रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोरोना ने हाहाकार मचाया हुआ है. राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में बनाए गए अस्थायी कोविड अस्पताल से लगातार अव्यवस्था की खबरें सामने आ रही हैं. हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें युवक अपने पिता के इलाज के लिए मदद की गुहार लगा रहा है.
वीडियो में अव्यवस्था से नाराज युवक कह रहा है कि 'मेरा बाप तड़प रहा है, मैं हाथ जोड़ रहा हूं, लेकिन कोई देखने नहीं आ रहा. मैं कह रहा हूं कि इंजेक्शन की पर्ची लिखकर दो, मैं ले आऊंगा, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जब वे मर जाएंगे, तब उनका इलाज होगा क्या?' इस वीडियो को देखकर किसी का भी दिल दहल जाएगा.
बता दें कि इंडोर स्टेडियम में संचालित कोविड केयर अस्पताल में 250 लोगों का इलाज चल रहा है. अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है. अव्यवस्था को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं.
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भाजपा पार्षद ने सरकार को घेरा
भाजपा पार्षद मृत्युंजय दुबे ने कहा कि इंडोर स्टेडियम कोविड-19 सेंटर में एक के बाद एक मौतें हो रही हैं. उन्होंने बताया कि ब्राह्मण पारा निवासी हेमन्त शर्मा के पिता को सुबह रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगना था. परिजनों ने 2 इंजेक्शन की व्यवस्था भी कर ली थी, लेकिन शाम 4 बजे तक इंजेक्शन लगाने वाला वहां कोई माैजूद नहीं था.
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम से उम्मीद की जाती है कि इंडोर स्टेडियम में कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाना, दवाइयां और डॉक्टरों की टीम उपलब्ध कराया जाए.
भाजपा पार्षद मृत्युंजय दुबे ने सीएमएचओ डॉक्टर मीरा बघेल के साथ हुई पार्षदों की वर्चुअल बैठक में भी टेस्टिंग, ट्रेसिंग और मरीजाें को जल्द ट्रीटमेंट में सुधार की मांग की थी. पार्षद का कहना है कि अब भी सही तरीके से जांच नहीं हो रही है. लोग परेशान हैं.
कोरोना टेस्टिंग को लेकर शिकायत
पार्षद ने बताया कि डंगनिया पानी टंकी स्थित जांच केन्द्र में केवल 25 टेस्टिंग किट लेकर स्वास्थ्य अमला पहुंचा था. लाइन में लगे अधिकांश लोगों की जांच नहीं हो पाई. अश्विनी नगर निवासी गगन थवाइत भी 12 अप्रैल को सेक्टर 2 डीडी नगर में बनाए जांच केन्द्र में गया लेकिन उसकी RT-PCR जांच नहीं हो पाई.
एंटीजन जांच रिपोर्ट में गगन की रिपोर्ट निगेटिव थी. सुबह 6 बजे गगन थवाइत ने फोन कर उन्हें बताया कि उसका ऑक्सीजन लेवल 70 के आसपास है. उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है. परिजन उसे एम्स हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में लेकर गए. तब 7.30 बजे उसे ऑक्सीजन लगाया गया. वह जीवन और माैत के बीच संघर्ष कर रहा है. ऐसे ही सैकड़ों लोग प्रतिदिन जांच केंद्रों से लौट रहे हैं और बाद में ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहे हैं.