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सिपाहियों ने युवक को मौत के मुंह से निकाला बाहर, फिर से धड़कने लगा दिल

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Published : Jul 6, 2023, 6:00 PM IST

Updated : Jul 6, 2023, 6:36 PM IST

कानपुर साउथ के नौबस्ता पीवीआर में कुछ पुलिसकर्मी देवदूत (Police personnel saved life of young man) बनकर आए और एक युवक की जान बचा ली. उन्होंने सीपीआर देकर दोबारा से उसके शरीर में जान फूंक दी. पुलिस के इस कार्य की चारों तरफ सराहना हो रही है.

कानपुर
कानपुर
कानपुर में सीपीआर देकर पुलिस कर्मियों ने युवक की जान बचा ली.

कानपुर : कानपुर साउथ के नौबस्ता पीवीआर में तैनात दो पुलिस कर्मियों ने सीपीआर देकर एक युवक की जान बचा ली. कुछ ही देर में दोबारा से युवक का दिल धड़कने लगा. घटना बुधवार की रात करीब 10:30 से 11 बजे के बीच की है. इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक जान देने की कोशिश कर रहा है. इस सूचना के बाद पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए. युवक की धड़कन थम चुकी थी, इसके बावजूद पुलिस कर्मियों ने सीपीआर देकर युवक की जान बचा ली. पुलिस के इस नेक कार्य की सभी लोग तारीफ कर रहे हैं.

दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची पुलिस : कांस्टेबल बृजेश और सुमित नारायण ने बताया कि कानपुर साउथ के नौबस्ता के गोपाल नगर में राजू अपनी पत्नी और अपने भाई रवि के साथ रहता है. राजू के भाई रवि ने पुलिस को जानकारी दी कि राजू और उसकी पत्नी के बीच 9:30 बजे के आसपास झगड़ा हुआ. इसके बाद राजू ने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया है. वह जान देने की कोशिश कर रहा है. इस जानकारी के बाद बृजेश और सुमित के साथ अन्य पुलिस कर्मी तत्काल मौके पर पहुंच गए. पुलिस युवक के कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई.

दोनों पुलिस कर्मियों ने ली थी सीपीआर की ट्रेनिंग : राजू की धड़कन थम चुकी थी, इसके बावजूद कांस्टेबल बृजेश और सुमित नारायण ने उसे सीपीआर देना शुरू कर दिया. दोनों बारी-बारी से राजू को सीपीआर देते रहे. कुछ मिनटों के बाद उनका प्रयास रंग लाने लगा. राजू का दिल फिर से धड़कने लगा. इसके बाद पुलिस कर्मियों ने राजू को अस्पताल में भर्ती करा दिया. कांस्टेबल बृजेश और सुमित ने बताया कि पुलिस ट्रेनिंग के दौरान ही उन्होंने सीपीआर देने का प्रशिक्षण लिया था. युवक की जान बचाने में यह काम आ गया.

क्या होता है सीपीआर : सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक इमरजेंसी प्रक्रिया है. इसकी जरूरत तब पड़ती है जब दिल का दौरा या अन्य किसी वजह से दिल धड़कना बंद कर दे. कार्डियक अरेस्ट के बाद तत्काल सीपीआर देने से जान बचने की संभावना काफी ज्यादा हो जाती है.

यह भी पढ़ें : तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार 3 युवकों को रौंदा, दो भाइयों की मौत

कानपुर में सीपीआर देकर पुलिस कर्मियों ने युवक की जान बचा ली.

कानपुर : कानपुर साउथ के नौबस्ता पीवीआर में तैनात दो पुलिस कर्मियों ने सीपीआर देकर एक युवक की जान बचा ली. कुछ ही देर में दोबारा से युवक का दिल धड़कने लगा. घटना बुधवार की रात करीब 10:30 से 11 बजे के बीच की है. इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक जान देने की कोशिश कर रहा है. इस सूचना के बाद पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए. युवक की धड़कन थम चुकी थी, इसके बावजूद पुलिस कर्मियों ने सीपीआर देकर युवक की जान बचा ली. पुलिस के इस नेक कार्य की सभी लोग तारीफ कर रहे हैं.

दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची पुलिस : कांस्टेबल बृजेश और सुमित नारायण ने बताया कि कानपुर साउथ के नौबस्ता के गोपाल नगर में राजू अपनी पत्नी और अपने भाई रवि के साथ रहता है. राजू के भाई रवि ने पुलिस को जानकारी दी कि राजू और उसकी पत्नी के बीच 9:30 बजे के आसपास झगड़ा हुआ. इसके बाद राजू ने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया है. वह जान देने की कोशिश कर रहा है. इस जानकारी के बाद बृजेश और सुमित के साथ अन्य पुलिस कर्मी तत्काल मौके पर पहुंच गए. पुलिस युवक के कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई.

दोनों पुलिस कर्मियों ने ली थी सीपीआर की ट्रेनिंग : राजू की धड़कन थम चुकी थी, इसके बावजूद कांस्टेबल बृजेश और सुमित नारायण ने उसे सीपीआर देना शुरू कर दिया. दोनों बारी-बारी से राजू को सीपीआर देते रहे. कुछ मिनटों के बाद उनका प्रयास रंग लाने लगा. राजू का दिल फिर से धड़कने लगा. इसके बाद पुलिस कर्मियों ने राजू को अस्पताल में भर्ती करा दिया. कांस्टेबल बृजेश और सुमित ने बताया कि पुलिस ट्रेनिंग के दौरान ही उन्होंने सीपीआर देने का प्रशिक्षण लिया था. युवक की जान बचाने में यह काम आ गया.

क्या होता है सीपीआर : सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक इमरजेंसी प्रक्रिया है. इसकी जरूरत तब पड़ती है जब दिल का दौरा या अन्य किसी वजह से दिल धड़कना बंद कर दे. कार्डियक अरेस्ट के बाद तत्काल सीपीआर देने से जान बचने की संभावना काफी ज्यादा हो जाती है.

यह भी पढ़ें : तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार 3 युवकों को रौंदा, दो भाइयों की मौत

Last Updated : Jul 6, 2023, 6:36 PM IST
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