गिरोह पर शिकंजा कसने में देशभर जुटी है. इसी का नतीजा है कि पिछले दिनों तीन नाइजीरियन और अब पहली बार रिपब्लिकन ऑफ कैमरून मूल के इस अपराधी को बेंगलुरु से पकड़ा गया है.

ऐसे करता था ठगी

एसटीएफ को जांच में पता चला है कि आरोपी ने Just Dial वेबसाइट पर फर्जी जानकारियां डाल रखी थीं. साथ ही उसने विदेशी नस्ल के कुत्तों के पिक्चर भी अपलोड किये थे. खुद को कंपनी का कर्मचारी बताकर आरोपी विदेशी नस्ल के अलग-अलग कुत्तों की पिक्चर ऑनलाइन लोगों को दिखाता था और कुत्ते के इंश्योरेंस, ट्रांसपोर्टेशन, रजिस्ट्रेशन जैसी तमाम औपचारिकताओं के नाम अपने अलग-अलग बैंक अकाउंट में कस्टमर से रकम ट्रांसफर कराता था.

क्या है मामला

जुलाई महीने में देहरादून के मोथरोवाला निवासी एक महिला ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि वो अपनी बेटी के जन्मदिन पर गोल्डन रिट्रीवर ब्रीड का डॉगी उसे गिफ्ट करना चाहती थीं. गिफ्ट देने के लिए 20 जून को उसने Just Dial नंबर पर संपर्क कर कुत्ते के बच्चे को खरीदने का ऑर्डर दिया. मोबाइल से ऑर्डर देने के दौरान सामने वाले अज्ञात व्यक्ति ने कुत्ते की बच्चे की कीमत ₹15,000 बताई और पांच हजार रुपये एडवांस मांगे. बाकी रुपये डिलीवरी के बाद देने के लिए कहा गया. इस पर महिला ने पांच हजार रुपये खाते में जमा करा दिए.

अगले दिन उनको एक मेल आया, जिसमें एक लाख तीन हजार रुपये जमा कराने के लिए कहा गया. ये बताया गया कि मांगी गई रकम रिफंडेबल होगी. अगले दिन फिर एक लाख रुपये के लिए कहा गया, वो भी जमा करा दी गई. यही होते-होते महिला को ऑनलाइन पेमेंट के झांसे में लेकर कुत्ते के बच्चे का एडवांस भुगतान और शिपिंग चार्जेस के नाम पर 66 लाख 39 हजार 600 रुपए अलग-अलग बैंक खाते में ट्रांसफर कर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया.

महिला को झांसे का पता तब चला जब बीती 3 जुलाई को मेल आया कि डॉगी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया गया है और डिलीवरी से पहले 25 लाख रुपये जमा कराने के लिए कहा गया. गड़बड़ी भांपकर महिला ने साइबर थाने में तहरीर दी थी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की.

पढ़ेंः उत्तराखंड STF ने नाइजीरियन को दिल्ली में दबोचा, 60 लाख की ठगी का आरोप

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