भरतपुर. केंद्र और राज्य सरकारें लगातार साइबर अपराध पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही हैं. पुलिस को आधुनिक और तकनीक को अपडेट किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए 3 साल में करीब 298 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, लेकिन फिर भी देश के 1.47 लाख लोग साइबर अपराध का शिकार हो गए. सरकारें लोगों को साइबर अपराध के प्रति लगातार जागरूक कर रही हैं, लेकिन शातिर अपराधी कोई न कोई नया तरीका खोजकर लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं.
लगातार बढ़ रहा साइबर अपराध : केंद्रीय गृह विभाग के आंकड़ों की मानें तो देश में वर्ष 2019 से 2021 के दौरान साइबर अपराध के कुल 1 लाख, 47,744 मामले दर्ज हुए. चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से लगातार करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद साइबर अपराध पर लगाम लगने या कमी आने के बजाए इनमें वृद्धि हो रही है. वर्ष 2019 में देश में साइबर अपराध के कुल 44,735 मामले सामने आए, जबकि वर्ष 2020 में 50,035 और वर्ष 2021 में ये बढ़कर 52,974 हो गए.
पढ़ें. Cyber Crime: होटलों में ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर हो रही ठगी, रहें सतर्क
एक लाख से अधिक सिम बंद : भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि जिले के मेवात क्षेत्र में साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए लगातार कार्रवाई की जाती है. कई बार अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर भी अपराधियों को गिरफ्तार किया जाता है. बीते एक साल में भरतपुर पुलिस ने मेवात क्षेत्र में ठगी के काम में ली जा रही फर्जी आईडी पर एक्टिव करीब एक लाख 36 हजार सिमों को बंद कराया है. करीब इतने ही मोबाइल के IMEI नंबर भी ब्लॉक कराए गए हैं. मेवात के ठग लोगों से ठगी गई राशि को निकलने के लिए प्राइवेट एटीएम का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में एक साल में मेवात क्षेत्र में 38 एटीएम भी बंद कराए गए हैं.
लगातार किया जा रहा जागरूक : एसपी मृदुल ने बताया कि लोग ठगी और साइबर अपराध का शिकार न बनें, इसके लिए लगातार लोगों को सावधान और जागरूक किया जाता है. मेवात क्षेत्र में जगह-जगह जागरूकता वाले बोर्ड भी लगवाए गए हैं, लेकिन साइबर अपराधी लोगों को फंसाने के लिए कोई न कोई नया तरीका निकाल लेते हैं और लोग उनके जाल में फंस जाते हैं.