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मदद करो सरकार! भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में 100 से ज्यादा घरों में आई दरारें, कईयों के पास रहने का ठिकाना नहीं

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कई क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण जमीन धंस गई है. ऐसे में 100 से ज्यादा मकानों को नुकसान हुआ है. कई घरों में चौड़ी-चौड़ी दरारें आ गई हैं. पढे़ं पूरी खबर... (Cracks in houses in Rampur) (Himachal Pradesh News).

Cracks in houses in Rampur
हिमाचल प्रदेश में 100 से ज्यादा घरों में आई दरारें
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Published : Jul 31, 2023, 7:07 PM IST

Updated : Jul 31, 2023, 7:57 PM IST

हिमाचल प्रदेश में 100 से ज्यादा घरों में आई दरारें

रामपुर: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्र में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारी बरसात के कारण जिले के रामपुर, ननखड़ी और नागीनाल जैसे आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कई मकान रहने लायक नहीं बचे हैं. ऐसे मकानों को खाली करके लोग रिश्तेदारों के पास जा रहे हैं या प्रशासन इन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज रहा है. प्रशासन के मुताबिक रामपुर में शहरी और ग्रामीण इलाकों में कुल मिलाकर 100 से ज्यादा मकानों को नुकसान पहुंचा है. कई घरों में चौड़ी-चौड़ी दरारें आ गई हैं जिसके कारण इन घरों में रहना अब खतरे से खाली नहीं है. शिमला जिले में कई सड़कें टूट चुकी हैं और लैंड स्लाइड के कारण कई सड़कें बंद हैं. बारिश और लैंडस्लाइड के कारण घरों को भी नुकसान पहुंचा है. अब लोगों के पास सरकार से गुहार लगाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है क्योंकि जिंदगीभर की जमापूंजी बारिश की भेंट चढ़ गई है.

Cracks in houses in Rampur
मकान में आई दरारें.

कुदरत के आगे बेबस परिवार: पीड़ितों का कहना है कि तिनका-तिनका जोड़कर उन्होंने आशियाने बनाए थे. धूप, बारिश की परवाह किए बिना कड़ी मेहनत से सेब के बगीचे तैयार किये थे, लेकिन कुदरत का कहर इस कदर बरपा की आंखों के सामने सब कुछ उजड़ गया. ग्रामीण अपने जीवन भर की जमा पूंजी को आंखों के सामने जमींदोज होते देखने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं. कुदरत के कहर के आगे सब बेबस हैं.

Cracks in houses in Rampur
जमीन धंसने के कारण सैकड़ों घर हुए क्षतिग्रस्त.

'अब बस सरकार से आस': बड़ावली पंचायत की रहने वाली सूरमा देवी ने बताया कि हमारा घर अब रहने लायक नहीं रहा है. बड़ी मुश्किल से खुद लकड़ी, पत्थर, सरिया पीठ पर ढुलाई करके लाए और मकान खड़ा किया था. घर में चौड़ी-चौड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके कारण रात को सो नहीं पा रही हैं क्योंकि घर में रहना खतरे से खाली नहीं है. सूरमा की बेटी रिंका बताती हैं कि उनके मां-बाप ने बड़ी मुश्किल से ये घर बनाया था लेकिन अब घर में बड़ी बड़ी दरारें आ चुकी हैं. मां किचन में रहने को मजबूर है लेकिन वहां भी रहना खतरे से खाली नहीं है. रिंका के मुताबिक उसके पिता की मौत हो चुकी है और अब वो सरकार से गुहार लगा रही हैं कि उनकी मां की आर्थिक मदद के साथ-साथ उनके रहने का भी बंदोबस्त किया जाए.

Cracks in houses in Rampur
कुदरत के कहर के आगे सबकी बेबसी झलक रही है.

ये कहानी सिर्फ रिंका या सूरमा की नहीं है. रामपुर तहसील में कई परिवार ऐसे हैं जिनका सपनों का घर अब तहस नहस हो चुका है. दुर्गा सिंह ने बताया कि उनके दो मकान हैं और दोनों क्षतिग्रस्त हुए हैं. पूरे परिवार ने जीवनभर की कमाई लगाकर मकान खड़ा किया था, लेकिन लैंडस्लाइड के कारण घर को बहुत नुकसान पहुंचा है. वो कहते हैं कि इतनी प्रॉपर्टी छोड़कर कहां जाएं इसलिये सरकार से जमीन और आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं.

