जामनगर: गुजरात के जामनगर में कोरोना महामारी की वजह से 24 घंटें में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. लोग अपने रिश्तेदारों के शवों को उनके मूल स्थानों पर नहीं ले जाना चाहते हैं और शवों का अंतिम संस्कार शहर में करने की कोशिश कर रहे हैं
इस वजह से शहर के दोनों शवदाह गृहों शवों को अंतिम संस्कार करने में समय लग रहा है. एक शव का अंतिम संस्कार करने में आधे घंटे या उससे अधिक समय लग सकता है. लगातार बढ़ रही मौतों के मद्देनजर जामनगर शहर के बाहरी इलाके में नगाड़ी में एक नया शवदाहगृह खोला गया है.
नगाड़ी के नए शवदाहगृह में कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार मुफ्त में हो रहा है.
बाहर से भी मरीज जामनगर आ रहे हैं
मोरबी और राजकोट जिलों से कोरोना संक्रमित लोग जामनगर के सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं. इनमें से कई लोगों की मौत हो जाती है. जामनगर कोविड अस्पताल के बाहर 70 से 80 एम्बुलेंस की लंबी कतार लगी रहती है.
दाहसंस्कार के लिए इंतजार की अवधि
ईटीवी भारत से बात करते हुए ट्रस्टी वास्तुभाई केशवाला कहा कि कई लोग कोरोना महामारी से मर रहे हैं. जिस वजह से शवदाहगृह में शवों का अंतिम संस्कार करने में समय लग रहा है. इसके अलावा कई शव लावारिस पाए जाते हैं. इसलिए, कबीर आश्रम और समरपान अस्पताल के ट्रस्टी होने के नाते उन्होंने खुद एक नया श्मशान शुरू करने का फैसला किया.
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रातभर की भीतर नगाड़ी शवदाहगृह की स्थापना
कोविड पीड़ितों और अन्य लोगों के शव लगातार जामनगर के आदर्श और गांधीनगर के शवदाहगृह में लाए जाते हैं. इस वजह से शवदाह गृहों में अंतिम संस्कार करने में टाइम लग रहा है. इसलिए, सभी आवश्यक सुविधा के साथ नगाड़ी में नया शवदाह गृह खोला गया है. इस शवदाह गृह में हर दिन 20 से 24 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.