अम्बेडकरनगर : जरायम की दुनिया में अपने नाम का सिक्का चलाने वाले खान मुबारक के अपराधों की लिस्ट काफी लंबी है. मुकदमों से माफिया का चोली-दामन का साथ रहा है. प्रदेश के टॉप टेन सूची में शामिल खान मुबारक असलहों का शौकीन था. जब वह बाहर निकलता था तो उसके आसपास असलहाधारियों की फौज मंडराती रहती थी. खान मुबारक के तार अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े थे. उसका बड़ा भाई जफर सुपारी मुम्बई में रहता है. इसकी वजह से अंडरवर्ल्ड से उसके करीबी रिश्ते रहे हैं.
जिले के हंसवर थाना क्षेत्र के ग्राम हरसम्हार निवासी मो. रजी आलम के छोटे बेटे खान मुबारक के अपराधों की लंबी लिस्ट है. अम्बेडकरनगर से प्रयागराज तक खान मुबारक पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. शायद ही आईपीसी की कोई ऐसी धारा हो जो माफिया पर न लगी हो. अम्बेडकरनगर, प्रयागराज, लखनऊ और नोयडा में माफिया पर 40 मुकदमे दर्ज हैं. गुंडा एक्ट से लेकर गैंगेस्टर ,आर्म्स एक्ट, अपहरण, फिरौती जैसे संगीन मामलों में भी उस पर मुकदमे दर्ज हैं. खान मुबारक का केवल अम्बेडकरनगर ही नहीं यूपी के कई अन्य जिलों में भी दहशत रही है.
सुपारी किलर था खान मुबारक : पैसों के लिए काम करना खान मुबारक का पेशा बन गया था. कहा जाता है कि खान मुबारक एक सुपारी किलर था. वह पैसे लेकर हत्या करवाता था. अपहरण, फिरौती और जमीनों पर कब्जे करना उसका धंधा बन गया था. खान मुबारक का नेटवर्क काफी मजबूत था. जेल में ही बैठकर वह अपनी हुकूमत चलाता था. उसके पास शूटरों की भरमार थी. वे उसके एक इशारे पर किसी की भी जान ले लेते थे. बसपा नेता जुरगाम मेंहदी की जिस अंदाज में इसने हत्या कराई थी, उससे पूरे जिले में उसका सिक्का चलने लगा था.
कई बार पुलिस के चंगुल से बच निकला था : भाजपा सरकार बनने के बाद प्रशासन ने खान मुबारक पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया. एक बार ऐसी भी खबर आई थी कि खान मुबारक को प्रयागराज में पुलिस ने एक लड़की के साथ होटल से पकड़ा. पुलिस एनकाउंटर की तैयारी में थी तभी बात बाहर आ गई. इससे पुलिस को अपना प्लान बदलना पड़ा. यही नहीं अम्बेडकरनगर में जब वह था तो कई बार पुलिस उसके पीछे पड़ी लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता था. जब तक पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंचती तब तक वह अपना ठिकाना बदल लेता थे.
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