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Russian Tourist Arrested : नालंदा से रूसी नागरिक गिरफ्तार, 3 साल से आलोक बाबा बनकर रह रहा था अलेक्जेंडर.. बनाया था फर्जी आधार कार्ड

नालंदा से रूसी नागरिक गिरफ्तार किया गया है. वह भारत में अवैध तरीके से रह रहा था. रूसी नागरिक अलेक्जेंडर उर्फ आलोक बाबा को नालंदा स्थित महावीर मेडिटेशन सेंटर से गिरफ्तार किया गया है. इसके पास से अवैध वीजा बरामद किया गया है. साथ ही उसने फर्जी आधार कार्ड भी बना रखा था. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jul 6, 2023, 11:01 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 8:24 AM IST

नालंदा : बिहार के नालंदा में रुसी नागरिक गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने एक रूसी नागरिक को फर्जी आधार कार्ड, अवैध वीजा के साथ किया पकड़ा है और उससे पूछताछ जारी है. वह नालंदा स्थित मेडिटेशन सेंटर से गिरफ्तार किया गया है. उसके वीजा में ओवरराइट कर 2020 की जगह 2023 किया गया है. इसके अलावा आधार कार्ड में बंगाल का पता है, जबकि ये रूस का रहने वाला है.

ये भी पढ़ें : बिहार में साल 2022 में अब तक 16 विदेशी नागरिक अरेस्ट, इन मामलों में गिरफ्तारी

महाविहार में प्रशिक्षण लेने पहुंचा था अलेक्जेंडर : इस पूरे मामला का खुलासा तब हुआ जब वह 3 जुलाई को नालंदा आया और महाविहार स्थित मेडिटेशन सेंटर में 10 दिन का प्रशिक्षण लेने गया. महाविहार संस्थान ने इससे पासपोर्ट, वीजा और आधार कार्ड की मूलप्रति मांगी. तब रूसी नागरिक ने सभी दस्तावेज की फोटो कॉपी सौंप दी. इसकी जांच के दौरान महाविहार को पता चला कि इसके पास जो वीजा है वो 2020 का है और टूरिस्ट वीजा की अवधि मात्र 3 महीने की थी. मगर इसने फर्जी तरीके उसे 2023 तक कर दिया है और इसके पास जो आधार कार्ड है उसमें बंगाल का पता है.

महाविहार प्रबंधन ने पुलिस को दी सूचना : महाविहार की ओर से इस मामले में नालंदा थाना पुलिस को सूचना दी गई. इसके बाद नालंदा थानाध्यक्ष ने मामले की जांच की और इस संबंध में रूसी एंबेसी से पता लगा कि ये फर्जी दस्तावेज के सहारे भारत में पिछले तीन साल से रह रहा है. इसके बाद अलेक्जेंडर उर्फ आलोक बाबा को गिरफ्तार किया गया. इसके पास से मोबाइल फोन, कैमरा और कई दस्तावेज को भी जब्त किया गया है.

टूरिस्ट वीजा पर 2020 में आया था भारत : पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद रूसी नागरिक अलेक्जेंडर ने बताया कि वह 2020 में टूरिस्ट वीजा पर 3 महीने के लिए भारत आया था. उसी दौरान कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया, जिसमें वो फंस गया और बंगाल में रहने लगा. उसने अपना नाम अलेक्जेंडर की जगह आलोक बाबा रख लिया और उसी दौरान इसने बंगाल में ही अपने नाम पर बंगाल के पता पर आधार कार्ड भी बनवा लिया. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है.

फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखा था : इस मामले राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि महावविहार से सूचना मिली थी कि एक रूसी नागरिक है जो महावविहार के मेडिटेशन सेंटर आया है. उसके पास ना तो पास्पोर्ट की मूल कॉपी है. और ना ही वीजा की. इसके बाद नालंदा थाना पुलिस द्वारा उसे 3 दिन में पासपोर्ट और वीजा की मूल कॉपी उपलब्ध कराने को कहा मगर तीन दिन बाद भी मूल कॉपी उपलब्ध नहीं कराया जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई है और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किया गया है.

