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जम्मू कश्मीर में क्रिकेट घोटाला मामले में पेश नहीं हो सके फारूक अब्दुल्ला - मनी लॉन्ड्रिंग मामला

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को कोर्ट में पेश नहीं हो सके. इस मामले की अगली सुनवाई अब 26 सितंबर को होगी.

Cricket scam  Farooq Abdullah could not appear in court due to ill healthEtv Bharat
जम्मू कश्मीर में क्रिकेट घोटाला मामले में तबीयत खराब होने के कारण कोर्ट में पेश नहीं हो सके फारूक अब्दुल्लाEtv Bharat
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Published : Aug 28, 2022, 6:57 AM IST

श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को अदालत में पेश नहीं हो सके. सत्र न्यायाधीश ने श्रीनगर में कहा कि स्वास्थ्य समस्याओं के कारण नेकां प्रमुख अदालत में उपस्थित नहीं हो सके.

श्रीनगर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष जब यह मामला आया, तब अब्दुल्ला के वकील इश्तियाक अहमद खान ने कहा कि नेकां अध्यक्ष स्वास्थ्य कारणों से पेश नहीं हो पाए. न्यायाधीश ने खान से कहा कि सुनवाई की अगली तारीख यानी 26 सितंबर को अब्दुल्ला को अदालत में हाजिर होना चाहिए. वकील ने अदालत को आश्वस्त किया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला अगली सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहेंगे.

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर अब्दुल्ला को 23 जुलाई को समन जारी किया था. ईडी ने जेकेसीए धनशोधन मामले में अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. ईडी श्रीनगर के सांसद अब्दुल्ला से इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है. अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी 2004 से 2009 के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी के सिलसिले में ‘घोटाले’ की जांच कर रही हैं.

प्रवर्तन निदेशालय पहले ही इस मामले में 21 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क कर चुका है, जिसमें अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां शामिल हैं. ईडी ने दावा किया है कि अब तक की उसकी जांच में 'खुलासा हुआ है कि जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष ने एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत कर जेकेसीए के 51.90 करोड़ रुपये के कोष की हेराफेरी की और अपराध की राशि को अपने निजी एवं कारोबारी देनदारियों में इस्तेमाल किया.'

ये भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर HC ने फिर खोली नदीमर्ग नरसंहार केस की फाइल

ईडी ने श्रीनगर के राममुंशी बाग थाने में दर्ज मामले के आधार पर जेकेसीए पदाधिकारियों के खिलाफ धनशोधन के आरोपों की जांच शुरू की थी. उच्च न्यायालय के निर्देश पर यह मामला सीबीआई को हस्तांतिरत किया गया था. सीबीआई 43.69 करोड़ रुपये की हेराफेरी को लेकर जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है.

श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को अदालत में पेश नहीं हो सके. सत्र न्यायाधीश ने श्रीनगर में कहा कि स्वास्थ्य समस्याओं के कारण नेकां प्रमुख अदालत में उपस्थित नहीं हो सके.

श्रीनगर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष जब यह मामला आया, तब अब्दुल्ला के वकील इश्तियाक अहमद खान ने कहा कि नेकां अध्यक्ष स्वास्थ्य कारणों से पेश नहीं हो पाए. न्यायाधीश ने खान से कहा कि सुनवाई की अगली तारीख यानी 26 सितंबर को अब्दुल्ला को अदालत में हाजिर होना चाहिए. वकील ने अदालत को आश्वस्त किया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला अगली सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहेंगे.

अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर अब्दुल्ला को 23 जुलाई को समन जारी किया था. ईडी ने जेकेसीए धनशोधन मामले में अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. ईडी श्रीनगर के सांसद अब्दुल्ला से इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है. अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी 2004 से 2009 के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी के सिलसिले में ‘घोटाले’ की जांच कर रही हैं.

प्रवर्तन निदेशालय पहले ही इस मामले में 21 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क कर चुका है, जिसमें अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां शामिल हैं. ईडी ने दावा किया है कि अब तक की उसकी जांच में 'खुलासा हुआ है कि जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष ने एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत कर जेकेसीए के 51.90 करोड़ रुपये के कोष की हेराफेरी की और अपराध की राशि को अपने निजी एवं कारोबारी देनदारियों में इस्तेमाल किया.'

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ईडी ने श्रीनगर के राममुंशी बाग थाने में दर्ज मामले के आधार पर जेकेसीए पदाधिकारियों के खिलाफ धनशोधन के आरोपों की जांच शुरू की थी. उच्च न्यायालय के निर्देश पर यह मामला सीबीआई को हस्तांतिरत किया गया था. सीबीआई 43.69 करोड़ रुपये की हेराफेरी को लेकर जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है.

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