'घरों के साथ सेब के बगीचे भी नहीं बचे': बड़ावली पंचायत की प्रधान रक्षा ने बताया कि उनकी पंचायत में भारी बरसात से दस मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है, कुछ लोगों को गांव के ही दूसरे घरों में एडजस्ट किया जा रहा है. इसलिये सरकार से अपील है कि इन लोगों की मदद करे. स्थानीय निवासी कृष्ण गोपाल ने बताया कि इस बार भारी बारिश से रामपुर, ननखड़ी सराहन व आस पास भारी नुकसान हुआ है. रामपुर विधानसभा क्षेत्र में जितना नुकसान हुआ है भरपाई करना संभव नहीं है. कई घर या तो सैलाब में बह गए या फिर अब रहने लायक नहीं बचे हैं. लोग बर्बाद हो चुके हैं क्योंकि आशियानों के साथ-साथ सेब के फलदार पौधे और बगीचे तहस नहस हो गए हैं. जो सेब तैयार था वो भी बह गया है.

Cracks in houses in Rampur
रामपुर के पिपटी नामक स्थान में राजस्व कॉलोनी असुरक्षित हुई है.

'100 से ज्यादा मकानों को नुकसान': वहीं, तहसीलदार जयचंद ने बताया रामपुर उपमंडल में भारी बारिश से तबाही हुई है. रामपुर नगर परिषद क्षेत्र के भीतर आस पास कई रिहायशी घरों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया रामपुर के पिपटी नामक स्थान में राजस्व कॉलोनी असुरक्षित हुई है. वहां से अधिकारियों और कर्मचारियों को अन्य जगह शिफ्ट किया जा रहा है.

तहसीलदार के मुताबिक रामपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 100 से ज्यादा मकानों को नुकसान हुआ है. जबकि 5 मकान ऐसे हैं जहां रहना खतरे से खाली नहीं है इसलिये इन्हें खाली करवाया गया है. तिरपाल, पानी और अन्य जरूरी सामान जैसी राहत सामग्री लोगों को बांटी गई है. सभी विभागों के साथ मिलकर जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Mandi News: घ्राण सीनियर सेकेंडरी स्कूल बाढ़ से हो चुका है तबाह, छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू

हिमाचल प्रदेश में 100 से ज्यादा घरों में आई दरारें

रामपुर: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्र में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारी बरसात के कारण जिले के रामपुर, ननखड़ी और नागीनाल जैसे आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कई मकान रहने लायक नहीं बचे हैं. ऐसे मकानों को खाली करके लोग रिश्तेदारों के पास जा रहे हैं या प्रशासन इन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज रहा है. प्रशासन के मुताबिक रामपुर में शहरी और ग्रामीण इलाकों में कुल मिलाकर 100 से ज्यादा मकानों को नुकसान पहुंचा है. कई घरों में चौड़ी-चौड़ी दरारें आ गई हैं जिसके कारण इन घरों में रहना अब खतरे से खाली नहीं है. शिमला जिले में कई सड़कें टूट चुकी हैं और लैंड स्लाइड के कारण कई सड़कें बंद हैं. बारिश और लैंडस्लाइड के कारण घरों को भी नुकसान पहुंचा है. अब लोगों के पास सरकार से गुहार लगाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है क्योंकि जिंदगीभर की जमापूंजी बारिश की भेंट चढ़ गई है.

Cracks in houses in Rampur
मकान में आई दरारें.

कुदरत के आगे बेबस परिवार: पीड़ितों का कहना है कि तिनका-तिनका जोड़कर उन्होंने आशियाने बनाए थे. धूप, बारिश की परवाह किए बिना कड़ी मेहनत से सेब के बगीचे तैयार किये थे, लेकिन कुदरत का कहर इस कदर बरपा की आंखों के सामने सब कुछ उजड़ गया. ग्रामीण अपने जीवन भर की जमा पूंजी को आंखों के सामने जमींदोज होते देखने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं. कुदरत के कहर के आगे सब बेबस हैं.

