नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत ऑनलाइन समाचार पोर्टल और सामग्री को सरकारी नियंत्रण में लाने के सरकार के आदेश का विरोध किया.
इस संबंध में भारत के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक अधिसूचना सोमवार को जारी की गई, जिसके अनुसार फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर खबरें अब नए नियमों के तहत पोस्ट की जाएंगी.
इससे पहले ये प्लेटफॉर्म पहले सूचना और इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन थे और डिजिटल प्लेटफॉर्म और बिचौलियों से निपटने के लिए इन्हें आईटी अधिनियम के तहत विभिन्न प्रावधानों से डील किया जाता था.
गुरुवार को CPIM द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह अधिसूचना सरकार की मंशा को स्पष्ट रूप से पेश करती है कि केंद्र सरकार अब डिजिटल मीडिया सामग्री को विनियमित करने के लिए आगे बढ़ रही है.
पार्टी ने कहा कि सरकार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक/विजुअल मीडिया का काफी हद तक कठपुतली बनाते हुए, अब डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए बढ़ रही है.
माकपा का मानना है कि स्वस्थ मीडिया के उद्देश्य के लिए मौजूदा कानून और आईटी कानून पर्याप्त हैं.
पढ़ें - वित्त मंत्री ने नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा की
डिजिटल मीडिया अब तक अनियमित था, क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डिजिटल न्यूज मीडिया या अन्य सामग्री को नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं था.
यह पहला मौका है जब सरकार ने एक आदेश जारी करके डिजिटल मीडिया पर सरकारी नियमों को लागू किया है.