नई दिल्ली : एली लिली को डीसीजीआई (DCGI) से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है. यह मंजूरी भारत में कोरोना संक्रमितों के इलाज के संबंध में है. भारत उपमहाद्वीप में एली लिली (Eli Lilly) की प्रबंध निदेशक लुका विसिनी (Luca Visini) ने बताया कि डीसीजीआई की मंजूरी के बाद अब एली लिली द्वारा उत्पादन की जा रही दो दवाओं- मोनोक्लोनल एंटीबॉडी बामलानिविमाब 700 मिलीग्राम (monoclonal antibodies bamlanivimab 700 mg) और एटेसेविमैब 1400 मिलीग्राम (etesevimab 1400 mg) का आपात स्थिति में प्रयोग किया जा सकेगा.
सरकार से हो रहा संवाद
दोनों दवाओं को एक साथ आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए इजाजत मिली है. अनुमति के पहले लिली ने कहा कि वह भारत सरकार और नियामक प्राधिकरणों (regulatory authorities ) के साथ बातचीत कर रही है ताकि कोविड -19 के रोगियों को उपचार के विकल्प प्रदान करने के लिए बामलानिविमाब और एटेसेविमैब दान किया जा सके.
अमेरिका और ईयू में हो रहे प्रयोग
बता दें कि अमेरिका में लिली की दवाओं के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण ( emergency use authorisation) के तहत दवाओं को एक साथ अधिकृत किया गया है. कोविड -19 के हल्के लक्षण वाले मरीजों के उपचार के लिए यूरोपीय संघ (European Union) के देशों का भी चयन किया गया है.
इनोवेटिव ट्रीटमेंट ऑप्शन सबसे प्रभावी
लिली के भारत उपमहाद्वीप संचालन के प्रबंध निदेशक लुका विसिनी (Luca Visini) ने कहा कि कंपनी के पास भारत के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के सामने पेश करने के लिए एक और इनोवेटिव ट्रीटमेंट ऑप्शन है, जो कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे अधिक प्रभावी है.
कोविड -19 के रोगियों को फायदा कैसे, हो रहा शोध
उन्होंने कहा कि लिली भारत और दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के उन्मूलन में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम यह आकलन और मूल्यांकन करना जारी रखेंगे कि हमारे मौजूदा पोर्टफोलियो और चल रहे शोध से कोविड -19 के रोगियों को कैसे फायदा हो सकता है.
इलाज के लिए पहले भी मिली है अनुमति
इससे पहले मई में एली लिली को अस्पताल में भर्ती वयस्कों में ऑक्सीजन, इनवेसिव मैकेनिकल वेंटिलेशन (invasive mechanical ventilation), या एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (extracorporeal membrane oxygenation) की आवश्यकता वाले संदिग्ध या प्रयोगशाला द्वारा पुष्टि किए गए कोविड -19 मरीजों के इलाज के लिए रेमेडिसविर के साथ संयोजन में बारिसिटिनिब के आपातकालीन उपयोग की अनुमति भी मिली थी.
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6.5 लाख से अधिक गोलियों का दान
मई के बाद से लिली ने भारत सरकार को बारिसिटिनिब (baricitinib) की 6.5 लाख से अधिक गोलियों का दान दिया है और इसकी उपलब्धता में तेजी लाने और विस्तार करने के लिए जेनेरिक दवाओं के भारतीय दवा निर्माताओं को आठ स्वैच्छिक लाइसेंस जारी किए हैं.
(एएनआई)