भोपाल : सालों से हाथों में बैट-बॉल लिए टी-शर्ट-लोवर में खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलते तो देखा होगा. लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसे क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ, जो आज तक न तो किसी ने सोचा था और न ही खेला था. इस मैच में धोती-कुर्ता पहनकर आचार्य और विद्वान मैदान पर उतरे और जमकर चौके-छक्के लगाए.
भोपाल में अब तक यज्ञ-हवन और पूजा-पाठ करने-करवाने वाले आचार्य-विद्वान रविवार को हाथों में पूजन सामाग्री नहीं, बल्कि बैट-बॉल लिए नजर आए. मंदिर की बजाय वो ग्राउंड में चौके-छक्के जड़ते रहे.
संस्कृत में हुई कॉमेंट्री
अंतरराष्ट्रीय स्तर से लेकर गली-मोहल्ले तक के क्रिकेट मैचों में या तो अंग्रेजी में कॉमेंट्री होती है या हिंदी, लेकिन भोपाल शहर के अंकुर मैदान में आयोजित हुए इस मैच में कॉमेंट्री संस्कृत में हुई. इस मैच में टीमों के नाम भी संस्कृत में रखे गए हैं.
संस्कृत को बढ़ावा देना है उद्देश्य
मैच के आयोजनकर्ता और वैदिक परिवार समिति के अध्यक्ष पंडित कपिल शर्मा ने बताया कि लोगों को लगता है कि संस्कृत भाषा वेद-कर्मकांड और यज्ञ-पूजन की भाषा है. इस मैच के जरिए हम सबको यह बताना चाहते हैं कि संस्कृत भाषा का उपयोग इसके अलावा भी कई गतिविधियों में किया जा सकता है. संस्कृत का इस्तेमाल आम बोलचाल की भाषा में भी कर सकते हैं. संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना ही हमारा मकसद है, इसलिए हमने इस टूर्नामेंट के मैच की कॉमेंट्री संस्कृत में की है.
तीन दिन तक जारी रहेगा टूर्नामेंट
भोपाल के अंकुर मैदान में रविवार से शुरू हुआ यह टूर्नामेंट तीन दिन तक चलेगा, जिसमें रोजाना इसी तरह से पंडित-विद्वान धोती-कुर्ता पहनकर क्रिकेट मैच खेलेंगे. इस दौरान संस्कृत भाषा में कॉमेंट्री भी की जाएगी.