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मिशनरी स्कूल में बच्चों के माथे से मिटाया तिलक, राखियां भी उतरवाईं, देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी

हापुड़ के एक मिशनरी स्कूल (Hapur Missionary School controversy) में मनमानी का मामला सामने आया है. यहां स्कूल में बच्चों के माथे से तिलक मिटा दिए गए. इसके अलावा छात्रों की कलाई से राखियां भी उतरवा दी गईं. परिजनों ने विरोध जताया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 14, 2023, 5:53 PM IST

स्कूल में बच्चों के माथे से तिलक मिटाने पर हंगामा.

हापुड़ : देहात क्षेत्र के एक मिशनरी स्कूल में बच्चों के माथे से तिलक मिटा दिए गए. इसके अलावा कई छात्रों की कलाई से राखियां भी निकलवा दी गईं. मामला कुछ दिनों पहले का बताया जा रहा है. बुधवार को अभिभावकों ने स्कूल में पहुंचकर विरोध जताया. उन्होंने शिक्षकों पर हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया. गुरुवार को एसडीएम ने स्कूल में पहुंचकर जांच-पड़ताल की. वहीं स्कूल के फादर ने आरोपों को खारिज किया है.

अभिभावकों ने स्कूल पहुंच दर्ज कराई शिकायत : थाना देहात क्षेत्र में सेंट एंथोनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल है. अभिभावकों की ओर से की गई शिकायत के अनुसार स्कूल में कुछ दिनों पहले बच्चे माथे पर तिलक लगाकर और कलाई पर राखी बांधकर पहुंचे थे. अध्यापकों ने तिलक मिटाने के साथ ही राखियां भी उतरवा लीं. इसके अलावा भगवान कृष्ण, राधा और हनुमान जी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया. बुधवार को स्कूल में पहुंचकर अभिभावकों ने शिकायत की. इस पर स्कूल प्रशासन ने कोई सफाई नहीं दी. इस पर अभिभावकों ने पुलिस से शिकायत की. गुरुवार को एसडीएम सदर सुनीता सिंह समेत पुलिस भी स्कूल में पहुंची. बच्चों के बयान दर्ज किए गए.

मैम ने कलाई से निकालकर फेंक दी राखी : स्कूल में पहुंचे मीडिया कर्मियों को एक बच्चे ने बताया कि वह स्कूल में कलाई पर राखी बांधकर पहुंचा था. इस दौरान स्कूल की शिक्षिका ने कहा कि यह स्कूल में नहीं पहन सकते, इसे निकाल कर फेंक दो. जब राखी नहीं उतारी तो शिक्षिका ने खुद ही राखी निकालकर फेंक दी. वहीं स्कूल की बच्चियों ने बताया कि स्कूल में घड़ी भी नहीं पहनकर आने देते हैं. बच्चों के हाथ से कड़ा भी उतरवा देते हैं, जबकि जो बच्चे ईसाई हैं, और क्रास का निशान पहनकर आते हैं, उन्हें कुछ नहीं कहा जाता है. स्कूल में बात-बात पर नाम काटने की धमकी दी जाती है. वहीं स्कूल में ही कार्यरत एक टीचर ने भी बच्चों के आरोपों को सच बताया है.

स्कूल में सभी धर्मों का होता है सम्मान : स्कूल के फादर विजय राव ने बताया कि स्कूल में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते हैं. यहां सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है. स्कूल में पढ़ाई का बेहतर माहौल बनाने के लिए कुछ कायदे कानून बनाए गए, इसका पालन सभी बच्चों को करना अनिवार्य है. देवी-देवताओं पर टिप्पणी समेत अन्य आरोप बेबुनियाद हैं. हालांकि मामले का संज्ञान लेते हुए जिन शिक्षकों पर आरोप लगे हैं, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. वहीं एसडीएम सदर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. प्राथमिक जांच में यह बात भी निकलकर आई है कि स्कूल में दो शिक्षकों में खींचतान चल रही है.

यह भी पढ़ें : ताहिरा ने कहा: अध्यापक का पहला धर्म इंसानियत का पाठ पढ़ाना है

टीका लगाए छात्र को कॉलेज में प्रवेश करने पर रोका गया

स्कूल में बच्चों के माथे से तिलक मिटाने पर हंगामा.

हापुड़ : देहात क्षेत्र के एक मिशनरी स्कूल में बच्चों के माथे से तिलक मिटा दिए गए. इसके अलावा कई छात्रों की कलाई से राखियां भी निकलवा दी गईं. मामला कुछ दिनों पहले का बताया जा रहा है. बुधवार को अभिभावकों ने स्कूल में पहुंचकर विरोध जताया. उन्होंने शिक्षकों पर हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया. गुरुवार को एसडीएम ने स्कूल में पहुंचकर जांच-पड़ताल की. वहीं स्कूल के फादर ने आरोपों को खारिज किया है.

अभिभावकों ने स्कूल पहुंच दर्ज कराई शिकायत : थाना देहात क्षेत्र में सेंट एंथोनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल है. अभिभावकों की ओर से की गई शिकायत के अनुसार स्कूल में कुछ दिनों पहले बच्चे माथे पर तिलक लगाकर और कलाई पर राखी बांधकर पहुंचे थे. अध्यापकों ने तिलक मिटाने के साथ ही राखियां भी उतरवा लीं. इसके अलावा भगवान कृष्ण, राधा और हनुमान जी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया. बुधवार को स्कूल में पहुंचकर अभिभावकों ने शिकायत की. इस पर स्कूल प्रशासन ने कोई सफाई नहीं दी. इस पर अभिभावकों ने पुलिस से शिकायत की. गुरुवार को एसडीएम सदर सुनीता सिंह समेत पुलिस भी स्कूल में पहुंची. बच्चों के बयान दर्ज किए गए.

मैम ने कलाई से निकालकर फेंक दी राखी : स्कूल में पहुंचे मीडिया कर्मियों को एक बच्चे ने बताया कि वह स्कूल में कलाई पर राखी बांधकर पहुंचा था. इस दौरान स्कूल की शिक्षिका ने कहा कि यह स्कूल में नहीं पहन सकते, इसे निकाल कर फेंक दो. जब राखी नहीं उतारी तो शिक्षिका ने खुद ही राखी निकालकर फेंक दी. वहीं स्कूल की बच्चियों ने बताया कि स्कूल में घड़ी भी नहीं पहनकर आने देते हैं. बच्चों के हाथ से कड़ा भी उतरवा देते हैं, जबकि जो बच्चे ईसाई हैं, और क्रास का निशान पहनकर आते हैं, उन्हें कुछ नहीं कहा जाता है. स्कूल में बात-बात पर नाम काटने की धमकी दी जाती है. वहीं स्कूल में ही कार्यरत एक टीचर ने भी बच्चों के आरोपों को सच बताया है.

स्कूल में सभी धर्मों का होता है सम्मान : स्कूल के फादर विजय राव ने बताया कि स्कूल में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते हैं. यहां सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है. स्कूल में पढ़ाई का बेहतर माहौल बनाने के लिए कुछ कायदे कानून बनाए गए, इसका पालन सभी बच्चों को करना अनिवार्य है. देवी-देवताओं पर टिप्पणी समेत अन्य आरोप बेबुनियाद हैं. हालांकि मामले का संज्ञान लेते हुए जिन शिक्षकों पर आरोप लगे हैं, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. वहीं एसडीएम सदर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. प्राथमिक जांच में यह बात भी निकलकर आई है कि स्कूल में दो शिक्षकों में खींचतान चल रही है.

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