सीतापुर: जिले में पुलिस इंसानियत भूलकर हैवान बन गई. आपसी विवाद के दौरान हुई मारपीट की शिकायत में बंद दो सगे भाइयों से मिलने पहुंचीं महिलाओं पर थानेदार ने अपनी मौजूदगी में पट्टे से पिटाई की. इतना ही नहीं महिलाओं को अपशब्द भी कहे. इसका विरोध करने पर थानेदार ने अभद्रता की. पुलिस की इस बर्बरता के गवाह महिलाओं के शरीर पर बने निशान हैं. पीड़ित महिलाओं ने एसपी ऑफिस पहुंचकर थानाध्यक्ष सहित पुलिसकर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए एसपी घुले सुशील चंद्रभाल से न्याय की गुहार लगाई.
घटना रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र की है. यहां बीती 18 जून की दोपहर नल के पानी को लेकर दो सगे भाई ओंकार और निरंकार के बीच मारपीट हो गई. आरोप है कि इस मारपीट के बाद पुलिस ने दोनों भाइयों को थाने में बैठा लिया और जब अगले दिन पीड़ित महिलाएं थाने पहुंची तो थानाध्यक्ष ने उनको गालियां दीं. जब महिलाओं ने विरोध किया तो थानाध्यक्ष ने महिलाओं को अपशब्द कहते हुए थाने में मौजूद मुंशी यादव और महिला आरक्षी रचना को बुलवाकर उनकी बेहरहमी से कमरे में बंद करके पट्टे से पिटाई कर दी. पुलिस की इस बर्बरता के निशान महिलाओं के शरीर पर पड़े हुए हैं.
इस मारपीट के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों पर 107/116 की कार्रवाई करते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया. थानाध्यक्ष की इस बर्बरता की कहानी जब एसपी के पास पहुंची तो इस मामले की जांच एसपी ने सीओ महमूदाबाद रविशंकर को दी. सीओ महमूदाबाद ने थानेदार को क्लीनचिट दे दी. इसके बाद एसपी घुले सुशील चंद्रभान ने मामले की जांच एएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह को दी. इनकी जांच में थानेदार सहित तीन पुलिसकर्मी दोषी पाए गए. तीनों पुलिसकर्मियों को एसपी ने सस्पेंड कर दिया है. साथ ही तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं.
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