ETV Bharat / bharat

संविधान को ताक पर रख कर चला जहांगीरपुरी में बुलडोजर : बृंदा करात

author img

By

Published : Apr 20, 2022, 7:58 PM IST

Updated : Apr 20, 2022, 8:38 PM IST

दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में प्रशासन ने अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया. हालांकि शीर्ष अदालत ने फिलहाल रोक लगा दी है. बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को सीपीएम की वरिष्ठ नेता बृंदा करात दुखद बताया है (cpm leader brinda karat). ईटीवी भारत संवाददाता अभिजीत ठाकुर से खास बातचीत में जानिए उन्होंने क्या कहा.

cpm leader brinda karat
बृंदा करात

नई दिल्ली : दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर मंगलवार को जब नॉर्थ एमसीडी का बुल्डोजर चला तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यथावत स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए और बुधवार को फिर मामले पर सुनवाई की बात कही. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद मीडिया में प्रसारित हो जाने के बाद भी 9 बुल्डोजर के साथ जहांगीरपुरी के 'C' ब्लॉक में कार्रवाई जारी रही.

वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे दोबारा मुख्य न्यायाधीश के पास मामले को लेकर पहुंचे. इसी बीच सीपीएम की वरिष्ठ नेता बृंदा करात (CPIM Brinda Karat) अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचीं और सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाते हुए कार्रवाई रोकने को कहा. बाद में पुलिस अधिकारियों से भी उनकी बातचीत हुई और कार्रवाई पूरी तरह से रोक दी गई लेकिन लगभग चार घंटे चली कार्रवाई में कई अतिक्रमण पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम का बुल्डोजर चल चुका था.

बृंदा करात से खास बातचीत

'ईटीवी भारत' ने इस पूरे मामले पर सीपीएम की वरिष्ठ नेता बृंदा करात से बातचीत की. बृंदा करात ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल गैर कानूनी है बल्कि संविधान के दायरे से भी परे है. भाजपा की सरकार समुदाय विशेष के लोगों को निशाना बनाकर इस तरह की कार्रवाई कर रही है, यदि बात केवल अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने की है तो जिन गरीब लोगों की दुकानों को उजाड़ा गया उन्हें कम से कम पूर्व सूचना देकर जवाब देने का समय दिया जाना चाहिए था.

बृंदा करात ने कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर सरकार और एमसीडी संविधान को ताक पर रख कर कार्रवाई कर रही थी, घटना दुखद है. सीपीएम की नेता बृंदा करात ने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई इसलिए भी गलत है क्योंकि यह चुनिंदा है. समुदाय विशेष के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से की गई है. उन्होंने कहा कि वह इस इलाक़े को कम से कम 40 साल से जानती हैं. यहां केवल मेहनतकश लोग रहते हैं जो छोटे-मोटे काम कर अपना जीवनयापन करते हैं. ऐसे लोगों पर इस तरह की क्रूर कार्रवाई मौजूदा सरकार की मंशा को दर्शाती है.

बता दें कि बीते शनिवार हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर एक धार्मिक जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी में दो गुटों के बीच झड़प हुई थी जिसमें दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुछ अन्य लोग भी घायल हुए थे. सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई. हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेते हुए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की और कई लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. हालांकि घटना के बाद उत्तरी दिल्ली के इस इलाके में तनाव व्याप्त है.

पढ़ें- जहांगीरपुरी में बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

पढ़ें- जहांगीरपुरी में हिंसा वाली जगह पर चले बुलडोजर, रोते नजर आए लोग

नई दिल्ली : दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर मंगलवार को जब नॉर्थ एमसीडी का बुल्डोजर चला तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यथावत स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए और बुधवार को फिर मामले पर सुनवाई की बात कही. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद मीडिया में प्रसारित हो जाने के बाद भी 9 बुल्डोजर के साथ जहांगीरपुरी के 'C' ब्लॉक में कार्रवाई जारी रही.

वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे दोबारा मुख्य न्यायाधीश के पास मामले को लेकर पहुंचे. इसी बीच सीपीएम की वरिष्ठ नेता बृंदा करात (CPIM Brinda Karat) अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचीं और सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाते हुए कार्रवाई रोकने को कहा. बाद में पुलिस अधिकारियों से भी उनकी बातचीत हुई और कार्रवाई पूरी तरह से रोक दी गई लेकिन लगभग चार घंटे चली कार्रवाई में कई अतिक्रमण पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम का बुल्डोजर चल चुका था.

बृंदा करात से खास बातचीत

'ईटीवी भारत' ने इस पूरे मामले पर सीपीएम की वरिष्ठ नेता बृंदा करात से बातचीत की. बृंदा करात ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल गैर कानूनी है बल्कि संविधान के दायरे से भी परे है. भाजपा की सरकार समुदाय विशेष के लोगों को निशाना बनाकर इस तरह की कार्रवाई कर रही है, यदि बात केवल अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने की है तो जिन गरीब लोगों की दुकानों को उजाड़ा गया उन्हें कम से कम पूर्व सूचना देकर जवाब देने का समय दिया जाना चाहिए था.

बृंदा करात ने कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर सरकार और एमसीडी संविधान को ताक पर रख कर कार्रवाई कर रही थी, घटना दुखद है. सीपीएम की नेता बृंदा करात ने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई इसलिए भी गलत है क्योंकि यह चुनिंदा है. समुदाय विशेष के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से की गई है. उन्होंने कहा कि वह इस इलाक़े को कम से कम 40 साल से जानती हैं. यहां केवल मेहनतकश लोग रहते हैं जो छोटे-मोटे काम कर अपना जीवनयापन करते हैं. ऐसे लोगों पर इस तरह की क्रूर कार्रवाई मौजूदा सरकार की मंशा को दर्शाती है.

बता दें कि बीते शनिवार हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर एक धार्मिक जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी में दो गुटों के बीच झड़प हुई थी जिसमें दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुछ अन्य लोग भी घायल हुए थे. सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई. हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेते हुए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की और कई लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. हालांकि घटना के बाद उत्तरी दिल्ली के इस इलाके में तनाव व्याप्त है.

पढ़ें- जहांगीरपुरी में बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

पढ़ें- जहांगीरपुरी में हिंसा वाली जगह पर चले बुलडोजर, रोते नजर आए लोग

Last Updated : Apr 20, 2022, 8:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.