"महावविहार से सूचना मिली थी कि एक रूसी नागरिक है जो महावविहार के मेडिटेशन सेंटर आया है. उसके पास ना तो पास्पोर्ट की मूल कॉपी है. और ना ही वीजा की. इसके बाद नालंदा थाना पुलिस द्वारा उसे 3 दिन में पासपोर्ट और वीजा की मूल कॉपी उपलब्ध कराने को कहा मगर तीन दिन बाद भी मूल कॉपी उपलब्ध नहीं कराया जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई हैं" - प्रदीप कुमार, डीएसपी, राजगीर

नालंदा : बिहार के नालंदा में रुसी नागरिक गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने एक रूसी नागरिक को फर्जी आधार कार्ड, अवैध वीजा के साथ किया पकड़ा है और उससे पूछताछ जारी है. वह नालंदा स्थित मेडिटेशन सेंटर से गिरफ्तार किया गया है. उसके वीजा में ओवरराइट कर 2020 की जगह 2023 किया गया है. इसके अलावा आधार कार्ड में बंगाल का पता है, जबकि ये रूस का रहने वाला है.

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महाविहार में प्रशिक्षण लेने पहुंचा था अलेक्जेंडर : इस पूरे मामला का खुलासा तब हुआ जब वह 3 जुलाई को नालंदा आया और महाविहार स्थित मेडिटेशन सेंटर में 10 दिन का प्रशिक्षण लेने गया. महाविहार संस्थान ने इससे पासपोर्ट, वीजा और आधार कार्ड की मूलप्रति मांगी. तब रूसी नागरिक ने सभी दस्तावेज की फोटो कॉपी सौंप दी. इसकी जांच के दौरान महाविहार को पता चला कि इसके पास जो वीजा है वो 2020 का है और टूरिस्ट वीजा की अवधि मात्र 3 महीने की थी. मगर इसने फर्जी तरीके उसे 2023 तक कर दिया है और इसके पास जो आधार कार्ड है उसमें बंगाल का पता है.

महाविहार प्रबंधन ने पुलिस को दी सूचना : महाविहार की ओर से इस मामले में नालंदा थाना पुलिस को सूचना दी गई. इसके बाद नालंदा थानाध्यक्ष ने मामले की जांच की और इस संबंध में रूसी एंबेसी से पता लगा कि ये फर्जी दस्तावेज के सहारे भारत में पिछले तीन साल से रह रहा है. इसके बाद अलेक्जेंडर उर्फ आलोक बाबा को गिरफ्तार किया गया. इसके पास से मोबाइल फोन, कैमरा और कई दस्तावेज को भी जब्त किया गया है.

टूरिस्ट वीजा पर 2020 में आया था भारत : पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद रूसी नागरिक अलेक्जेंडर ने बताया कि वह 2020 में टूरिस्ट वीजा पर 3 महीने के लिए भारत आया था. उसी दौरान कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया, जिसमें वो फंस गया और बंगाल में रहने लगा. उसने अपना नाम अलेक्जेंडर की जगह आलोक बाबा रख लिया और उसी दौरान इसने बंगाल में ही अपने नाम पर बंगाल के पता पर आधार कार्ड भी बनवा लिया. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है.

फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखा था : इस मामले राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि महावविहार से सूचना मिली थी कि एक रूसी नागरिक है जो महावविहार के मेडिटेशन सेंटर आया है. उसके पास ना तो पास्पोर्ट की मूल कॉपी है. और ना ही वीजा की. इसके बाद नालंदा थाना पुलिस द्वारा उसे 3 दिन में पासपोर्ट और वीजा की मूल कॉपी उपलब्ध कराने को कहा मगर तीन दिन बाद भी मूल कॉपी उपलब्ध नहीं कराया जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई है और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किया गया है.

"महावविहार से सूचना मिली थी कि एक रूसी नागरिक है जो महावविहार के मेडिटेशन सेंटर आया है. उसके पास ना तो पास्पोर्ट की मूल कॉपी है. और ना ही वीजा की. इसके बाद नालंदा थाना पुलिस द्वारा उसे 3 दिन में पासपोर्ट और वीजा की मूल कॉपी उपलब्ध कराने को कहा मगर तीन दिन बाद भी मूल कॉपी उपलब्ध नहीं कराया जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई हैं" - प्रदीप कुमार, डीएसपी, राजगीर

Last Updated : Jul 7, 2023, 8:24 AM IST
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