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इंस्टाग्राम पर फॉलोअर बढ़ाने के चक्कर में किशोरी ने रुपए गंवाने के साथ बदनामी भी कराई

इंस्टाग्राम पर फॉलोअर बढ़ाने के चक्कर में आगरा की एक किशोरी के साथ ठगी हुई है. किशोरी ने धीरे-धीरे करके अपने कारोबारी पिता की तिजारी से आठ लाख रुपए निकालकर ठगों को दे दिए. लेकिन, उसके इंस्टाग्राम पर फालोअर नहीं बढ़े. साथ में बदनामी अलग से हो गई. देखें क्या है पूरा मामला...

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Published : Jun 6, 2023, 1:26 PM IST

आगरा: साइबर ठग अपने शिकार को फंसाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाते हैं. अब ठगों ने एक नया ही तरीका शुरू किया. इसके तहत इमोशनली ब्लैकमेल कर छोटे बच्चों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. ताजा मामला ताजनगरी आगरा की पॉश कॉलोनी कमलानगर का है. यहां रहने वाले एक कारोबारी की नाबालिग बेटी के साथ आठ लाख रुपए की ठगी हुई है.

ठगी की ये कहानी स्नैप चैट से शुरू होती है. स्नैप चैट पर आगरा के कारोबारी की बेटी से जगदीशपुरा क्षेत्र के दो किशोर की दोस्ती हुई. किशोरों ने किशोरी को झांसा दिया कि वे इंस्टाग्राम पर उसके लाखों फॉलोअर कर देंगे. जिससे किशोरी ने उन्हें अपने फोटो दिए. किशोरों ने फोटो के साथ छेड़छाड़ करके उसे अश्लील बना दिया और धमकी देकर किशोरी को ब्लैकमेल करने लगे.

किशोरी ने छह माह में कारोबारी पिता की तिजोरी से कई बार चोरी करके आठ लाख रुपए निकाले और किशोरों को दे दिए. ​जब बार-बार तिजोरी से रुपये गायब हुए तो कारोबारी ने घर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए. इससे मामला पकड़ में आ गया. पांच दिन पहले एक लिफाफा बाइक सवार को देती बेटी सीसीटीवी कैमरे में दिखी. इस पर कारोबारी ने बेटी से पूछताछ की तो उसकी कहानी सुनकर सभी हैरान रह गए. इस पर कारोबारी ने कमलानगर थाने में शिकायत की.

कारोबारी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी किशोरों की पहचान करके दोनों को थाने बुलाया. दोनों से पूछताछ की तो पुलिस भी हैरान रह गई. किशोरों ने कारोबारी की बेटी से ली गई रकम से आईफोन खरीदा था. सवा लाख रुपये की बाइक खरीदी थी. इसके साथ ही दिल्ली में पार्टी भी की थी. ब्रांडेड कपड़े भी खरीदे थे.

यूं हुआ था काराबोरी को शकः कारोबारी ने पुलिस को बताया कि, बेटी नौवीं की छात्रा है. लगातार घर की तिजोरी से रकम चोरी हो रही थी. जबकि, घर पर कोई आता जाता ही नहीं है. जब घर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए तो पता चला कि, बेटी मकान के बाहर बाइक से आए दो किशोर को लिफाफा दे रही थी. जिस पर बेटी से प्यार से बात की तो उसने बताया कि, ब्लैकमेल करके दोनों उससे रुपये ऐंठ रहे हैं.

कोई न कोई बहाना बनाकर ऐंठी रकमः एसीपी हरिपर्वत मयंक तिवारी ने बताया कि किशोर गरीब परिवार से हैं. दोनों ने पूछताछ में बताया कि स्नैप चेट से उनकी दोस्ती पैसे वाली लड़की से हो गई थी. जिसे पहले इंस्टाग्राम पर फॉलोअर बढ़ाने का झांसा देकर रुपये लिए. इसके बाद लड़की के सामने कोई न कोई बहाना बनाकर उससे रुपये मांग लेते थे. कई बार तो घर में किसी को हार्टअटैक आने की कहकर मदद मांगी. हर बार उसने रुपये दिए.

एक लाख रुपए पार्टी में उड़ाएः एसीपी हरिपर्वत मयंक तिवारी की पूछताछ में किशोरों ने बताया कि, एक लाख रुपये पार्टी में उड़ा दिए हैं. हमने दोस्तों को पार्टी दी थी. एक आईफोन खरीदा था. ब्रांडेड कपड़े भी खरीदे. करीब तीन-चार लाख रुपये लड़के खर्च नहीं कर दिए. बाकी का जो सामान खरीदा था, वो बरामद कर लिया गया है. कोराबोरी ने मुकदमा कराने से इनकार कर दिया. इसलिए, उन्हें छोड़ दिया गया है.

माता-पिता रखें बच्चों पर नजरः एसीपी हरिपर्वत मयंक तिवारी की अभिभावकों को सलाह है कि, बच्चों से दूरी न बनाएं. उनके दोस्त बनें. दोस्त बनकर अपने बच्चों पर नजर रखें. उनकी हर हरकत को देखें. बच्चे के दोस्त कौन हैं? दोस्त कैसे हैं? सोशल मीडिया पर बच्चा किसके संपर्क में है? अभिभावक जब दोस्त बनकर बच्चों से बात करेंगे तो उन्हें बच्चों की हर हरकत की जानकारी रहेगी. जिससे इस तरह से कोई बच्चों को गुमराह नहीं कर सकेगा.

