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हरियाणा : पाक को क्लीन स्वीप करने वाली टीम का क्रिकेटर दिहाड़ी पर कर रहा मजदूरी

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Published : Jun 24, 2021, 10:37 PM IST

हरियाणा का एक दिव्यांग क्रिकेटर (haryana disabled cricketer vinod singh) जो अपनी प्रतिभा के दम पर देश का नाम रौशन कर सकता था, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से आज वह घरों में पुताई करने को मजबूर है.

क्रिकेटर दिहाड़ी पर कर रहा मजदूरी
क्रिकेटर दिहाड़ी पर कर रहा मजदूरी

सोनीपत: जिन हाथों ने कभी बल्ले के दम से पाकिस्तान को धूल चटाने का काम किया था. आज वही हाथ लोगों के घरों में पुताई करने को मजबूर हैं. ये कहानी है सोनीपत के दोदवा गांव के रहने वाले दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विनोद सिंह (haryana disabled cricketer vinod singh) की. ये भारतीय दिव्यांग क्रिकेट की तरफ से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं लेकिन आज आर्थिक तंगी, सरकार और क्रिकेट बोर्ड की अनदेखी के कारण पुताई (whitewashing house) कर अपने परिवार का जीवन यापन रहे हैं.

अपने मेडलों के साथ दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह
अपने मेडलों के साथ दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह

दिव्यांग क्रिकेटर विनोद ने बताया कि वो पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ भारत की तरफ से दिव्यांग क्रिकेट टीम में हिस्सा ले चुके हैं. उन्होंने बताया कि साल 2014 में वो उस टीम का भी हिस्सा थे, जिसने 3 मैचों की सीरिज में पाकिस्तान को क्लीन स्वीप कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी वो सरकार और क्रिकेट बोर्ड की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं.

अपनी टीम के साथ दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह
अपनी टीम के साथ दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह

विनोद सिंह ने बताया कि पूरे घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. घर में बूढ़े मां-बाप, पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं. जिनका पेट पालने के लिए वो घरों में जाकर पुताई कर रहे हैं. हरियाणा सरकार और क्रिकेट बोर्ड से अपील करते हुए दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह ने कहा कि वो आज भी देश के लिए खेलना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते अब ये संभव नहीं हो पा रहा है. अगर सरकार या क्रिकेट बोर्ड उनकी मदद कर देता है तो वो एक बार फिर से क्रिकेट के जरिए देश का नाम रौशन करना चाहते हैं.

घर में रखी दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह की ट्रॉफियां
घर में रखी दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह की ट्रॉफियां

ये भी पढ़ें: 'दूध दूरंतो' विशेष ट्रेन ने 15 महीनों में 9 करोड़ लीटर दूध रेनीगुंटा से दिल्ली पहुंचाया

सोनीपत: जिन हाथों ने कभी बल्ले के दम से पाकिस्तान को धूल चटाने का काम किया था. आज वही हाथ लोगों के घरों में पुताई करने को मजबूर हैं. ये कहानी है सोनीपत के दोदवा गांव के रहने वाले दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विनोद सिंह (haryana disabled cricketer vinod singh) की. ये भारतीय दिव्यांग क्रिकेट की तरफ से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं लेकिन आज आर्थिक तंगी, सरकार और क्रिकेट बोर्ड की अनदेखी के कारण पुताई (whitewashing house) कर अपने परिवार का जीवन यापन रहे हैं.

अपने मेडलों के साथ दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह
अपने मेडलों के साथ दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह

दिव्यांग क्रिकेटर विनोद ने बताया कि वो पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ भारत की तरफ से दिव्यांग क्रिकेट टीम में हिस्सा ले चुके हैं. उन्होंने बताया कि साल 2014 में वो उस टीम का भी हिस्सा थे, जिसने 3 मैचों की सीरिज में पाकिस्तान को क्लीन स्वीप कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी वो सरकार और क्रिकेट बोर्ड की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं.

अपनी टीम के साथ दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह
अपनी टीम के साथ दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह

विनोद सिंह ने बताया कि पूरे घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. घर में बूढ़े मां-बाप, पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं. जिनका पेट पालने के लिए वो घरों में जाकर पुताई कर रहे हैं. हरियाणा सरकार और क्रिकेट बोर्ड से अपील करते हुए दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह ने कहा कि वो आज भी देश के लिए खेलना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते अब ये संभव नहीं हो पा रहा है. अगर सरकार या क्रिकेट बोर्ड उनकी मदद कर देता है तो वो एक बार फिर से क्रिकेट के जरिए देश का नाम रौशन करना चाहते हैं.

घर में रखी दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह की ट्रॉफियां
घर में रखी दिव्यांग क्रिकेटर विनोद सिंह की ट्रॉफियां

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