पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर राज की कोर्ट ने चरस तस्करी के मामले में नेपाली युवती को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, अर्थदंड जमा नहीं करने की स्थिति में 5 साल और सजा भुगतनी होगी. मामले की पैरवी डीजीसी प्रमोद पंत और एडीजीसी प्रेम भंडारी ने की.
2021 में चरस के साथ पकड़ी गई थी नेपाली युवती: शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक मूल रूप से नेपाल के दार्चुला दुमलिंग निवासी अनुष्का बुढ़ाथो वर्ष 2021 में धारचूला झूलापुल पर एक किलो चार सौ ग्राम चरस के साथ पकड़ी गई थी. वह इस चरस को अपने शरीर में बांधकर नेपाल से भारत ला रही थी. उसके खिलाफ धारचूला थाना कोतवाली में एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था.
6 अगस्त की रात जेल से फरार हुई थी युवती: मामला न्यायालय में चल रहा था. आठ अगस्त को आरोपी युवती को सजा होनी थी, लेकिन इससे पहले आरोपी युवती 6 अगस्त की रात को जेल से फरार हो गई थी. उसकी अनुपस्थिति में ही तय तिथि को विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने उसे दोषी सिद्ध किया और उसके खिलाफ स्थायी गैर जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद पुलिस ने युवती को एक युवक के साथ बृहस्पतिवार को पिथौरागढ़ के जंगल से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था.
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न्यायालय ने युवती पर दोष किए सिद्ध: जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रमोद पंत ने कहा कि न्यायालय ने पूरे मामले में दोष सिद्ध करते हुए कहा था कि पकड़ी गई युवती सामान्य युवती नहीं है. वह बड़ी मात्रा में नेपाल से चरस भारत लाते समय पकड़ी गई थी. युवती तस्करी का कार्य कर समाज को बर्बाद कर रही है, इसलिए इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया जाना चाहिए. इससे समाज में मादक पदार्थों का व्यवसाय करने वाले लोगों तक कड़ा संदेश पहुंचेगा और ऐसे अपराध पर अंकुश लग सकेगा. वहीं, पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ लोकेश्वर सिंह ने बताया कि आरोपी युवती को पिथौरागढ़ जेल में शिफ्ट करने की कार्रवाई की जा रही है.
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