ये भी पढ़ेंः बस्ती में गैंग रेप के बाद 12 साल की बच्ची की निर्मम हत्या, एक आरोपी गिरफ्तार, दो की तलाश जारी

आगरा: साइबर ठग अपने शिकार को फंसाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाते हैं. अब ठगों ने एक नया ही तरीका शुरू किया. इसके तहत इमोशनली ब्लैकमेल कर छोटे बच्चों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. ताजा मामला ताजनगरी आगरा की पॉश कॉलोनी कमलानगर का है. यहां रहने वाले एक कारोबारी की नाबालिग बेटी के साथ आठ लाख रुपए की ठगी हुई है.

ठगी की ये कहानी स्नैप चैट से शुरू होती है. स्नैप चैट पर आगरा के कारोबारी की बेटी से जगदीशपुरा क्षेत्र के दो किशोर की दोस्ती हुई. किशोरों ने किशोरी को झांसा दिया कि वे इंस्टाग्राम पर उसके लाखों फॉलोअर कर देंगे. जिससे किशोरी ने उन्हें अपने फोटो दिए. किशोरों ने फोटो के साथ छेड़छाड़ करके उसे अश्लील बना दिया और धमकी देकर किशोरी को ब्लैकमेल करने लगे.

किशोरी ने छह माह में कारोबारी पिता की तिजोरी से कई बार चोरी करके आठ लाख रुपए निकाले और किशोरों को दे दिए. ​जब बार-बार तिजोरी से रुपये गायब हुए तो कारोबारी ने घर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए. इससे मामला पकड़ में आ गया. पांच दिन पहले एक लिफाफा बाइक सवार को देती बेटी सीसीटीवी कैमरे में दिखी. इस पर कारोबारी ने बेटी से पूछताछ की तो उसकी कहानी सुनकर सभी हैरान रह गए. इस पर कारोबारी ने कमलानगर थाने में शिकायत की.

कारोबारी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी किशोरों की पहचान करके दोनों को थाने बुलाया. दोनों से पूछताछ की तो पुलिस भी हैरान रह गई. किशोरों ने कारोबारी की बेटी से ली गई रकम से आईफोन खरीदा था. सवा लाख रुपये की बाइक खरीदी थी. इसके साथ ही दिल्ली में पार्टी भी की थी. ब्रांडेड कपड़े भी खरीदे थे.

यूं हुआ था काराबोरी को शकः कारोबारी ने पुलिस को बताया कि, बेटी नौवीं की छात्रा है. लगातार घर की तिजोरी से रकम चोरी हो रही थी. जबकि, घर पर कोई आता जाता ही नहीं है. जब घर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए तो पता चला कि, बेटी मकान के बाहर बाइक से आए दो किशोर को लिफाफा दे रही थी. जिस पर बेटी से प्यार से बात की तो उसने बताया कि, ब्लैकमेल करके दोनों उससे रुपये ऐंठ रहे हैं.

कोई न कोई बहाना बनाकर ऐंठी रकमः एसीपी हरिपर्वत मयंक तिवारी ने बताया कि किशोर गरीब परिवार से हैं. दोनों ने पूछताछ में बताया कि स्नैप चेट से उनकी दोस्ती पैसे वाली लड़की से हो गई थी. जिसे पहले इंस्टाग्राम पर फॉलोअर बढ़ाने का झांसा देकर रुपये लिए. इसके बाद लड़की के सामने कोई न कोई बहाना बनाकर उससे रुपये मांग लेते थे. कई बार तो घर में किसी को हार्टअटैक आने की कहकर मदद मांगी. हर बार उसने रुपये दिए.

एक लाख रुपए पार्टी में उड़ाएः एसीपी हरिपर्वत मयंक तिवारी की पूछताछ में किशोरों ने बताया कि, एक लाख रुपये पार्टी में उड़ा दिए हैं. हमने दोस्तों को पार्टी दी थी. एक आईफोन खरीदा था. ब्रांडेड कपड़े भी खरीदे. करीब तीन-चार लाख रुपये लड़के खर्च नहीं कर दिए. बाकी का जो सामान खरीदा था, वो बरामद कर लिया गया है. कोराबोरी ने मुकदमा कराने से इनकार कर दिया. इसलिए, उन्हें छोड़ दिया गया है.

माता-पिता रखें बच्चों पर नजरः एसीपी हरिपर्वत मयंक तिवारी की अभिभावकों को सलाह है कि, बच्चों से दूरी न बनाएं. उनके दोस्त बनें. दोस्त बनकर अपने बच्चों पर नजर रखें. उनकी हर हरकत को देखें. बच्चे के दोस्त कौन हैं? दोस्त कैसे हैं? सोशल मीडिया पर बच्चा किसके संपर्क में है? अभिभावक जब दोस्त बनकर बच्चों से बात करेंगे तो उन्हें बच्चों की हर हरकत की जानकारी रहेगी. जिससे इस तरह से कोई बच्चों को गुमराह नहीं कर सकेगा.

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