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अतीक और अशरफ की हत्या का प्लान फुलप्रूफ था, हत्या के बाद पिस्टल फेंककर करना था सरेंडर - prayagraj crime news

अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर दाखिल 12 सौ पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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Published : Jul 17, 2023, 6:38 PM IST

Updated : Jul 17, 2023, 11:02 PM IST

प्रयागराजः अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ को हत्या करने वाले तीनों शूटरों ने पहले से ही तय किया था कि उन्हें सरेंडर कर देना है. पुलिस की तरफ से दाखिल चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया गया है कि शूटरों ने माफिया बंधुओं की हत्या के बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की भी योजना बनाई हुई थी. पुलिस की तरफ से यह जानकारी 12 सौ से अधिक पन्ने की दाखिल चार्जशीट में किया गया है.

संगम नगरी प्रयागराज में 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी. मीडिया वालों के वेष में आए तीन शूटरों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह ने माफिया बंधुओं की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी. उसी के बाद तीनों शूटरों ने मौके पर ही सरेंडर कर दिया था. पुलिस की तरफ से 14 जुलाई को माफिया बंधुओं के दोहरे हत्याकांड के तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. 12 सौ पन्नों से अधिक की चार्जशीट में पुलिस की तरफ से विस्तार से इस बात का वर्णन किया गया है कि किस तरह से शूटरों ने वारदात के बाद सरेंडर करने का प्लान बनाया था.

अतीक अशरफ के हत्यारों के खिलाफ पुलिस की तरफ से दाखिल की गयी चार्जशीट में बताया गया है कि तीनों शूटरों ने हत्या के बाद सरेंडर करने का प्लान बनाया था. उन्होंने पहले से तय किया था कि अतीक अशरफ को गोली मारने के बाद मौके पर ही सरेंडर करना था. उनकी योजना थी कि दोनों को गोलियों से छलनी करने के बाद पिस्टल मौके पर ही फेंक देनी है. इसी के साथ तीनों शूटरों को पिस्टल फेंकने के बाद हाथ उठाकर नारेबाजी करना था. साथ ही उनकी यह भी योजना थी कि चंद सेकेंड में गोलीबारी करके हथियार फेंक देना है. साथ ही हाथ ऊपर करके चिल्लाते हुए सरेंडर कर देना है. उसी योजना के तहत तीनों ने चंद सेकेंड में फायरिंग करके पिस्टल फेंक दी और धार्मिक नारे के साथ ही सरेंडर सरेंडर चिल्ला रहे थे. उसी के तहत उन्होंने माफिया बंधुओं को गोली मारने के बाद सरेंडर कर दिया था.

यहीं नहीं चार्जशीट में यह भी लिखा गया है कि तीनों शूटरों ने मौके से भागने का प्लान नहीं बनाया था. उसी योजना के तहत तीनों ने मौके से भागने की जगह सरेंडर करने के लिए ही असलहे फेंक कर हाथ उठाकर सरेंडर के लिए चिल्लाने लगे थे. यही वजह थी कि जब तक पुलिस जवाबी फायरिंग करने की सोचती तब तक तीनों ने पिस्टल फेंककर सरेंडर करने के लिए हाथ उठा लिए थे. यही नहीं उनकी यह योजना भी थी कि पिस्टल फेंकने के बाद जो भी पुलिस वाले नजदीक में रहे उनसे लिपट जाना है जिससे कि कोई दूसरा पुलिस वाला उनपर फायर नहीं करेगा. पुलिस वालों से लिपटने की योजना शूटरों ने अपनी जान बचाने के लिए बनायी थी.जिससे कि पुलिस उन पर फायर न करे और उनकी जिंदगी सुरक्षित बची रहे.

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प्रयागराजः अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ को हत्या करने वाले तीनों शूटरों ने पहले से ही तय किया था कि उन्हें सरेंडर कर देना है. पुलिस की तरफ से दाखिल चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया गया है कि शूटरों ने माफिया बंधुओं की हत्या के बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की भी योजना बनाई हुई थी. पुलिस की तरफ से यह जानकारी 12 सौ से अधिक पन्ने की दाखिल चार्जशीट में किया गया है.

संगम नगरी प्रयागराज में 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी. मीडिया वालों के वेष में आए तीन शूटरों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह ने माफिया बंधुओं की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी. उसी के बाद तीनों शूटरों ने मौके पर ही सरेंडर कर दिया था. पुलिस की तरफ से 14 जुलाई को माफिया बंधुओं के दोहरे हत्याकांड के तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. 12 सौ पन्नों से अधिक की चार्जशीट में पुलिस की तरफ से विस्तार से इस बात का वर्णन किया गया है कि किस तरह से शूटरों ने वारदात के बाद सरेंडर करने का प्लान बनाया था.

अतीक अशरफ के हत्यारों के खिलाफ पुलिस की तरफ से दाखिल की गयी चार्जशीट में बताया गया है कि तीनों शूटरों ने हत्या के बाद सरेंडर करने का प्लान बनाया था. उन्होंने पहले से तय किया था कि अतीक अशरफ को गोली मारने के बाद मौके पर ही सरेंडर करना था. उनकी योजना थी कि दोनों को गोलियों से छलनी करने के बाद पिस्टल मौके पर ही फेंक देनी है. इसी के साथ तीनों शूटरों को पिस्टल फेंकने के बाद हाथ उठाकर नारेबाजी करना था. साथ ही उनकी यह भी योजना थी कि चंद सेकेंड में गोलीबारी करके हथियार फेंक देना है. साथ ही हाथ ऊपर करके चिल्लाते हुए सरेंडर कर देना है. उसी योजना के तहत तीनों ने चंद सेकेंड में फायरिंग करके पिस्टल फेंक दी और धार्मिक नारे के साथ ही सरेंडर सरेंडर चिल्ला रहे थे. उसी के तहत उन्होंने माफिया बंधुओं को गोली मारने के बाद सरेंडर कर दिया था.

यहीं नहीं चार्जशीट में यह भी लिखा गया है कि तीनों शूटरों ने मौके से भागने का प्लान नहीं बनाया था. उसी योजना के तहत तीनों ने मौके से भागने की जगह सरेंडर करने के लिए ही असलहे फेंक कर हाथ उठाकर सरेंडर के लिए चिल्लाने लगे थे. यही वजह थी कि जब तक पुलिस जवाबी फायरिंग करने की सोचती तब तक तीनों ने पिस्टल फेंककर सरेंडर करने के लिए हाथ उठा लिए थे. यही नहीं उनकी यह योजना भी थी कि पिस्टल फेंकने के बाद जो भी पुलिस वाले नजदीक में रहे उनसे लिपट जाना है जिससे कि कोई दूसरा पुलिस वाला उनपर फायर नहीं करेगा. पुलिस वालों से लिपटने की योजना शूटरों ने अपनी जान बचाने के लिए बनायी थी.जिससे कि पुलिस उन पर फायर न करे और उनकी जिंदगी सुरक्षित बची रहे.

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Last Updated : Jul 17, 2023, 11:02 PM IST
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