नई दिल्ली : केंद्र ने बुधवार को सभी पूर्वोत्तर राज्यों को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोविड मामलों की जांच और निगरानी में तेजी लाने के लिए कहा है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक के एक दिन बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ टीकाकरण अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में उक्त बातें कहीं. स्वास्थ्य सचिव ने राज्य के स्वास्थ्य सचिवों से कोविड टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का आग्रह किया.
सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि असम में दो जिले, त्रिपुरा में तीन, अरुणाचल प्रदेश में तीन, सिक्किम में तीन, मिजोरम में चार, नागालैंड में पांच, मेघालय में सात, और मणिपुर में आठ जिलों में 10 फीसदी से अधिक की कोविड पॉजिटिव दर दर्ज की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोविड-19 पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा होना चिंता का विषय है.
इस बीच, शिलांग (मेघालय) के कांग्रेस सांसद विन्सेंट पाला (Vincent H Pala) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच समन्वय की कमी के लिए भाजपा समर्थित राज्य सरकार पर दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि सरकार और उसके नागरिकों के बीच भी व्यापक मतभेद है. लोगों को राज्य सरकार द्वारा कोविड के खिलाफ लड़ने के लिए अपनाई जा रही पहल के बारे में पता नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अधिक दयनीय है.
ये भी पढ़ें - केंद्रीय गृह सचिव ने पूर्वोत्तर के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 स्थिति का लिया जायजा
उन्होंने बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि लोग भी कोविड-19 महामारी के खिलाफ सरकार की लड़ाई में शामिल हो सकें. सांसद पाला ने कहा कि पिछली सरकार में राज्य सरकार और ग्राम प्रधानों के बीच उचित समन्वय था, जो वर्तमान सरकार के तहत दिखाई नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान भी महामारी के खिलाफ सरकार की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
हालांकि, गौहाटी (Gauhati) से भाजपा सांसद क्वीन ओजा (Queen Oja) ने कहा कि सरकार वर्तमान में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि इस समय हमें लोगों की जागरूकता और कोविड को लेकर निर्धारित मानकों को अपनाने की जरूरत है. हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को कोविड-19 का टीका लग जाए. यहां यह उल्लेखनीय है कि भाजपा शासित असम सरकार ने राज्य के कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ने वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.