Cracks in houses in Rampur
जमीन धंसने के कारण सैकड़ों घर हुए क्षतिग्रस्त.

'अब बस सरकार से आस': बड़ावली पंचायत की रहने वाली सूरमा देवी ने बताया कि हमारा घर अब रहने लायक नहीं रहा है. बड़ी मुश्किल से खुद लकड़ी, पत्थर, सरिया पीठ पर ढुलाई करके लाए और मकान खड़ा किया था. घर में चौड़ी-चौड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके कारण रात को सो नहीं पा रही हैं क्योंकि घर में रहना खतरे से खाली नहीं है. सूरमा की बेटी रिंका बताती हैं कि उनके मां-बाप ने बड़ी मुश्किल से ये घर बनाया था लेकिन अब घर में बड़ी बड़ी दरारें आ चुकी हैं. मां किचन में रहने को मजबूर है लेकिन वहां भी रहना खतरे से खाली नहीं है. रिंका के मुताबिक उसके पिता की मौत हो चुकी है और अब वो सरकार से गुहार लगा रही हैं कि उनकी मां की आर्थिक मदद के साथ-साथ उनके रहने का भी बंदोबस्त किया जाए.

Cracks in houses in Rampur
कुदरत के कहर के आगे सबकी बेबसी झलक रही है.

ये कहानी सिर्फ रिंका या सूरमा की नहीं है. रामपुर तहसील में कई परिवार ऐसे हैं जिनका सपनों का घर अब तहस नहस हो चुका है. दुर्गा सिंह ने बताया कि उनके दो मकान हैं और दोनों क्षतिग्रस्त हुए हैं. पूरे परिवार ने जीवनभर की कमाई लगाकर मकान खड़ा किया था, लेकिन लैंडस्लाइड के कारण घर को बहुत नुकसान पहुंचा है. वो कहते हैं कि इतनी प्रॉपर्टी छोड़कर कहां जाएं इसलिये सरकार से जमीन और आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं.

'घरों के साथ सेब के बगीचे भी नहीं बचे': बड़ावली पंचायत की प्रधान रक्षा ने बताया कि उनकी पंचायत में भारी बरसात से दस मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है, कुछ लोगों को गांव के ही दूसरे घरों में एडजस्ट किया जा रहा है. इसलिये सरकार से अपील है कि इन लोगों की मदद करे. स्थानीय निवासी कृष्ण गोपाल ने बताया कि इस बार भारी बारिश से रामपुर, ननखड़ी सराहन व आस पास भारी नुकसान हुआ है. रामपुर विधानसभा क्षेत्र में जितना नुकसान हुआ है भरपाई करना संभव नहीं है. कई घर या तो सैलाब में बह गए या फिर अब रहने लायक नहीं बचे हैं. लोग बर्बाद हो चुके हैं क्योंकि आशियानों के साथ-साथ सेब के फलदार पौधे और बगीचे तहस नहस हो गए हैं. जो सेब तैयार था वो भी बह गया है.

Cracks in houses in Rampur
रामपुर के पिपटी नामक स्थान में राजस्व कॉलोनी असुरक्षित हुई है.

'100 से ज्यादा मकानों को नुकसान': वहीं, तहसीलदार जयचंद ने बताया रामपुर उपमंडल में भारी बारिश से तबाही हुई है. रामपुर नगर परिषद क्षेत्र के भीतर आस पास कई रिहायशी घरों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया रामपुर के पिपटी नामक स्थान में राजस्व कॉलोनी असुरक्षित हुई है. वहां से अधिकारियों और कर्मचारियों को अन्य जगह शिफ्ट किया जा रहा है.

तहसीलदार के मुताबिक रामपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 100 से ज्यादा मकानों को नुकसान हुआ है. जबकि 5 मकान ऐसे हैं जहां रहना खतरे से खाली नहीं है इसलिये इन्हें खाली करवाया गया है. तिरपाल, पानी और अन्य जरूरी सामान जैसी राहत सामग्री लोगों को बांटी गई है. सभी विभागों के साथ मिलकर जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है.

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Last Updated : Jul 31, 2023, 7:57 PM IST
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