अगरतला : नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के तीन सहयोगियों को रिहा कराने को लेकर भीड़ ने त्रिपुरा के धलाई जिले के गंगानगर पुलिस थाने में शुक्रवार देर रात हमला कर किया. इस घटना में पांच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करने के साथ आंसू गैस के गोले दागे.
इतना ही नहीं भीड़ ने थाने के सामने खड़े तीन पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ करने के साथ ही थाने के कुछ हिस्सों में भी तोड़फोड़ करने का प्रयास किया गया. स्थिति के नियंत्रण से बाहर होता देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर कर दिया.
इस बारे में धलाई जिले के पुलिस अधीक्षक किशोर देबबर्मा ने पत्रकारों को बताया कि उग्रवाद से जुड़े एक मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली कि गंगानगर और मुंगियाकामी क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में कुछ सशस्त्र समूह सक्रिय हैं. इसी सिलसिले में जांच के क्रम में हमने तीन युवाओं को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की है. उसके आधार पर हमें कुछ सबूत और एनएलएफटी चरमपंथियों के बीच सिम कार्ड के आदान-प्रदान करने की बात का पता चला है.
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उन्होंने बताया कि जैसे ही इन युवाओं को गिरफ्तार किया गया, उसी दौरान स्थानीय लोगों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया. वे तीनों युवकों की रिहाई चाहते थे. हमने लोगों को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे. जबकि उनकी मांग गलत थी.
एसपी ने कहा, भीड़ ने उन्हें जबरदस्ती छुड़ाने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि इस बीच भीड़ का एक वर्ग तोड़फोड़ में शामिल हो गया. इस वजह से पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल और आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
इस संबंध में गंगानगर पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी मृणाल कांति रियांग ने टेलीफोन पर बताया कि तीन व्यक्तियों बिरेनजॉय रियांग, थोमारॉय रियांग और धनंजय रियांग को शुक्रवार शाम को प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन एनएलएफटी के साथ सहयोग करने पर जंगल से गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि इस घटना में पांच से छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. घटना के तुरंत बाद घायल पुलिसकर्मियों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को दो आंसू के गोले दागने पड़े. वहीं तीनों गिरफ्तार लोगों को शनिवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया.